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डीसीपी ने उसकी मांग स्वीकार की। कथित तौर पर एक निलंबन का आदेश तैयार कराया। उसको बताया कि दरोगा निलंबित कर दिया गया है। विश्वास करने के लिए आरके दुबे ने कागज व्हाट्सएप पर मंगवाया। तब उसको यकीन हुआ। तब उसने फायरिंग रोकी।
कई घंटे तक ले सकता था मोर्चा
डीसीपी ने बताया कि फोरेंसिक टीम ने 40 के आसपास खोखे बरामद किए हैं। आसपास के घरों से छर्रे भी मिले हैं। जो जांच के लिए भेजे गए हैं। आरोपी के हाथों का केमिकल से सैंपल लिया गया है, ताकि जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा कि उसने गोलियां दागीं थीं। उसके घर से करीब 50 कारतूस बरामद हुए। करीब चालीस राउंड वह फायर कर चुका था। हैरानी की बात ये है कि आखिर इतने कारतूस उसने क्यों इकट्ठा कर रखे थे। इसकी भी जांच की जा रही है। इस बंदूक के अलावा उसके पास एक लाइसेंसी रिवाल्वर होने की बात सामने आई है लेकिन बरामद नहीं हुई है।
पड़ोसी बोले, बात बात पर करता था फायरिंग
पड़ोसियों ने बताया कि कई बार आरके दुबे इस तरह की हरकतें कर चुका है। कई साल पहले एक पड़ोसी से उसका विवाद हो गया था। आरोप है कि तब भी उसने फायरिंग की थी, जिसमें सुधाकर श्रीवास्तव नाम के शख्स को गोली लगी थी। गोलीकांड की जानकारी होने पर सुधाकर भी मौके पर पहुंच गया। उसने पूरी घटना बताई।
एक बार छत से कूद चुका है
परिजनों ने बताया कि 2003 में आरके दुबे छत से कूद गया था। काफी चोट आई थी लेकिन जान बच गई थी। जब शेयर मार्केट का काम बंद हुआ था तब से वह तनाव में था। बेटे-बहू से पैसों, व रहने आदि को लेकर विवाद होता था, इसलिए वह और तनाव में होता गया।
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