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उन्नाव। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को पांच विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए। भगवंतनगर को छोड़कर सभी पांच सीटों पर वर्तमान विधायकों को ही टिकट दिया गया है। इसमें पुरवा सीट भी शामिल है। पिछले चुनाव में यहां से भाजपा ने राकेश चंद्र उत्तम लोधी को टिकट दिया था। उन्हें पिछले चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे अनिल सिंह ने हराया था। हालांकि जीतने के बाद से ही अनिल का झुकाव भाजपा की ओर हो गया था। इसी सप्ताह वह भाजपा में शामिल हुए और पार्टी ने उन्हें पुरवा से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। भगवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
सदर से प्रत्याशी बनाए गए पंकज गुप्ता लगातार दो बार (एक उपचुनाव और एक आम) से विधायक हैं। इससे पहले 2012 के आम चुनाव में इस सीट से पंकज गुप्ता रनर रहे थे। पंकज नगर पालिका परिषद उन्नाव के चेयरमैन भी रह चुके हैं। पंकज गुप्ता ने 2014 लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा उप चुनाव में सपा प्रत्याशी मनीषा दीपक को हराया था। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी मोदी लहर में पंकज गुप्ता ने प्रतिद्वंदी दिवंगत सपा नेत्री मनीषा दीपक को 46072 मतों से हराया था। पंकज को 119669 और मनीषा को 73597 वोट मिले थे।
अनिल सिंह पुरवा विधानसभा के ब्लाक हिलौली के कोदहिया के रहने वाले हैं। लखनऊ में अंशुता प्राइवेट कंस्ट्रक्शन के नाम से बिल्डर्स का काम करते हैं। माही संस्था के नाम एक संस्था चलाकर समाजसेवा में आए। वर्ष 2017 में बसपा के टिकट पर पुरवा विधानसभा चुनाव में उतरे और भाजपा के उत्तम लोधी को 26483 वोटों से हराकर विधायक बने। अनिल को 97567 और उत्तम को 71048 वोट मिले थे। 2018 में राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद भाजपा के पाले में चले गए। उसके बाद से भाजपा के लिए क्षेत्र में काम कर रहे थे।
2017 में बांगरमऊ से विधायक चुने कुलदीप सिंह सेंगर के दुष्कर्म में सजायाफ्ता होने के बाद इस सीट पर 2020 में उप चुनाव हुए। इसमें भाजपा ने पूर्व जिलाध्यक्ष रहे श्रीकांत कटियार को चुनावी मैदान में उतारा। गंजमुरादाबाद ब्लाक के रघुरामपुर के मूल निवासी श्रीकांत कटियार ने उप चुनाव में कांग्रेस की आरती बाजपेयी को 31398 वोटों से हराया था। श्रीकांत को 71381 और आरती को 39983 वोट मिले थे। अब फिर से भाजपा ने श्रीकांत पर ही भरोसा जताया है।
भाजपा से सफीपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बने बंबालाल दिवाकर का 2017 से पहले कोई राजनीतिक इतिहास नहीं रहा था। पहली बार भाजपा ने 2017 में टिकट दिया और उन्होंने जीत का परचम लहराया। बंबालाल ने बसपा के रामबरन को 27236 वोटों से हराया था। उस चुनाव में बंबालाल को 84068 और रामबरन को 56832 वोट हासिल हुए थे। वह दूसरी बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। सफीपुर विधानसभा क्षेत्र के दुगवां के रहने वाले हैं। उनका मुंबई सहित कई अन्य देशों में चश्मे का कारोबार है। उन्होंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। पार्टी ने सफीपुर में दुबारा कमल खिलाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर डाली है।
मोहान विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए ब्रजेश रावत उन्नाव शहर स्थित अटल बिहारी इंटर कालेज में इतिहास के प्रवक्ता हैं। वह मूल रूप से हसनगंज विकासखंड के निजामपुर पचगहना गांव के रहने वाले हैं। 2017 में पहला चुनाव लड़ा था और बसपा के राधेलाल रावत को 54095 वोट से हराया था। ब्रजेश को 104884 और राधेलाल को 50789 वोट मिले थे। इस बार पार्टी ने उन पर फिर से भरोसा जताते हुए मोहान से प्रत्याशी बनाया है।
क्षेत्रफल में जिले की सबसे बड़ी और ब्राह्मण बाहुल्य भगवंतनगर विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी घोषित करने को लेकर पेंच फंस गया है। यहां से मौजूदा विधायक और विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित की टिकट में उनकी उम्र आड़े आ रही है। हालांकि उन्होंने अपनी टिकट न हो पाने की स्थिति में बेटे के लिए टिकट मांगी है। चर्चा है कि पार्टी में टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। एक कैबिनेट मंत्री सहित कई और कद्दावर नेता इस ब्राह्मण बाहुल्य सीट पर नजरें लगाए हैं। 2017 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हृदय नारायण दीक्षित ने प्रतिद्वंदी बसपा प्रत्याशी शशांक शेखर सिंह (अब भाजपा में) को 53366 वोटों से हराया था। तीन स्तर पर दावेदारों की स्क्रूटनी के बाद भी भाजपा अभी किसी फैसले पर नहीं पहुंच पाई है। भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार ने बताया कि पार्टी में इस सीट पर गहन चर्चा चल रही है। अगले एक-दो दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी और प्रत्याशी का नाम घोषित किया जाएगा।
