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सार
छलेसर स्थित भगवान गणेश के नवनिर्मित अष्टकोणीय वरद वल्लभा गणपति मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया है। भगवान गणपति प्रतिदिन सुबह 7 से 11 और शाम को 5 से रात 8:30 बजे तक भक्तों को दर्शन देंगे।
आगरा के छलेसर में नवनिर्मित अष्टकोणीय वरद वल्लभा गणपति मंदिर के तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंतिम दिन बृहस्पतिवार को ओम की आकर्षक प्रतिकृति के साथ भगवान गणपति सिंहासन पर विराजमान हुए और उनका पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। भगवान गणपति की यह प्रतिमा 10 फीट ऊंची और 8 फुट चौड़ी है।
प्राण प्रतिष्ठा में कांचीपुरम के पंडित सबरी राजन और भरनी धरन आर. सहित दक्षिण भारत के आठ पंडितों ने 121 मंगल कलशों के जल, दूध और पंचामृत से भगवान गणपति का महाअभिषेक किया। ओम महा गणपतये नम: की धुन गूंजती रही। भगवान का साफा, फूल माला, मस्तक पर त्रिपुंड, दोनों हाथों में कमल और कमर तक सफेद धोती के साथ आकर्षक शृंगार किया गया। आरती उतारी गई। वरद वल्लभा गणपति के दर्शन कर भक्त निहाल हो गए।
भक्तों के लिए प्रतिदिन इस समय खुलेगा मंदिर
एनआरएल ग्रुप के चेयरमैन हरि मोहन गर्ग ने बताया कि अब प्रतिदिन सुबह 7 से 11 और शाम को 5 से रात 8:30 बजे तक भक्त भगवान के दर्शन कर सकेंगे। मौके पर साधना गर्ग, यतेंद्र कुमार गर्ग, जानकी गर्ग, सुनीता गर्ग, रोहित गर्ग, रिद्धि गर्ग, सिद्धांत गर्ग, अदिति गर्ग, नीरज गर्ग, मेघा गर्ग, रौनक, सृष्टि, दीपक गर्ग, दिव्यांशी गर्ग, वरदान, इनाया, मायरा, वान्या हर्षवर्धन, मिथिलेश, भूपेंद्र अग्रवाल, सुशीला, कैलाश चंद्र सिंघल, मुकेश नेचुरल, ललित मौजूद रहे।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए किया नाड़ी संतानम
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में यज्ञशाला पूजा, स्पर्श आहुति के बाद नाड़ी संतानम क्रिया से भगवान गणेश के सिर से पैर तक पूरे शरीर को जीवन प्रदान किया गया। फिर मंदिर में गणपति की प्राण प्रतिष्ठा करते हुए मंत्रों से प्रतिमा में प्राण शक्ति का प्रवेश कराया गया।
कुंभाभिषेकम भी रहा खास
मंदिर के शिखर पर विराजमान कलश तक क्रेन से पहुंचकर पंडित सबरी राजन ने कुंभाभिषेकम किया और शिखर के कलश पर मोर पंख लगाया। ध्वज पताका फहराई। जलाभिषेक किया। यह आयोजन भी बेहद खास रहा।
विस्तार
आगरा के छलेसर में नवनिर्मित अष्टकोणीय वरद वल्लभा गणपति मंदिर के तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंतिम दिन बृहस्पतिवार को ओम की आकर्षक प्रतिकृति के साथ भगवान गणपति सिंहासन पर विराजमान हुए और उनका पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। भगवान गणपति की यह प्रतिमा 10 फीट ऊंची और 8 फुट चौड़ी है।
प्राण प्रतिष्ठा में कांचीपुरम के पंडित सबरी राजन और भरनी धरन आर. सहित दक्षिण भारत के आठ पंडितों ने 121 मंगल कलशों के जल, दूध और पंचामृत से भगवान गणपति का महाअभिषेक किया। ओम महा गणपतये नम: की धुन गूंजती रही। भगवान का साफा, फूल माला, मस्तक पर त्रिपुंड, दोनों हाथों में कमल और कमर तक सफेद धोती के साथ आकर्षक शृंगार किया गया। आरती उतारी गई। वरद वल्लभा गणपति के दर्शन कर भक्त निहाल हो गए।
भक्तों के लिए प्रतिदिन इस समय खुलेगा मंदिर
एनआरएल ग्रुप के चेयरमैन हरि मोहन गर्ग ने बताया कि अब प्रतिदिन सुबह 7 से 11 और शाम को 5 से रात 8:30 बजे तक भक्त भगवान के दर्शन कर सकेंगे। मौके पर साधना गर्ग, यतेंद्र कुमार गर्ग, जानकी गर्ग, सुनीता गर्ग, रोहित गर्ग, रिद्धि गर्ग, सिद्धांत गर्ग, अदिति गर्ग, नीरज गर्ग, मेघा गर्ग, रौनक, सृष्टि, दीपक गर्ग, दिव्यांशी गर्ग, वरदान, इनाया, मायरा, वान्या हर्षवर्धन, मिथिलेश, भूपेंद्र अग्रवाल, सुशीला, कैलाश चंद्र सिंघल, मुकेश नेचुरल, ललित मौजूद रहे।
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