ई-केवाईसी न कराने वाले किसानों का रुकेगा सम्मान

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उन्नाव। ई-केवाईसी कराने में किसान लापरवाही बरत रहे हैं। अभी तक योजना का लाभ लेने वाले कुल किसानों में 52 फीसदी ने ही ई-केवाईसी कराई है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिना ई-केवाईसी के किसानों को सम्मान निधि का लाभ नहीं दिया जाएग
ई-केवाईसी कराने की अंतिम तिथि 31 मई तय की गई है।
किसान सम्मान निधि में अपात्रों की छटनी के लिए ई-केवाईसी (इंटरनेट नो योर कस्टमर) को पोर्टल पर भरना जरूरी कर दिया गया है। जिले के 16 राजकीय बीज भंडारों पर ई-केवाईसी भरी जा रही है।
पूर्व में प्रक्रिया में मोबाइल नंबर का पंजीकरण जरूरी था व उसी के ओटीपी से पोर्टल पर ई-केवाईसी भरी जा रही थी। हालांकि बीच में सर्वर की समस्या आड़े आई तो बायोमैट्रिक पंजीयन जरूरी कर दिया गया। किसानों को सहूलियत दी गई कि वह अंगूठे का निशान देकर ई-केवाईसी भरवा लें। इसके बाद भी किसान लापरवाही बरत रहे हैं।
जिले में 500343 किसान योजना का लाभ ले रहे हैं। जबकि ई-केवाईसी कराने वाले किसानों की संख्या 52 फीसदी ही है। उपकृषि निदेशक डॉ. मुकुल तिवारी का कहना है कि पीएम सम्मान निधि का लाभ ले रहे सभी किसान ई-केवाईसी जरूर करा लें। ऐसा न करने वाले किसानों की सम्मान निधि रोक दी जाएगी।
किसानों को प्रधानमंत्री किसान निधि पोर्टल पर जाना होगा। पोर्टल पर जाकर ई-केवाईसी का विकल्प आएगा। इस पर संबंधित किसान को अपना आधार नंबर भरना होगा। इसे भरने के बाद किसान के मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा। पोर्टल पर ओटीपी भरकर सबमिट किया जाएगा। यदि मोबाइल से किसान ई-केवाईसी न कर पाएं तो नजदीक के जनसेवा केंद्र पर जाकर इसे भरवा सकते हैं। जनसेवा केंद्र संचालक को 15 रुपये शुल्क देना होगा।
हसनगंज-142675
सदर-108895
पुरवा-101198
बांगरमऊ-81516
सफीपुर-66039
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यह भी पढ़ें -  उन्नाव में नकली नोटों के साथ दो युवकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

उन्नाव। ई-केवाईसी कराने में किसान लापरवाही बरत रहे हैं। अभी तक योजना का लाभ लेने वाले कुल किसानों में 52 फीसदी ने ही ई-केवाईसी कराई है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिना ई-केवाईसी के किसानों को सम्मान निधि का लाभ नहीं दिया जाएग

ई-केवाईसी कराने की अंतिम तिथि 31 मई तय की गई है।

किसान सम्मान निधि में अपात्रों की छटनी के लिए ई-केवाईसी (इंटरनेट नो योर कस्टमर) को पोर्टल पर भरना जरूरी कर दिया गया है। जिले के 16 राजकीय बीज भंडारों पर ई-केवाईसी भरी जा रही है।

पूर्व में प्रक्रिया में मोबाइल नंबर का पंजीकरण जरूरी था व उसी के ओटीपी से पोर्टल पर ई-केवाईसी भरी जा रही थी। हालांकि बीच में सर्वर की समस्या आड़े आई तो बायोमैट्रिक पंजीयन जरूरी कर दिया गया। किसानों को सहूलियत दी गई कि वह अंगूठे का निशान देकर ई-केवाईसी भरवा लें। इसके बाद भी किसान लापरवाही बरत रहे हैं।

जिले में 500343 किसान योजना का लाभ ले रहे हैं। जबकि ई-केवाईसी कराने वाले किसानों की संख्या 52 फीसदी ही है। उपकृषि निदेशक डॉ. मुकुल तिवारी का कहना है कि पीएम सम्मान निधि का लाभ ले रहे सभी किसान ई-केवाईसी जरूर करा लें। ऐसा न करने वाले किसानों की सम्मान निधि रोक दी जाएगी।

किसानों को प्रधानमंत्री किसान निधि पोर्टल पर जाना होगा। पोर्टल पर जाकर ई-केवाईसी का विकल्प आएगा। इस पर संबंधित किसान को अपना आधार नंबर भरना होगा। इसे भरने के बाद किसान के मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा। पोर्टल पर ओटीपी भरकर सबमिट किया जाएगा। यदि मोबाइल से किसान ई-केवाईसी न कर पाएं तो नजदीक के जनसेवा केंद्र पर जाकर इसे भरवा सकते हैं। जनसेवा केंद्र संचालक को 15 रुपये शुल्क देना होगा।

हसनगंज-142675

सदर-108895

पुरवा-101198

बांगरमऊ-81516

सफीपुर-66039

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