आगरा मंदिर प्रकरण: नोटिस की मियाद खत्म, सम्मानजनक समाधान के लिए रेलवे अब वार्ता की पटरी पर

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सार

रेलवे ने मंदिर प्रबंधन को 20 अप्रैल को नोटिस भेजा था। मंदिर प्रबंधन को 10 दिन का समय दिया था, जिसकी मियाद 30 अप्रैल को खत्म हो गई है।

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आगरा के राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर स्थित मां चामुंडा देवी मंदिर को हटाने के संबंध में 10 दिन का समय दिया गया था, जिसकी मियाद आज खत्म हो गई है। कड़े विरोध के बाद अब रेलवे ने प्रकरण को वार्ता से सुलझाने का रास्ता सुझाया है। मंडल रेल प्रबंधक आनंद स्वरूप ने शुक्रवार को स्पष्ट किया है कि मंदिर के संबंध में सम्मानजनक हल खोजने की दिशा में काम करेंगे। इसमें जिला प्रशासन, मंदिर प्रबंधन और रेलवे के अधिकारी बातचीत से ही इस मुद्दे का सम्मानजनक समाधान तलाश करेंगे। 

राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक में मंदिर के 72 वर्ग मीटर के हिस्से को यात्रियों की सुरक्षा और प्लेटफॉर्म के विस्तार में बाधक बताते हुए रेलवे ने मंदिर प्रबंधन को 20 अप्रैल को नोटिस भेजा था। मंदिर प्रबंधन को 10 दिन का समय दिया था, जिसकी मियाद 30 अप्रैल को खत्म हो गई है। नोटिस के बाद से ही विरोध शुरू हो गया। 26 अप्रैल को डीआरएम ने मंदिर हटाने को लेकर ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट करने के बाद विरोध तेज हो गया। 

हिंदूवादी संगठनों ने किया है विरोध 

मंदिर कमेटी के साथ ही हिंदू संगठनों ने व्यापक विरोध किया। डीएम, एसएसपी ने भी मंदिर स्थल का मुआयना किया। शुक्रवार को मंडल रेल प्रबंधक आनंद स्वरूप ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि राजा की मंडी स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा अपनी जगह है, लेकिन लोगों की आस्था का भी ध्यान रखना होगा। राजा की मंडी स्टेशन सेंट्रली लोकेटेड होने के कारण सैकड़ों लोगों की रोजी रोटी का जरिया है। 

इस प्रकरण का समाधान सभी पक्षों से सम्मानजनक वार्ता के माध्यम से ही निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन भी इसमें एक स्टेक होल्डर है, उसके साथ भी वार्ता होगी। जिलाधिकारी से इस मुद्दे पर बातचीत हुई है। मंदिर के सिलसिले में सम्मानजनक हल निकालने की दिशा में रेलवे कार्य करेगा। हमें उम्मीद है कि एक आदरपूर्वक समाधान निकलेगा।

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विस्तार

आगरा के राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर स्थित मां चामुंडा देवी मंदिर को हटाने के संबंध में 10 दिन का समय दिया गया था, जिसकी मियाद आज खत्म हो गई है। कड़े विरोध के बाद अब रेलवे ने प्रकरण को वार्ता से सुलझाने का रास्ता सुझाया है। मंडल रेल प्रबंधक आनंद स्वरूप ने शुक्रवार को स्पष्ट किया है कि मंदिर के संबंध में सम्मानजनक हल खोजने की दिशा में काम करेंगे। इसमें जिला प्रशासन, मंदिर प्रबंधन और रेलवे के अधिकारी बातचीत से ही इस मुद्दे का सम्मानजनक समाधान तलाश करेंगे। 

राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक में मंदिर के 72 वर्ग मीटर के हिस्से को यात्रियों की सुरक्षा और प्लेटफॉर्म के विस्तार में बाधक बताते हुए रेलवे ने मंदिर प्रबंधन को 20 अप्रैल को नोटिस भेजा था। मंदिर प्रबंधन को 10 दिन का समय दिया था, जिसकी मियाद 30 अप्रैल को खत्म हो गई है। नोटिस के बाद से ही विरोध शुरू हो गया। 26 अप्रैल को डीआरएम ने मंदिर हटाने को लेकर ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट करने के बाद विरोध तेज हो गया। 

हिंदूवादी संगठनों ने किया है विरोध 

मंदिर कमेटी के साथ ही हिंदू संगठनों ने व्यापक विरोध किया। डीएम, एसएसपी ने भी मंदिर स्थल का मुआयना किया। शुक्रवार को मंडल रेल प्रबंधक आनंद स्वरूप ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि राजा की मंडी स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा अपनी जगह है, लेकिन लोगों की आस्था का भी ध्यान रखना होगा। राजा की मंडी स्टेशन सेंट्रली लोकेटेड होने के कारण सैकड़ों लोगों की रोजी रोटी का जरिया है। 

इस प्रकरण का समाधान सभी पक्षों से सम्मानजनक वार्ता के माध्यम से ही निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन भी इसमें एक स्टेक होल्डर है, उसके साथ भी वार्ता होगी। जिलाधिकारी से इस मुद्दे पर बातचीत हुई है। मंदिर के सिलसिले में सम्मानजनक हल निकालने की दिशा में रेलवे कार्य करेगा। हमें उम्मीद है कि एक आदरपूर्वक समाधान निकलेगा।

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