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पाटन। पाटन-पुरवा राज्यमार्ग के निर्माण में खेत की भूमि जाते देखकर किसान भड़क गए। पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने सड़क पटरी की मरम्मत के लिए खेत से मिट्टी निकाली तो हंगामा शुरू हो गया। किसानों ने एसडीएम से शिकायत की। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कुछ मिट्टी निकालने और खेत समतल करने की बात कही तब किसान शांत हुए।
पाटन तहसील के गड़रिया खेड़ा की सीमा से होकर जाने वाले पाटन-पुरवा मार्ग को राज्य मार्ग (स्टेट हाईवे) घोषित किए जाने के बाद पीडब्ल्यूडी ने इसका निर्माण शुरू कराया है। सड़क चौड़ी करने के लिए किसानों की खेतिहर भूमि का पहले ही अधिग्रहण किया जा चुका है। रविवार को निर्माणाधीन मार्ग की पटरी बनाने के लिए ठेकेदार ने खेत से ही मिट्टी निकालना शुरू कर दी। इस पर किसान आक्रोशित हो गए और जेसीबी के सामने खड़े होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। किसानों ने एसडीएम दयाशंकर पाठक से शिकायत की। किसानों को उग्र होते देखकर तहसील प्रशासन के पसीने छूट गए। एसडीएम ने ठेकेदार व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बैठाकर वार्ता कराई। पीडब्ल्यूडी के एई अनुपम शुक्ला ने मामूली मिट्टी निकालने और बाद में खेत समतल करने का आश्वासन दिया तब किसान शांत हुए। करीब दो घंटे काम बंद रहा।
पाटन। पाटन-पुरवा राज्यमार्ग के निर्माण में खेत की भूमि जाते देखकर किसान भड़क गए। पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने सड़क पटरी की मरम्मत के लिए खेत से मिट्टी निकाली तो हंगामा शुरू हो गया। किसानों ने एसडीएम से शिकायत की। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कुछ मिट्टी निकालने और खेत समतल करने की बात कही तब किसान शांत हुए।
पाटन तहसील के गड़रिया खेड़ा की सीमा से होकर जाने वाले पाटन-पुरवा मार्ग को राज्य मार्ग (स्टेट हाईवे) घोषित किए जाने के बाद पीडब्ल्यूडी ने इसका निर्माण शुरू कराया है। सड़क चौड़ी करने के लिए किसानों की खेतिहर भूमि का पहले ही अधिग्रहण किया जा चुका है। रविवार को निर्माणाधीन मार्ग की पटरी बनाने के लिए ठेकेदार ने खेत से ही मिट्टी निकालना शुरू कर दी। इस पर किसान आक्रोशित हो गए और जेसीबी के सामने खड़े होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। किसानों ने एसडीएम दयाशंकर पाठक से शिकायत की। किसानों को उग्र होते देखकर तहसील प्रशासन के पसीने छूट गए। एसडीएम ने ठेकेदार व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बैठाकर वार्ता कराई। पीडब्ल्यूडी के एई अनुपम शुक्ला ने मामूली मिट्टी निकालने और बाद में खेत समतल करने का आश्वासन दिया तब किसान शांत हुए। करीब दो घंटे काम बंद रहा।
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