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चिलौली स्थित गोआश्रय स्थल में बंद मवेशी। संवाद
– फोटो : UNNAO
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औरास/फतेहपुर चौरासी । औरास के कुंवरखेड़ा और फतेहपुर चौरासी के झूलूमऊ गांव के किसानों ने छुट्टा मवेशियों को परिषदीय स्कूलों में बंद कर दिया।
दिन-रात फसलों की रखवाली से परेशान किसानों के लिए छुट्टा मवेशी मुश्किल बने हैं। गुरुवार दोपहर कुंवरखेड़ा गांव के किसानों ने खेतों से खदेड़ कर आधा सैकड़ा मवेशियों को गांव के प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया। किसानों ने मवेशियों को खाने के लिए पुआल की व्यवस्था की। विद्यालय में मवेशियों के बंद किए जाने की जानकारी पर ग्राम सचिव सर्वेश कुमार गांव पहुंचे और देवतारा पशु चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. श्रवण कुमार को सूचना दी। डॉ. श्रवण कुमार ने बताया कि स्कूल में बंद मवेशियों में 15 मवेशी सैदापुर गांव की गोशाला में भेजा जा रहा है। शेष मवेशियों को शुक्रवार सुबह विसवल और बहादुरपुर खंझड़ी की गोशाला में भेजा जाएगा।
उधर, किसानों ने गुरुवार को छुट्टा पशुओं को घेरकर झूलूमऊ गांव के प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया। एडीओ पंचायत हेमंत कुमार ने बताया कि किसानों द्वारा विद्यालय में बंद किए गए पशु छुट्टा नहीं थे। विद्यालय से जानवरों को निकाल कर पशुपालकों को सुपुर्द किए जा रहे हैं। पशुपालकों को हिदायत दी गई है कि वह दोबारा पशुओं को छुट्टा न छोड़ें।
औरास/फतेहपुर चौरासी । औरास के कुंवरखेड़ा और फतेहपुर चौरासी के झूलूमऊ गांव के किसानों ने छुट्टा मवेशियों को परिषदीय स्कूलों में बंद कर दिया।
दिन-रात फसलों की रखवाली से परेशान किसानों के लिए छुट्टा मवेशी मुश्किल बने हैं। गुरुवार दोपहर कुंवरखेड़ा गांव के किसानों ने खेतों से खदेड़ कर आधा सैकड़ा मवेशियों को गांव के प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया। किसानों ने मवेशियों को खाने के लिए पुआल की व्यवस्था की। विद्यालय में मवेशियों के बंद किए जाने की जानकारी पर ग्राम सचिव सर्वेश कुमार गांव पहुंचे और देवतारा पशु चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. श्रवण कुमार को सूचना दी। डॉ. श्रवण कुमार ने बताया कि स्कूल में बंद मवेशियों में 15 मवेशी सैदापुर गांव की गोशाला में भेजा जा रहा है। शेष मवेशियों को शुक्रवार सुबह विसवल और बहादुरपुर खंझड़ी की गोशाला में भेजा जाएगा।
उधर, किसानों ने गुरुवार को छुट्टा पशुओं को घेरकर झूलूमऊ गांव के प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया। एडीओ पंचायत हेमंत कुमार ने बताया कि किसानों द्वारा विद्यालय में बंद किए गए पशु छुट्टा नहीं थे। विद्यालय से जानवरों को निकाल कर पशुपालकों को सुपुर्द किए जा रहे हैं। पशुपालकों को हिदायत दी गई है कि वह दोबारा पशुओं को छुट्टा न छोड़ें।
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