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गोरखपुर के खोराबार इलाके के रायगंज में प्रीति और उसके माता-पिता की हत्या का आरोपी आलोक पासवान करीब एक साल से प्रीति को परेशान करता था। 20 दिन पहले प्रीति की शादी तय होने के साथ ही सगाई भी हुई थी। इसकी भनक लगते ही आलोक रायगंज स्थित अपने ननिहाल पहुंच गया था। खबर है कि उसने घर पर चढ़कर तांडव किया था, लेकिन प्रीति के पिता गामा ने उसे भगा दिया था। इसे लेकर गांव के संभ्रात लोगों ने पंचायत भी की थी और बिना पुलिस को सूचना दिए ही मामले को निपटा दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, प्रीति की शादी तय होने की जानकारी के बाद से ही आलोक आए दिन गांव में पहुंचने लगा था। बताया जा रहा है कि एक साल पहले मामला सामने आने पर आलोक के मामा महेंद्र पासवान ने उसे अपने घर से भगा दिया था। इसके बाद भी वह गांव में आता-जाता था।
चार महीने पहले प्रीति के पिता ने की थी शिकायत
करीब चार महीने पहले गामा जब विदेश से लौटे थे तो उन्हें गांव के महेंद्र पासवान के भांजे आलोक पासवान की हरकतों की जानकारी हुई। मामला गांव का होने की वजह से उन्होंने इसकी शिकायत महेंद्र से की थी। महेंद्र ने मारपीट कर आलोक को भगा दिया था, लेकिन इसके बाद भी वह गांव आता जाता था। इसे लेकर तब भी पंचायत हुई थी। उस समय भी पुलिस में शिकायत नहीं दर्ज कराई गई थी।
पुलिस से मांगी होती मदद तो शायद नहीं जातीं तीन जानें
जिस तरह से एक ही रात तीन लोगों की जान चली गई, उसके पीछे आलोक की हरकतों की अनदेखी करना सामने आया है। अब गांव में पंचायत कर मामले को रफा-दफा कराने वाले संभ्रात लोग ही यह बोलने लगे हैं कि शायद पुलिस में शिकायत की गई होती और पुलिस कार्रवाई करती तो आलोक का हौसला टूट जाता।
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