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हिलौली। रिश्तेदार की बरात गए युवक की संदिग्धहालात में मौत हो गई। रिश्तेदार ने अगवानी के दौरान घोड़े के लात मारने से हालत बिगड़ने की बात कही है। वहीं युवक की बहन का कहना है कि भाई के शरीर में चोट के निशान है, रिश्तेदार ने ही मारपीट कर उसकी हत्या की है। बहन की तहरीर पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
मौरावां थाना क्षेत्र के मेदपुर हिम्मतखेड़ा निवासी 38 वर्षीय मोनू घर से रविवार को अपने मौसिया ससुर रामनरेश वर्मा के भाई के लड़के की बरात में शामिल होने के लिए पुरवा गया था। रामनरेश वर्मा के अनुसार बरात में शामिल मोनू अगवानी के दौरान नशे की हालत में घोड़ों के बीच चल रहा था।
इसी दौरान घोड़े ने उसे लात मार दी। इससे वह वहीं गिर गया और बाद में उसे बोलेरो में लिटा दिया गया। अगले दिन रामनरेश मोनू को घर पुरवा लाया और वहीं के मझिगवां गांव में झोलाछाप से इलाज कराया।
हालत में सुधार न होने पर मोनू के बड़े भाई मनोज को घटना की जानकारी दी। मनोज ने मौरावां के भाटनखेड़ा में रहने वाली बहन सुखराना को मामले से अवगत कराया। सुखराना जब वहां पहुंची तो देखा कि मोनू गंभीर हालत में रामनरेश के घर के पास एक नीम के पेड़ के नीचे पड़ा था। उसे लखनऊ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सिटी स्कैन में मारपीट की चोटें शरीर में मिलीं। 11 मई की रात इलाज के दौरान मोनू की मौत हो गई। शुक्रवार 12 मई को बहन सुखराना भाई का शव लेकर अपने घर लौटी और रामनरेश पर ही हत्या का आरोप लगा पुलिस को तहरीर दी। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हिलौली। रिश्तेदार की बरात गए युवक की संदिग्धहालात में मौत हो गई। रिश्तेदार ने अगवानी के दौरान घोड़े के लात मारने से हालत बिगड़ने की बात कही है। वहीं युवक की बहन का कहना है कि भाई के शरीर में चोट के निशान है, रिश्तेदार ने ही मारपीट कर उसकी हत्या की है। बहन की तहरीर पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
मौरावां थाना क्षेत्र के मेदपुर हिम्मतखेड़ा निवासी 38 वर्षीय मोनू घर से रविवार को अपने मौसिया ससुर रामनरेश वर्मा के भाई के लड़के की बरात में शामिल होने के लिए पुरवा गया था। रामनरेश वर्मा के अनुसार बरात में शामिल मोनू अगवानी के दौरान नशे की हालत में घोड़ों के बीच चल रहा था।
इसी दौरान घोड़े ने उसे लात मार दी। इससे वह वहीं गिर गया और बाद में उसे बोलेरो में लिटा दिया गया। अगले दिन रामनरेश मोनू को घर पुरवा लाया और वहीं के मझिगवां गांव में झोलाछाप से इलाज कराया।
हालत में सुधार न होने पर मोनू के बड़े भाई मनोज को घटना की जानकारी दी। मनोज ने मौरावां के भाटनखेड़ा में रहने वाली बहन सुखराना को मामले से अवगत कराया। सुखराना जब वहां पहुंची तो देखा कि मोनू गंभीर हालत में रामनरेश के घर के पास एक नीम के पेड़ के नीचे पड़ा था। उसे लखनऊ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सिटी स्कैन में मारपीट की चोटें शरीर में मिलीं। 11 मई की रात इलाज के दौरान मोनू की मौत हो गई। शुक्रवार 12 मई को बहन सुखराना भाई का शव लेकर अपने घर लौटी और रामनरेश पर ही हत्या का आरोप लगा पुलिस को तहरीर दी। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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