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उन्नाव। सात माह से मानदेय की गुहार लगा रहे नगर पालिका के जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मी शनिवार को हड़ताल पर चले गए। इसके कारण सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक 20 हजार घरों में करीब 80 हजार लोग पानी के लिए तरस गए। भीषण गर्मी में हैंडपंपों पर लाइन लगाकर पानी के लिए इंतजार करना पड़ा। कर्मियों ने जलकल अभियंता कार्यालय में प्रदर्शन किया। कर्मियों ने चेतावनी दी है कि मानदेय न मिला तो गुरुवार से बेमियादी हड़ताल करेंगे।
जलकल विभाग के 125 आउटसोर्सिंग कर्मी आर्थिक संकट झेल रहे हैं। कई बार मांग के बाद भी उनका मानदेय नहीं दिया गया। शनिवार को उनका सब्र जवाब दे गया और कार्य बहिष्कार कर दिया। इस दौरान शहर के 24 में 20 नलकूप बंद रहे। दोपहर तक लोगों को पेयजल संकट झेलना पड़ा। किला में पानी न आने पर लोगों ने सभासद मेराजुद्दीन से सहायता मांगी।
इस पर उन्हाेंने जलकल विभाग के जेई विवेक वर्मा से की। उन्होंने बताया कि हड़ताल में टैंकर चालक भी शामिल हैं। इसलिए पानी की व्यवस्था नहीं हो सकती। हड़ताल में 85 ऑपरेटर, पांच टैंकर चालक, चार की मैन और बीस प्लंबर शामिल रहे। दोपहर एक बजे ईओ ओम प्रकाश और जेई ने हड़ताली कर्मियों को बुधवार तक पांच माह के मानदेय भुगतान का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मी काम पर लौटे। प्रदर्शन करने वालों में दुर्गेश कुमार यादव, प्रज्ञानंद, विशाल पांडेय, रज्जन यादव, जय प्रकाश आदि शामिल रहे।
टैंकर से जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था भी रही ठप
जलकल अभियंता विवेक वर्मा ने बताया कि जलापूर्ति बंद होने के दौरान नगर पालिका प्रभावित मोहल्लों में टैंकरों से पानी पहुंचाकर लोगों को राहत पहुंचाती है। टैंकर चालकों और टैंकर में पानी भरने वाले पंप के ऑपरेटरों के भी हड़ताल में शामिल होने से जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था ठप रही।
कर्मियों ने 16 जून को दिया था अल्टीमेटम
जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मियों ने 16 जून को प्रदर्शन कर ज्ञापन देकर मानदेय भुगतान की गुहार लगाई थी। साथ ही सात दिन का समय दिया था। इसके बाद भी मानदेय का भुगतान न होने पर शनिवार को कर्मी हड़ताल पर चले गए।
इन मोहल्लों में रहा अधिक संकट
नलकूप न चलने से किला, जेरधुस, तालिबसरांय, आदर्शनगर, सिविल लाइन मध्य, पीडी नगर, बाबूगंज, शाहगंज, मोतीनगर में सबसे अधिक दिक्कत रही। जिला अस्पताल के पीछे स्थित नलकूप भी बंद रहा। इसके कारण अस्पताल कालोनी में भी पानी की किल्लत रही।
नियमित कर्मी वाले चार पंप ही चले
मौहारीबाग, कांशीराम कॉलोनी, आवास विकास कॉलोनी और चौधराना में नलकूप में नगर पालिका के नियमित पंप ऑपरेटर तैनात हैं। इन्हें ही चलाया जा सका।
लोगों ने बताई समस्या
तृप्ति श्रीवास्तव ने बताया कि जलापूर्ति प्रभावित होने से लोगों को काफी दिक्कतें हुईं। कर्मियों की हड़ताल को देखते हुए पालिका को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी।
संजय कुमार ने बताया कि जलापूर्ति ठप होने और सरकारी हैंडपंप खराब होने से पेयजल संकट का सामना करना पड़ा। नगर पालिका को मूलभूत सुविधाओं के लिए गंभीर रहना चाहिए।
जलकल अभियंता विवेक वर्मा ने बताया कि आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय की फाइल पालिकाध्यक्ष के पास भेजी गई है। अभी हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। बुधवार तक पांच माह का मानदेय दे दिया जाएगा। पालिकाध्यक्ष ने इस पर सहमति जताई है।
