ताजमहल के तहखाने के कमरों को खोलने की हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई टल गई, लेकिन यह विवाद गहरा गया है। इन विवादों को नाता सीधे सीधे पर्यटन उद्योग से है, जो पूरी तरह से ताजमहल पर निर्भर है। पर्यटन उद्योग के लोगों का भी मानना है कि ताजमहल जब तक पर्यटकों के लिए खुला था, तब तक कोई विवाद पनप नहीं पाया, लेकिन जैसे ही सैलानियों के लिए ताजमहल के हिस्सों को बंद किया गया और ताले लगने शुरू हुए, वैसे वैसे विवाद गहराता चला गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 50 वर्षों में ताजमहल का बड़ा हिस्सा पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है। सैलानियों की दूरी जैसे-जैसे ताज से बढ़ी, वैसे वैसे ताज के तहखाने और धार्मिक नजरिए से देखने का विवाद गहराता चला गया।
सबसे पहले मीनारें, फिर तहखाना किया बंद
ताजमहल की चारों मीनारों में पर्यटक पहले न केवल घूम फिर सकते थे, बल्कि सबसे ऊपर भी पहुंच सकते थे, लेकिन कई पर्यटक जोड़ों द्वारा मीनारों से कूदकर आत्महत्या करने के मामलों पर सुरक्षा कारणों से इन्हें सबसे पहले बंद किया गया। ताजगंज निवासी और खुद्दाम ए रोजा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरुद्दीन ताहिर बताते हैं कि आत्महत्या के मामलों के बाद मीनारों पर प्रवेश बंद कर दिया गया और मीनारों में नीचे दरवाजों पर ताला लगाया गया। 1970 के दशक में मीनारें बंद होने के बाद तहखानों को बंद किया गया।
जिन दरवाजों से आए शहंशाह, उन्हीं को कर दिया बंद
ताजमहल में एएसआई ने न केवल मीनारों और तहखाने को बंद किया, बल्कि उत्तरी दीवार के दोनों दरवाजे बंद कर दिए, जहां से कभी शहंशाह शाहजहां ताजमहल आते थे। आगरा किले से ताजमहल तक नाव के जरिए वह उत्तरी दरवाजों से ही पहुंचते थे और सीढ़ियों के जरिए चमेली फर्श तक पहुंचते थे। एएसआई ने 1978 की बाढ़ के बाद यमुना किनारे की उत्तरी दीवार पर दोनों दरवाजों को हटाकर उनकी जगह लाल ईंटों की दीवार से उन्हें बंद कर दिया गया। ताजमहल के उत्तरी छोर का मूल स्वरूप इससे बिगड़ गया।
स्टडी टूर या विशेष मौकों पर खोलें बंद हिस्से
यूपी टूरिज्म गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने कहा कि बार बार ताजमहल के नाम पर विवाद हो रहा है। इसका दुष्प्रभाव पर्यटन उद्योग को झेलना पड़ सकता है। विवाद को शांत करना है तो एक बार वीडियोग्राफी करा ली जाए ताकि दोबारा यह विवाद न उठें।
आगरा टूरिज्म डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप अरोड़ा ने कहा कि इन विवादों को शांत करने का एक ही तरीका है कि विशेष मौकों पर ताज के बंद हिस्सों को स्टडी टूर के लिए खोल दिया जाए। भले ही इनकी संख्या निश्चित कर दी जाए। एएसआई को इन विवादों को शांत करने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए।
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने कहा कि जैसे नाइटव्यू में पर्यटकों की संख्या तय है, ऐसा ही बंद हिस्सों को खोलने में क्यों नहीं करते। विशेष मौकों पर या अतिरिक्त टिकट लगाकर सीमित संख्या कर दी जाए, इससे यह विवाद खत्म हो जाएंगे। इन विवादों का नुकसान आगरा को हो रहा है।