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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 27 Jun 2022 07:40 PM IST
जुमे की नमाज के बाद पत्थरबाजी करने के पांच आरोपियों की जमानत अर्जी जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है। अपर सत्र न्यायाधीश मृदुल कुमार मिश्र की अदालत ने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अखिलेश सिंह बिसेन एवं आरोपियों की जमानत अर्जी पर उनके अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने एवं पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए कागजातों का अवलोकन करने के बाद खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि मामला राहगीरों, पुलिस बल पर पथराव करने, गोलियों और बमों से हमला करने का है। अतिरिक्त बल का प्रयोग कर नियंत्रित किया गया है। तमाम लोग घायल हुए हैं। संपत्ति को आग लगाकर नष्ट किया गया है। ऐसी स्थिति में जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार की जाने का कोई आधार पर्याप्त नहीं है।
यह रहा मामला
उप निरीक्षक दीनदयाल सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 10 जून 2022 को हजारों की भीड़ करीब दो बजे अटाला मोहल्ले की तरफ से आई और पथराव करने लगी। पथराव छत से भी होने लगा। उपद्रवी गोली और बम चलाने लगे। इससे राहगीरों एवं पुलिस बल में लगे तमाम लोगों को चोटे आईं। मोबाइल छीनने लगे, शस्त्र लूटने का प्रयास करने लगे, गाड़ियों में आग लगा दिए। अतिरिक्त बल का प्रयोग कर उन्हें नियंत्रित किया गया। इस घटना में 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इनकी हुई जमानत अर्जी खारिज
मोहम्मद रिजवान सईद, जुबेर अली ,फजल अली, तौफीक और मोहम्मद कादिर।
विस्तार
जुमे की नमाज के बाद पत्थरबाजी करने के पांच आरोपियों की जमानत अर्जी जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है। अपर सत्र न्यायाधीश मृदुल कुमार मिश्र की अदालत ने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अखिलेश सिंह बिसेन एवं आरोपियों की जमानत अर्जी पर उनके अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने एवं पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए कागजातों का अवलोकन करने के बाद खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि मामला राहगीरों, पुलिस बल पर पथराव करने, गोलियों और बमों से हमला करने का है। अतिरिक्त बल का प्रयोग कर नियंत्रित किया गया है। तमाम लोग घायल हुए हैं। संपत्ति को आग लगाकर नष्ट किया गया है। ऐसी स्थिति में जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार की जाने का कोई आधार पर्याप्त नहीं है।
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