जिले के 224 स्कूलों की मियाद पूरी, जर्जर घोषित

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उन्नाव/औरास। जिले में संचालित परिषदीय स्कूलों में 224 स्कूल ऐसे हैं जो मियाद पूरी कर चुके हैं। जांच के बाद उन्हें जर्जर घोषित कर दिया गया है। इन स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब दूसरे स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। जर्जर स्कूलों की नीलामी कराकर जल्द ध्वस्त किया जाएगा। खास बात ये है कि इनमें 24 स्कूल 15 साल भी न चल पाए।
जिले के 16 ब्लॉक व नगर क्षेत्र मिलाकर 2305 प्राथमिक व 803 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। अलग-अलग विकासखंडों में 224 स्कूल जर्जर हैं।
इसमें दो दर्जन भवन ऐसे हैं जिनका निर्माण 15 साल पहले ही हुआ है। खराब गुणवत्ता के कारण ये भवन जर्जर हो गए। अधिकांश भवन काफी पुराने थे। इन भवनों में सुरक्षित पठन पाठन का माहौल नहीं बन पा रहा था। एक्सईएन पीडब्ल्यूडी व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के जेई की जांच रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों को जर्जर घोषित किया गया है।
औरास ब्लॉक में जर्जर स्कूलों में प्राथमिक विद्यालय टिकरा सामद, प्राथमिक विद्यालय बयारी गांव द्वितीय, प्राथमिक विद्यालय बड़ादेव प्रथम, प्राथमिक विद्यालय बछौली द्वितीय, प्राथमिक विद्यालय सीमऊ, प्राथमिक विद्यालय गोबरा, प्राथमिक विद्यालय पुरथ्यांवा, प्राथमिक विद्यालय पूराचांद, प्राथमिक विद्यालय सैदापुर और उच्च प्राथमिक विद्यालय धमियाना शामिल हैं।
बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि नगर क्षेत्र व सोलह ब्लॉकों में 224 जर्जर स्कूल चिह्नित हुए हैं। जल्द ही इन्हें ध्वस्त कराया जाएगा।
365 स्कूलों का कायाकल्प शेष
परिषदीय स्कूलों को सुंदर बनाने के लिए साल 2018 में ऑपरेशन कायाकल्प योजना शुरू हुई थी। इसमें 2600 स्कूलों में 14 वें वित्त से कायाकल्प कराना था लेकिन अभी भी 300 स्कूल ऐसे हैं जो कायाकल्प के लिए तरस रहे हैं। किसी में छत से प्लास्टर गिरता है तो कहीं फर्श उखड़ी हुई है।

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उन्नाव/औरास। जिले में संचालित परिषदीय स्कूलों में 224 स्कूल ऐसे हैं जो मियाद पूरी कर चुके हैं। जांच के बाद उन्हें जर्जर घोषित कर दिया गया है। इन स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब दूसरे स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। जर्जर स्कूलों की नीलामी कराकर जल्द ध्वस्त किया जाएगा। खास बात ये है कि इनमें 24 स्कूल 15 साल भी न चल पाए।

जिले के 16 ब्लॉक व नगर क्षेत्र मिलाकर 2305 प्राथमिक व 803 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। अलग-अलग विकासखंडों में 224 स्कूल जर्जर हैं।

इसमें दो दर्जन भवन ऐसे हैं जिनका निर्माण 15 साल पहले ही हुआ है। खराब गुणवत्ता के कारण ये भवन जर्जर हो गए। अधिकांश भवन काफी पुराने थे। इन भवनों में सुरक्षित पठन पाठन का माहौल नहीं बन पा रहा था। एक्सईएन पीडब्ल्यूडी व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के जेई की जांच रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों को जर्जर घोषित किया गया है।

औरास ब्लॉक में जर्जर स्कूलों में प्राथमिक विद्यालय टिकरा सामद, प्राथमिक विद्यालय बयारी गांव द्वितीय, प्राथमिक विद्यालय बड़ादेव प्रथम, प्राथमिक विद्यालय बछौली द्वितीय, प्राथमिक विद्यालय सीमऊ, प्राथमिक विद्यालय गोबरा, प्राथमिक विद्यालय पुरथ्यांवा, प्राथमिक विद्यालय पूराचांद, प्राथमिक विद्यालय सैदापुर और उच्च प्राथमिक विद्यालय धमियाना शामिल हैं।

बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि नगर क्षेत्र व सोलह ब्लॉकों में 224 जर्जर स्कूल चिह्नित हुए हैं। जल्द ही इन्हें ध्वस्त कराया जाएगा।

365 स्कूलों का कायाकल्प शेष

परिषदीय स्कूलों को सुंदर बनाने के लिए साल 2018 में ऑपरेशन कायाकल्प योजना शुरू हुई थी। इसमें 2600 स्कूलों में 14 वें वित्त से कायाकल्प कराना था लेकिन अभी भी 300 स्कूल ऐसे हैं जो कायाकल्प के लिए तरस रहे हैं। किसी में छत से प्लास्टर गिरता है तो कहीं फर्श उखड़ी हुई है।

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