उन्नाव। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को पांच विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए। भगवंतनगर को छोड़कर सभी पांच सीटों पर वर्तमान विधायकों को ही टिकट दिया गया है। इसमें पुरवा सीट भी शामिल है। पिछले चुनाव में यहां से भाजपा ने राकेश चंद्र उत्तम लोधी को टिकट दिया था। उन्हें पिछले चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे अनिल सिंह ने हराया था। हालांकि जीतने के बाद से ही अनिल का झुकाव भाजपा की ओर हो गया था। इसी सप्ताह वह भाजपा में शामिल हुए और पार्टी ने उन्हें पुरवा से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। भगवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
सदर से प्रत्याशी बनाए गए पंकज गुप्ता लगातार दो बार (एक उपचुनाव और एक आम) से विधायक हैं। इससे पहले 2012 के आम चुनाव में इस सीट से पंकज गुप्ता रनर रहे थे। पंकज नगर पालिका परिषद उन्नाव के चेयरमैन भी रह चुके हैं। पंकज गुप्ता ने 2014 लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा उप चुनाव में सपा प्रत्याशी मनीषा दीपक को हराया था। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी मोदी लहर में पंकज गुप्ता ने प्रतिद्वंदी दिवंगत सपा नेत्री मनीषा दीपक को 46072 मतों से हराया था। पंकज को 119669 और मनीषा को 73597 वोट मिले थे।
अनिल सिंह पुरवा विधानसभा के ब्लाक हिलौली के कोदहिया के रहने वाले हैं। लखनऊ में अंशुता प्राइवेट कंस्ट्रक्शन के नाम से बिल्डर्स का काम करते हैं। माही संस्था के नाम एक संस्था चलाकर समाजसेवा में आए। वर्ष 2017 में बसपा के टिकट पर पुरवा विधानसभा चुनाव में उतरे और भाजपा के उत्तम लोधी को 26483 वोटों से हराकर विधायक बने। अनिल को 97567 और उत्तम को 71048 वोट मिले थे। 2018 में राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद भाजपा के पाले में चले गए। उसके बाद से भाजपा के लिए क्षेत्र में काम कर रहे थे।
2017 में बांगरमऊ से विधायक चुने कुलदीप सिंह सेंगर के दुष्कर्म में सजायाफ्ता होने के बाद इस सीट पर 2020 में उप चुनाव हुए। इसमें भाजपा ने पूर्व जिलाध्यक्ष रहे श्रीकांत कटियार को चुनावी मैदान में उतारा। गंजमुरादाबाद ब्लाक के रघुरामपुर के मूल निवासी श्रीकांत कटियार ने उप चुनाव में कांग्रेस की आरती बाजपेयी को 31398 वोटों से हराया था। श्रीकांत को 71381 और आरती को 39983 वोट मिले थे। अब फिर से भाजपा ने श्रीकांत पर ही भरोसा जताया है।
भाजपा से सफीपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बने बंबालाल दिवाकर का 2017 से पहले कोई राजनीतिक इतिहास नहीं रहा था। पहली बार भाजपा ने 2017 में टिकट दिया और उन्होंने जीत का परचम लहराया। बंबालाल ने बसपा के रामबरन को 27236 वोटों से हराया था। उस चुनाव में बंबालाल को 84068 और रामबरन को 56832 वोट हासिल हुए थे। वह दूसरी बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। सफीपुर विधानसभा क्षेत्र के दुगवां के रहने वाले हैं। उनका मुंबई सहित कई अन्य देशों में चश्मे का कारोबार है। उन्होंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। पार्टी ने सफीपुर में दुबारा कमल खिलाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर डाली है।
मोहान विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए ब्रजेश रावत उन्नाव शहर स्थित अटल बिहारी इंटर कालेज में इतिहास के प्रवक्ता हैं। वह मूल रूप से हसनगंज विकासखंड के निजामपुर पचगहना गांव के रहने वाले हैं। 2017 में पहला चुनाव लड़ा था और बसपा के राधेलाल रावत को 54095 वोट से हराया था। ब्रजेश को 104884 और राधेलाल को 50789 वोट मिले थे। इस बार पार्टी ने उन पर फिर से भरोसा जताते हुए मोहान से प्रत्याशी बनाया है।
क्षेत्रफल में जिले की सबसे बड़ी और ब्राह्मण बाहुल्य भगवंतनगर विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी घोषित करने को लेकर पेंच फंस गया है। यहां से मौजूदा विधायक और विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित की टिकट में उनकी उम्र आड़े आ रही है। हालांकि उन्होंने अपनी टिकट न हो पाने की स्थिति में बेटे के लिए टिकट मांगी है। चर्चा है कि पार्टी में टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। एक कैबिनेट मंत्री सहित कई और कद्दावर नेता इस ब्राह्मण बाहुल्य सीट पर नजरें लगाए हैं। 2017 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हृदय नारायण दीक्षित ने प्रतिद्वंदी बसपा प्रत्याशी शशांक शेखर सिंह (अब भाजपा में) को 53366 वोटों से हराया था। तीन स्तर पर दावेदारों की स्क्रूटनी के बाद भी भाजपा अभी किसी फैसले पर नहीं पहुंच पाई है। भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार ने बताया कि पार्टी में इस सीट पर गहन चर्चा चल रही है। अगले एक-दो दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी और प्रत्याशी का नाम घोषित किया जाएगा।
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