Agra: 21 साल बाद मिला न्याय, दोहरे हत्याकांड के दोषी पिता और तीन पुत्रों को आजीवन कारावास की सजा

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आगरा के अपर जिला जज प्रथम सुधीर कुमार ने अछनेरा के गांव अभैदोपुरा में नाली के विवाद में दो युवकों की हत्या के मामले में पिता और तीन पुत्रों को दोषी पाया। इस पर दोषी मांगेलाल, उसके बेटों कृष्ण पाल सिंह, छत्तर सिंह और बच्चू सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने चारों पर 2.64 लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया।

अछनेरा के गांव अभैदोपुरा में वारदात 19 फरवरी 2001 को हुई थी। गांव के रहने वाले सोहन सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। मामले के अनुसार, सोहन सिंह का बेटा दरब सिंह (26) और भाई प्रमोद कुमार (31) घर से बाजार जा रहे थे। आम रास्ते पर कृष्णपाल सिंह, उसके भाई छत्तर सिंह, बच्चू सिंह, उसके पिता मांगेलाल लाइसेंसी राइफल और तमंचे लिए मिल गए थे। 

नाली के विवाद में की थी वारदात 

आरोपियों ने नाली के पानी की निकासी के विवाद में धमकी दी। इसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। दरब सिंह और प्रमोद की गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग में महिला संता के पैर में गोली लग गई। वह घायल हो गई थी। सोहन सिंह बचाने आए तो उनको भी राइफल की बट मारकर लहूलुहान कर दिया था। आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने क्रॉस केस बनाने के उद्देश्य से अपनी 60 वर्षीय मां चंद्रवती को भी गोली मारकर घायल कर दिया। घटना से गांव में दहशत का माहौल हो गया था।

अभियोजन पक्ष ने सोहनलाल, चंद्रवती सहित 12 गवाह कोर्ट में पेश किए। चंद्रवती ने अपनी गवाही में मौके पर पति और बेटों की मौजूदगी की पुष्टि की थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता के तर्क और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य  पर अपर जिला जज प्रथम सुधीर कुमार ने पिता-पुत्रों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। अदालत ने दोषी कृष्णपाल सिंह को आयुध अधिनियम के तहत भी दोषी पाते हुए दो साल की सजा से दंडित किया।

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विस्तार

आगरा के अपर जिला जज प्रथम सुधीर कुमार ने अछनेरा के गांव अभैदोपुरा में नाली के विवाद में दो युवकों की हत्या के मामले में पिता और तीन पुत्रों को दोषी पाया। इस पर दोषी मांगेलाल, उसके बेटों कृष्ण पाल सिंह, छत्तर सिंह और बच्चू सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने चारों पर 2.64 लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया।

अछनेरा के गांव अभैदोपुरा में वारदात 19 फरवरी 2001 को हुई थी। गांव के रहने वाले सोहन सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। मामले के अनुसार, सोहन सिंह का बेटा दरब सिंह (26) और भाई प्रमोद कुमार (31) घर से बाजार जा रहे थे। आम रास्ते पर कृष्णपाल सिंह, उसके भाई छत्तर सिंह, बच्चू सिंह, उसके पिता मांगेलाल लाइसेंसी राइफल और तमंचे लिए मिल गए थे। 

नाली के विवाद में की थी वारदात 

आरोपियों ने नाली के पानी की निकासी के विवाद में धमकी दी। इसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। दरब सिंह और प्रमोद की गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग में महिला संता के पैर में गोली लग गई। वह घायल हो गई थी। सोहन सिंह बचाने आए तो उनको भी राइफल की बट मारकर लहूलुहान कर दिया था। आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने क्रॉस केस बनाने के उद्देश्य से अपनी 60 वर्षीय मां चंद्रवती को भी गोली मारकर घायल कर दिया। घटना से गांव में दहशत का माहौल हो गया था।

अभियोजन पक्ष ने सोहनलाल, चंद्रवती सहित 12 गवाह कोर्ट में पेश किए। चंद्रवती ने अपनी गवाही में मौके पर पति और बेटों की मौजूदगी की पुष्टि की थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता के तर्क और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य  पर अपर जिला जज प्रथम सुधीर कुमार ने पिता-पुत्रों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। अदालत ने दोषी कृष्णपाल सिंह को आयुध अधिनियम के तहत भी दोषी पाते हुए दो साल की सजा से दंडित किया।

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