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उन्नाव। जिले में बिजली संकट गहरा गया है। अघोषित कटौती से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग परेशान हैं।
जिले में बिजली की मांग 1.17 लाख यूनिट तक पहुंच गई है जबकि 94 हजार यूनिट बिजली ही मिल रही है। ग्रिड पर तो पूरी बिजली आ रही है लेकिन रायबरेली और हरदोई को भी सोनिक ग्रिड से चलाया जा रहा है। एक्सईएन ट्रांसमिशन डीपी गुप्ता ने बताया कि करीब 15 फीसदी खपत बढ़ गई है। अभी ये और बढ़ेगी। शनिवार को दिशा की बैठक के दौरान पुरवा विधायक अनिल सिंह और भगवंतनगर विधायक आशुतोष शुक्ला ने बताया कि रात में एक-दो बजे उनके मोबाइल पर लोग बिजली कटौती को लेकर फोन कर रहे हैं। इस पर अधीक्षण अभियंता सुबोध सिंह से कहा गया कि शेडयूल निर्धारित कर दीजिए।
बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री को अवगत कराया गया है। जब तक इकाइयों में कोयला संकट दूर नहीं होगा तब तक स्थिति में सुधार नहीं हो सकता है। फिर भी जो बिजली मिल रही है उसी के अनुरूप आपूर्ति की जा रही है। – सुबोध सिंह, अधीक्षण अभियंता
ग्रामीण क्षेत्रों में पांच घंटे ही आपूर्ति
पुरवा। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। स्थिति यह है कि 22 घंटे विद्युत आपूर्ति की जगह सिर्फ पांच से छह घंटे ही उपभोक्ताओं को बिजली मिल रही है। भीषण गर्मी और उसमें बिजली न आने से सभी बेहाल हैं।
बिजली विभाग के रोस्टर के मुताबिक शहरी क्षेत्र में 24 घंटे व ग्रामीण क्षेत्रों में 22 घंटे विद्युत आपूर्ति की बात कही जा रही है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। शहरी क्षेत्र में कुछ हद तक स्थितियां ठीक हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की लुकाछिपी जारी है। कभी फाल्ट, कभी ट्रांसफार्मर खराब होने की बात कहकर 10 से 12 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है।
शाम को 7-10 और रात में दो बजे से सुबह 6 बजे तक उसके बाद 8-10 बजे तक चल रही रोस्टिंग से जनता त्रस्त है। स्थिति यह है कि ग्रामीणों की नींद भी पूरी नहीं हो पा रही है। इससे वह बीमार भी हो रहे हैं।
क्षेत्रीय उपभोक्ताओं में अन्नू बाजपेई, मुकेश शुक्ला, गोविंद दीक्षित, मीनू, सुमन तिवारी, उमातिवारी, रेखा त्रिवेदी व सोनम ने कहा कि पहले ही आसमान से आग बरस रही है। उस पर बिजली कटौती ने परेशान कर रखा है। रातों की नींद उड़ी हुई है। जेई अशोक पाल ने बताया कि उपलब्धता के हिसाब से आपूर्ति दी जा रही है। जैसे संकट दूर होगा, आपूर्ति ठीक होगी। (संवाद)
उन्नाव। जिले में बिजली संकट गहरा गया है। अघोषित कटौती से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग परेशान हैं।
जिले में बिजली की मांग 1.17 लाख यूनिट तक पहुंच गई है जबकि 94 हजार यूनिट बिजली ही मिल रही है। ग्रिड पर तो पूरी बिजली आ रही है लेकिन रायबरेली और हरदोई को भी सोनिक ग्रिड से चलाया जा रहा है। एक्सईएन ट्रांसमिशन डीपी गुप्ता ने बताया कि करीब 15 फीसदी खपत बढ़ गई है। अभी ये और बढ़ेगी। शनिवार को दिशा की बैठक के दौरान पुरवा विधायक अनिल सिंह और भगवंतनगर विधायक आशुतोष शुक्ला ने बताया कि रात में एक-दो बजे उनके मोबाइल पर लोग बिजली कटौती को लेकर फोन कर रहे हैं। इस पर अधीक्षण अभियंता सुबोध सिंह से कहा गया कि शेडयूल निर्धारित कर दीजिए।
बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री को अवगत कराया गया है। जब तक इकाइयों में कोयला संकट दूर नहीं होगा तब तक स्थिति में सुधार नहीं हो सकता है। फिर भी जो बिजली मिल रही है उसी के अनुरूप आपूर्ति की जा रही है। – सुबोध सिंह, अधीक्षण अभियंता
ग्रामीण क्षेत्रों में पांच घंटे ही आपूर्ति
पुरवा। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। स्थिति यह है कि 22 घंटे विद्युत आपूर्ति की जगह सिर्फ पांच से छह घंटे ही उपभोक्ताओं को बिजली मिल रही है। भीषण गर्मी और उसमें बिजली न आने से सभी बेहाल हैं।
बिजली विभाग के रोस्टर के मुताबिक शहरी क्षेत्र में 24 घंटे व ग्रामीण क्षेत्रों में 22 घंटे विद्युत आपूर्ति की बात कही जा रही है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। शहरी क्षेत्र में कुछ हद तक स्थितियां ठीक हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की लुकाछिपी जारी है। कभी फाल्ट, कभी ट्रांसफार्मर खराब होने की बात कहकर 10 से 12 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है।
शाम को 7-10 और रात में दो बजे से सुबह 6 बजे तक उसके बाद 8-10 बजे तक चल रही रोस्टिंग से जनता त्रस्त है। स्थिति यह है कि ग्रामीणों की नींद भी पूरी नहीं हो पा रही है। इससे वह बीमार भी हो रहे हैं।
क्षेत्रीय उपभोक्ताओं में अन्नू बाजपेई, मुकेश शुक्ला, गोविंद दीक्षित, मीनू, सुमन तिवारी, उमातिवारी, रेखा त्रिवेदी व सोनम ने कहा कि पहले ही आसमान से आग बरस रही है। उस पर बिजली कटौती ने परेशान कर रखा है। रातों की नींद उड़ी हुई है। जेई अशोक पाल ने बताया कि उपलब्धता के हिसाब से आपूर्ति दी जा रही है। जैसे संकट दूर होगा, आपूर्ति ठीक होगी। (संवाद)
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