उन्नाव। सात माह से मानदेय की गुहार लगा रहे नगर पालिका के जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मी शनिवार को हड़ताल पर चले गए। इसके कारण सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक 20 हजार घरों में करीब 80 हजार लोग पानी के लिए तरस गए। भीषण गर्मी में हैंडपंपों पर लाइन लगाकर पानी के लिए इंतजार करना पड़ा। कर्मियों ने जलकल अभियंता कार्यालय में प्रदर्शन किया। कर्मियों ने चेतावनी दी है कि मानदेय न मिला तो गुरुवार से बेमियादी हड़ताल करेंगे।
जलकल विभाग के 125 आउटसोर्सिंग कर्मी आर्थिक संकट झेल रहे हैं। कई बार मांग के बाद भी उनका मानदेय नहीं दिया गया। शनिवार को उनका सब्र जवाब दे गया और कार्य बहिष्कार कर दिया। इस दौरान शहर के 24 में 20 नलकूप बंद रहे। दोपहर तक लोगों को पेयजल संकट झेलना पड़ा। किला में पानी न आने पर लोगों ने सभासद मेराजुद्दीन से सहायता मांगी।
इस पर उन्हाेंने जलकल विभाग के जेई विवेक वर्मा से की। उन्होंने बताया कि हड़ताल में टैंकर चालक भी शामिल हैं। इसलिए पानी की व्यवस्था नहीं हो सकती। हड़ताल में 85 ऑपरेटर, पांच टैंकर चालक, चार की मैन और बीस प्लंबर शामिल रहे। दोपहर एक बजे ईओ ओम प्रकाश और जेई ने हड़ताली कर्मियों को बुधवार तक पांच माह के मानदेय भुगतान का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मी काम पर लौटे। प्रदर्शन करने वालों में दुर्गेश कुमार यादव, प्रज्ञानंद, विशाल पांडेय, रज्जन यादव, जय प्रकाश आदि शामिल रहे।
टैंकर से जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था भी रही ठप
जलकल अभियंता विवेक वर्मा ने बताया कि जलापूर्ति बंद होने के दौरान नगर पालिका प्रभावित मोहल्लों में टैंकरों से पानी पहुंचाकर लोगों को राहत पहुंचाती है। टैंकर चालकों और टैंकर में पानी भरने वाले पंप के ऑपरेटरों के भी हड़ताल में शामिल होने से जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था ठप रही।
कर्मियों ने 16 जून को दिया था अल्टीमेटम
जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मियों ने 16 जून को प्रदर्शन कर ज्ञापन देकर मानदेय भुगतान की गुहार लगाई थी। साथ ही सात दिन का समय दिया था। इसके बाद भी मानदेय का भुगतान न होने पर शनिवार को कर्मी हड़ताल पर चले गए।
इन मोहल्लों में रहा अधिक संकट
नलकूप न चलने से किला, जेरधुस, तालिबसरांय, आदर्शनगर, सिविल लाइन मध्य, पीडी नगर, बाबूगंज, शाहगंज, मोतीनगर में सबसे अधिक दिक्कत रही। जिला अस्पताल के पीछे स्थित नलकूप भी बंद रहा। इसके कारण अस्पताल कालोनी में भी पानी की किल्लत रही।
नियमित कर्मी वाले चार पंप ही चले
मौहारीबाग, कांशीराम कॉलोनी, आवास विकास कॉलोनी और चौधराना में नलकूप में नगर पालिका के नियमित पंप ऑपरेटर तैनात हैं। इन्हें ही चलाया जा सका।
लोगों ने बताई समस्या
तृप्ति श्रीवास्तव ने बताया कि जलापूर्ति प्रभावित होने से लोगों को काफी दिक्कतें हुईं। कर्मियों की हड़ताल को देखते हुए पालिका को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी।
संजय कुमार ने बताया कि जलापूर्ति ठप होने और सरकारी हैंडपंप खराब होने से पेयजल संकट का सामना करना पड़ा। नगर पालिका को मूलभूत सुविधाओं के लिए गंभीर रहना चाहिए।
जलकल अभियंता विवेक वर्मा ने बताया कि आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय की फाइल पालिकाध्यक्ष के पास भेजी गई है। अभी हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। बुधवार तक पांच माह का मानदेय दे दिया जाएगा। पालिकाध्यक्ष ने इस पर सहमति जताई है।
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