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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Wed, 20 Apr 2022 11:23 AM IST
सार
गुरुद्वारा गुरु का ताल में गुरु महाराज के 400वें प्रकाश पर्व पर विशेष कीर्तन दरबार के साथ फूलों का दिवान सजेगा। दूरदराज से संगत कीर्तन दरबार में शामिल होगी।
सिख धर्म के नौवें गुरु श्री गुरु तेगबहादुर साहिब के पग 375 साल पहले आगरा की माटी पर पड़े। इससे आगरा की धरती पावन हो गई। उनके चरण जिस जगह पड़े, सिकंदरा क्षेत्र के उस स्थल का नाम पड़ गया गुरु का ताल। गुरु महाराज के 400 वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा दुख निवारण गुरु के ताल पर 21 अप्रैल को भव्य आयोजन होगा। इस दौरान भजन कीर्तन भी होगा।
गुरुद्वारा प्रमुख संत बाबा प्रीतम सिंह ने बताया कि देशभर में गुरु तेग बहादुर साहिब का 400 वां प्रकाश पर्व 21 अप्रैल को धूमधाम से मनेगा। इसके लिए गुरुद्वारा दुख निवारण गुरु का ताल में बृहस्पतिवार को विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अमृतसर के रागी जरनैल सिंह और हरदीप सिंह कीर्तन करेंगे।
गुरुद्वारा में होगी भव्य सजावट
गुरु महाराज के 400वें प्रकाश पर्व पर विशेष कीर्तन दरबार के साथ फूलों का दिवान सजेगा। दूरदराज से संगत कीर्तन दरबार में शामिल होगी। गुरुद्वारा पर भव्य सजावट भी होगी। कल शाम को रागी जत्थे छह से 10 बजे तक कीर्तन सुनाकर संगत को निहाल करेंगे। सभी संगत आयोजन में शामिल होकर पुण्य कमाएं।
यहीं से औरगंजेब को दी थी गिरफ्तारी
गुरुद्वारा गुरु के ताल के मीडिया प्रभारी मास्टर गुरनाम सिंह ने बताया कि श्री गुरु तेगबहादुर साहिब 1675 में आगरा अपने श्रद्धालु हसन अली से मिलने आए थे। ये भेड़ बकरियां चराता था और गुरु महाराज का सेवक था। गुरु महाराज जिस स्थान पर बैठे, उसे अब गुरु के ताल के नाम से जानते हैं। यहां से ही गुरु महाराज ने औरंगजेब को गिरफ्तारी दी, जिन्हें मुगल सैनिक दिल्ली चांदनी चौक ले गए।
विस्तार
सिख धर्म के नौवें गुरु श्री गुरु तेगबहादुर साहिब के पग 375 साल पहले आगरा की माटी पर पड़े। इससे आगरा की धरती पावन हो गई। उनके चरण जिस जगह पड़े, सिकंदरा क्षेत्र के उस स्थल का नाम पड़ गया गुरु का ताल। गुरु महाराज के 400 वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा दुख निवारण गुरु के ताल पर 21 अप्रैल को भव्य आयोजन होगा। इस दौरान भजन कीर्तन भी होगा।
गुरुद्वारा प्रमुख संत बाबा प्रीतम सिंह ने बताया कि देशभर में गुरु तेग बहादुर साहिब का 400 वां प्रकाश पर्व 21 अप्रैल को धूमधाम से मनेगा। इसके लिए गुरुद्वारा दुख निवारण गुरु का ताल में बृहस्पतिवार को विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अमृतसर के रागी जरनैल सिंह और हरदीप सिंह कीर्तन करेंगे।
गुरुद्वारा में होगी भव्य सजावट
गुरु महाराज के 400वें प्रकाश पर्व पर विशेष कीर्तन दरबार के साथ फूलों का दिवान सजेगा। दूरदराज से संगत कीर्तन दरबार में शामिल होगी। गुरुद्वारा पर भव्य सजावट भी होगी। कल शाम को रागी जत्थे छह से 10 बजे तक कीर्तन सुनाकर संगत को निहाल करेंगे। सभी संगत आयोजन में शामिल होकर पुण्य कमाएं।
यहीं से औरगंजेब को दी थी गिरफ्तारी
गुरुद्वारा गुरु के ताल के मीडिया प्रभारी मास्टर गुरनाम सिंह ने बताया कि श्री गुरु तेगबहादुर साहिब 1675 में आगरा अपने श्रद्धालु हसन अली से मिलने आए थे। ये भेड़ बकरियां चराता था और गुरु महाराज का सेवक था। गुरु महाराज जिस स्थान पर बैठे, उसे अब गुरु के ताल के नाम से जानते हैं। यहां से ही गुरु महाराज ने औरंगजेब को गिरफ्तारी दी, जिन्हें मुगल सैनिक दिल्ली चांदनी चौक ले गए।
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