सनसनीखेज मामला: केजीएमयू में 21 जूनियर छात्र दे रहे थे सीनियर्स की परीक्षा, सभी 42 निलंबित

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सार

डीन एकेडमिक्स प्रो. उमा सिंह ने परीक्षा देने वालों के साथ उन 21 सीनियर्स को भी निलंबित कर दिया, जिनके स्थान पर ये छात्र परीक्षा दे रहे थे। सभी 42 लोग आठ सप्ताह तक क्लास और हॉस्टल से निलंबित रहेंगे।

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चिकित्सा के क्षेत्र में पूरी दुनिया में नाम रोशन करने वाले केजीएमयू के एमबीबीएस छात्रों का कारनामा चर्चा का विषय बन गया है। मेडिसिन असेसमेंट टेस्ट के दौरान 21 जूनियर छात्र अपने सीनियर्स की परीक्षा देते पकड़े गए। यह सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद केजीएमयू प्रशासन भी सकते में है।

डीन एकेडमिक्स प्रो. उमा सिंह ने परीक्षा देने वालों के साथ उन 21 सीनियर्स को भी निलंबित कर दिया, जिनके स्थान पर ये छात्र परीक्षा दे रहे थे। सभी 42 लोग आठ सप्ताह तक क्लास और हॉस्टल से निलंबित रहेंगे। इन पर अन्य कार्रवाई का भी फैसला होगा।

डीन एकेडमिक्स की ओर से जारी पत्र के अनुसार मेडिसिन विभागाध्यक्ष की सूचना के बाद यह कार्रवाई की गई है। मेडिसिन विभाग में सात मई को एमबीबीएस बैच 2019 फेज-3 का मेडिसिन असेसमेंट टेस्ट था। इसमें परीक्षा तो 2019 बैच के स्टूडेंट को देनी थी, लेकिन एग्जाम देते 21 स्टूडेंट 2020 बैच के निकले। अनुशासनात्मक समिति ने कुलपति और डीन समेत अन्य अधिकारियों को इसकी सूचना दी।

छुट्टी पर रहे सीनियर्स ने बनाया दबाव 
केजीएमयू में जानकारी करने पर पता चला कि परीक्षा वाले दिन चार से छह सीनियर स्टूडेंट छुट्टी के चलते शहर में नहीं थे। ऐसे में उन्होंने अपने जूनियर्स पर दबाव डाला कि वे उनके स्थान पर परीक्षा दें। चार से छह जूनियर जब इसके लिए तैयार हो गए तो यह संख्या बढ़ते-बढ़ते 21 तक पहुंच गई। एक साथ इतनी संख्या में जूनियर्स के परीक्षा में बैठने से पूरा मामला खुल गया।

एफआईआर का भी है प्रावधान
केजीएमयू में भले ही रैगिंग का जोर कम हो गया हो, सीनियर के सम्मान की परंपरा और भाईचारा कायम है। यही वजह है कि जूनियर अपने सीनियर्स के दबाव में आ गए। इसे रैगिंग का नया तरीका भी कहा जा सकता है। दबाव में आकर ही जूनियर्स परीक्षा में शामिल होने के लिए तैयार हुए, जबकि उनको पता था कि यह कितना बड़ा अपराध है। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का भी प्रावधान है। केजीएमयू प्रशासन ने फिलहाल सभी को निलंबित किया है, लेकिन आगे कितनी कड़ी कार्रवाई होती है, इस बारे में जानकारी नहीं है।

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विस्तार

चिकित्सा के क्षेत्र में पूरी दुनिया में नाम रोशन करने वाले केजीएमयू के एमबीबीएस छात्रों का कारनामा चर्चा का विषय बन गया है। मेडिसिन असेसमेंट टेस्ट के दौरान 21 जूनियर छात्र अपने सीनियर्स की परीक्षा देते पकड़े गए। यह सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद केजीएमयू प्रशासन भी सकते में है।

डीन एकेडमिक्स प्रो. उमा सिंह ने परीक्षा देने वालों के साथ उन 21 सीनियर्स को भी निलंबित कर दिया, जिनके स्थान पर ये छात्र परीक्षा दे रहे थे। सभी 42 लोग आठ सप्ताह तक क्लास और हॉस्टल से निलंबित रहेंगे। इन पर अन्य कार्रवाई का भी फैसला होगा।

डीन एकेडमिक्स की ओर से जारी पत्र के अनुसार मेडिसिन विभागाध्यक्ष की सूचना के बाद यह कार्रवाई की गई है। मेडिसिन विभाग में सात मई को एमबीबीएस बैच 2019 फेज-3 का मेडिसिन असेसमेंट टेस्ट था। इसमें परीक्षा तो 2019 बैच के स्टूडेंट को देनी थी, लेकिन एग्जाम देते 21 स्टूडेंट 2020 बैच के निकले। अनुशासनात्मक समिति ने कुलपति और डीन समेत अन्य अधिकारियों को इसकी सूचना दी।

छुट्टी पर रहे सीनियर्स ने बनाया दबाव 

केजीएमयू में जानकारी करने पर पता चला कि परीक्षा वाले दिन चार से छह सीनियर स्टूडेंट छुट्टी के चलते शहर में नहीं थे। ऐसे में उन्होंने अपने जूनियर्स पर दबाव डाला कि वे उनके स्थान पर परीक्षा दें। चार से छह जूनियर जब इसके लिए तैयार हो गए तो यह संख्या बढ़ते-बढ़ते 21 तक पहुंच गई। एक साथ इतनी संख्या में जूनियर्स के परीक्षा में बैठने से पूरा मामला खुल गया।

एफआईआर का भी है प्रावधान

केजीएमयू में भले ही रैगिंग का जोर कम हो गया हो, सीनियर के सम्मान की परंपरा और भाईचारा कायम है। यही वजह है कि जूनियर अपने सीनियर्स के दबाव में आ गए। इसे रैगिंग का नया तरीका भी कहा जा सकता है। दबाव में आकर ही जूनियर्स परीक्षा में शामिल होने के लिए तैयार हुए, जबकि उनको पता था कि यह कितना बड़ा अपराध है। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का भी प्रावधान है। केजीएमयू प्रशासन ने फिलहाल सभी को निलंबित किया है, लेकिन आगे कितनी कड़ी कार्रवाई होती है, इस बारे में जानकारी नहीं है।

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