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सार
एटा में सपा नेता भाईयों पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व विधायक का सियासी वर्चस्व तोड़ने का सिलसिला जारी है। दोनों को प्रशासन पूर्व में भूमाफिया भी घोषित कर चुका है। दोनों ही लोग गैंगस्टर के मामले में पहले से फरार चल रहे हैं। अब उनके परिजनों पर एफआईआर दर्ज हुई है।
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विस्तार
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में सपा के कद्दावर नेताओं में शामिल पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और उनके भाई अलीगंज के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। दोनों ही लोग गैंगस्टर के मामले में पहले से फरार चल रहे हैं। अब उनके परिवार की भी मुसीबत बढ़ने लगी है। जैथरा थाने में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष की पत्नी व वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा देवी, जैथरा की ब्लॉक प्रमुख शीला देवी सहित छह लोगों पर सरकारी जमीन पर कब्जे की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
गढ़ी रोशन क्षेत्र के लेखपाल शिवा सक्सेना ने जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख सहित अलीगंज के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव की पत्नी राममूर्ति देवी, विक्रांत, अमनेश व किताबश्री पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। बताया कि परगना आजम नगर के गांव गढ़ी रोशन में गाटा संख्या 279 रकवा 10.416 हेक्टेयर एक संघटक गाटा संख्या है। यह भूमि पट्टे की थी। इसको किताब श्रीराममूर्ति देवी, शीला देवी व रेखा देवी निवासीगण अमृतपुर रघुपुर के नाम से खरीदा गया।
वर्ष 2008 में यह भूमि राज्य सरकार के अधीन चली गई, लेकिन आरोपियों ने कब्जा कर यहां आरएस ईंट भट्ठा ललहट के नाम से संचालित कर लिया। जिसे ध्वस्त करा एक अप्रैल 2022 को कब्जा मुक्त करा जा चुका है। गढ़ी रोशन की गाटा संख्या 292 के रकवा 0.514 में विक्रांत व अवनेश यादव ने आरएस कोल्ड स्टोर संचालित कर रखा है। इसके उत्तर दिशा में स्थिति 0.032 हेक्टेअर पर अवैध कब्जा कर पश्चिम दिशा में तालाब की भूमि 0.012 हेक्टेअर को कोल्ड स्टोर में मिला लिया। कब्जा की गई भूमि को खाली कर लिया गया है। एसएसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि गांव गढ़ी रोशन में सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला है। जिसमें क्षेत्रीय लेखपाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामले की विवेचना शुरू कर दी गई है।
जारी है वर्चस्व तोड़ने का सिलसिला
दोनों ही सपा नेताओं का सियासी वर्चस्व तोड़ने का सिलसिला पंचायत चुनाव से पहले शुरू हो गया था। दोनों नेता सबसे ज्यादा सरकारी जमीनों को घेरने में फंसे हैं। इस पर लगातार कार्रवाई चल रही हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से पहले जहां इनके शहर में मंडी समिति के पास बने दो मंजिला मार्केट को ध्वस्त कराया गया। वहीं पास में ही फार्म हाउस पर कार्रवाई कर वहां से भी सरकारी जमीन मुक्त कराई गई।
भाजपा सरकार आते ही खंगाले गया रिकॉर्ड
हालांकि उस चुनाव में उनका वर्चस्व टूट नहीं सका था और जुगेंद्र सिंह की पत्नी रेखा यादव जिला पंचायत अध्यक्ष चुन ली गईं। इसके बाद कार्रवाई का सिलसिला भी धीमा पड़ गया था। प्रदेश में भाजपा सरकार के दोबारा बनने पर फिर उनका रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया गया। यहां तक कि सरकारी व निजी जमीनों को हड़पने को लेकर दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।
कोतवाली नगर में 19 अप्रैल को दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। इसमें रामेश्वर सिंह को गैंगलीडर और जुगेंद्र सिंह को गैंग का सक्रिय सदस्य बताया गया। दोनों की तलाश में 24 अप्रैल को शहर में प्रेमनगर और जसरथपुर थाना क्षेत्र के गांव अमृतपुर रघूपुर में दबिश भी दी गईं। दोनों को प्रशासन पूर्व में भूमाफिया भी घोषित कर चुका है।
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