Kanpur: श्याम नगर गोलीकांड में आरोपी बोला- दरोगा को करो निलंबित, डीसीपी ने दिखाया फर्जी आदेश तब फायरिंग रोकी

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कानपुर में श्याम नगर गोलीकांड में जो दरोगा विवाद की सूचना पर पहुंचा था राजकुमार दुबे उसके निलंबन पर अड़ गया। डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने समझदारी दिखाई। दरोगा का फर्जी निलंबन किया और कागज आरोपी को व्हाट्सएप किया, जिसके बाद आरोपी ने डीसीपी को घर के भीतर बुलाया और हथियार डालकर सरेंडर कर दिया।

डीसीपी से आरोपी बोला कि मेरी शिकायत पर पुलिस इतनी जल्द नहीं आती। जब बहू ने फोन किया तो दरोगा तुरंत आ गया जबकि बेटे-बहू ही मुझे प्रताड़ित करते हैं। इस पर डीसीपी ने कहा कि पहले फायरिंग बंद करो। जो शिकायत होगी उसकी सुनवाई कर समस्या का निस्तारण किया जाएगा। मगर राजकुमार दुबे नहीं माना। वह बोला पहले उस दरोगा को निलंबित करो जो मेरे दरवाजे पर आया।

डीसीपी ने उसकी मांग स्वीकार की। कथित तौर पर एक निलंबन का आदेश तैयार कराया। उसको बताया कि दरोगा निलंबित कर दिया गया है। विश्वास करने के लिए आरके दुबे ने कागज व्हाट्सएप पर मंगवाया। तब उसको यकीन हुआ। तब उसने फायरिंग रोकी।

कई घंटे तक ले सकता था मोर्चा 

डीसीपी ने बताया कि फोरेंसिक टीम ने 40 के आसपास खोखे बरामद किए हैं। आसपास के घरों से छर्रे भी मिले हैं। जो जांच के लिए भेजे गए हैं। आरोपी के हाथों का केमिकल से सैंपल लिया गया है, ताकि जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा कि उसने गोलियां दागीं थीं। उसके घर से करीब 50 कारतूस बरामद हुए। करीब चालीस राउंड वह फायर कर चुका था। हैरानी की बात ये है कि आखिर इतने कारतूस उसने क्यों इकट्ठा कर रखे थे। इसकी भी जांच की जा रही है। इस बंदूक के अलावा उसके पास एक लाइसेंसी रिवाल्वर होने की बात सामने आई है लेकिन बरामद नहीं हुई है।

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पड़ोसी बोले, बात बात पर करता था फायरिंग

पड़ोसियों ने बताया कि कई बार आरके दुबे इस तरह की हरकतें कर चुका है। कई साल पहले एक पड़ोसी से उसका विवाद हो गया था। आरोप है कि तब भी उसने फायरिंग की थी, जिसमें सुधाकर श्रीवास्तव नाम के शख्स को गोली लगी थी। गोलीकांड की जानकारी होने पर सुधाकर भी मौके पर पहुंच गया। उसने पूरी घटना बताई।

एक बार छत से कूद चुका है

परिजनों ने बताया कि 2003 में आरके दुबे छत से कूद गया था। काफी चोट आई थी लेकिन जान बच गई थी। जब शेयर मार्केट का काम बंद हुआ था तब से वह तनाव में था। बेटे-बहू से पैसों, व रहने आदि को लेकर विवाद होता था, इसलिए वह और तनाव में होता गया।

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