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रितिका के पिता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह मूल रूप से मोती कटरा, एमएम गेट के रहने वाले हैं। 20 साल पहले गाजियाबाद में रहने चले गए थे। प्रताप विहार में किराये पर रहते हैं। वह नोएडा की शू एक्सपोर्ट कंपनी में काम करते हैं। रितिका इकलौती बेटी थी। बेटा 16 साल का है। सुरेंद्र की ससुराल टूंडला के नगला झम्मन में है। यहीं पर आकाश का भी घर है।
रितिका ने गाजियाबाद के कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की। वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती थी। इसके बाद उसने इग्नू से बीएससी की। रितिका छुट्टियों में मां के साथ नानी के घर जाती थी। तभी आकाश उसके पीछे पड़ गया। रितिका को अपने जाल में फंसाने के लिए आकाश उसका पीछा करने लगा। गाजियाबाद तक पहुंच गया। वहां पर उसकी बहन रहती है।
आकाश ने बहन के घर रहकर उसने रितिका से दोस्ती कर ली। वर्ष 2014 में बेटी को कॉलेज के बाहर से ले गया। इस पर मुकदमा दर्ज कराया। रितिका को सात दिन बाद पुलिस ने बरामद किया। मगर, वह आकाश की बातों में आ चुकी थी। उसने आकाश से जिंदगी बिताने की बात कही। यही फैसला गलत हो गया।
रितिका की मां मंजू ने बताया कि आकाश ने बेटी को बताया था कि उसकी रेलवे में नौकरी लगने वाली है। मगर, ऐसा कुछ नहीं था। उसने उसे कभी प्यार नहीं किया, बल्कि उससे नौकरी कराकर खुद ऐश करता था। शादी के दो साल तक उसे गाजियाबाद में रखे रहा। बेटी का उत्पीड़न शुरू कर दिया। उसकी पिटाई करता था। बाद में आकाश के साथ रितिका आगरा आ गई। एक स्कूल में नौकरी करने लगी। आकाश तब भी बेटी की कमाई खाता था। इसके बावजूद उस पर शक करता था।
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