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उन्नाव। अवैध रूप से शराब फैक्टरी चलाने के मामले में पांच दोषियों को कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है। अपराध सिद्ध न होने पर दो को बरी कर दिया गया।
लखनऊ एसटीएफ ने एक जनवरी 2018 को औद्योगिक क्षेत्र की साइट दो में संचालित फैक्टरी में दबिश दी थी। मौके से फतेहपुर के थाना बिंदकी के गांव बकेवर निवासी अमित मिश्रा, कन्नौज के थाना ठठिया के गांव बदोसी निवासी नंदराम, कानपुर नगर के थाना शिवराजपुर के गांव गोपालपुर निवासी राजकुमार व उसके भाई राजकिशोर और रामनरेश को अवैध रूप से शराब बनाते पकड़ा था। मौके से फैक्टरी में शराब बनाने में प्रयोग किए जा रहे आरओ, 111 पेटी शराब व हजारों रैपर, होलोग्राम आदि सामान बरामद हुआ था। पूछताछ पर आरोपियों ने बताया था कि चंद्रभान गुप्ता उर्फ मामा व विकास आसपास के जिलों में शराब बेचते हैं। जांच में जुटी पुलिस ने चंद्रभान व विकास को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मुकदमा अपर जिला जज की कोर्ट में विचाराधीन था। गुरुवार को मामले की सुनवाई पूरी हुई थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता यशवंत सिंह की दलीलों, गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश आलोक शर्मा ने अमित, नंदराम, राजकुमार, राजकिशोर व रामनरेश को दोषी पाया। सभी को जेल भेज दिया गया। शनिवार को न्यायाधीश ने सभी को चार-चार साल की सजा सुनाई। 21-21 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इसी मामले में चंद्रभान व विकास को आरोप सिद्ध न होने पर मुकदमे से बरी किया गया है।
उन्नाव। अवैध रूप से शराब फैक्टरी चलाने के मामले में पांच दोषियों को कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है। अपराध सिद्ध न होने पर दो को बरी कर दिया गया।
लखनऊ एसटीएफ ने एक जनवरी 2018 को औद्योगिक क्षेत्र की साइट दो में संचालित फैक्टरी में दबिश दी थी। मौके से फतेहपुर के थाना बिंदकी के गांव बकेवर निवासी अमित मिश्रा, कन्नौज के थाना ठठिया के गांव बदोसी निवासी नंदराम, कानपुर नगर के थाना शिवराजपुर के गांव गोपालपुर निवासी राजकुमार व उसके भाई राजकिशोर और रामनरेश को अवैध रूप से शराब बनाते पकड़ा था। मौके से फैक्टरी में शराब बनाने में प्रयोग किए जा रहे आरओ, 111 पेटी शराब व हजारों रैपर, होलोग्राम आदि सामान बरामद हुआ था। पूछताछ पर आरोपियों ने बताया था कि चंद्रभान गुप्ता उर्फ मामा व विकास आसपास के जिलों में शराब बेचते हैं। जांच में जुटी पुलिस ने चंद्रभान व विकास को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मुकदमा अपर जिला जज की कोर्ट में विचाराधीन था। गुरुवार को मामले की सुनवाई पूरी हुई थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता यशवंत सिंह की दलीलों, गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश आलोक शर्मा ने अमित, नंदराम, राजकुमार, राजकिशोर व रामनरेश को दोषी पाया। सभी को जेल भेज दिया गया। शनिवार को न्यायाधीश ने सभी को चार-चार साल की सजा सुनाई। 21-21 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इसी मामले में चंद्रभान व विकास को आरोप सिद्ध न होने पर मुकदमे से बरी किया गया है।
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