Agra: ऑटो चालक की पत्नी ने दिया चार बेटियों को जन्म, नन्हीं परियों को गोद लेने के लिए लोगों ने बढ़ाए कदम

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आगरा के यमुनापार निवासी ऑटो चालक को एक साथ चार संतानों की सौगात मिली। उसकी पत्नी ने चार बेटियों को जन्म दिया है। उसकी आर्थिक तंगी देख कई लोगों ने उसकी नन्ही परियों को गोद लेने के लिए कदम बढ़ाए हैं। पिता बोला, उसकी बच्चियां किसी की खुशी की वजह बन सकती है तो वह बच्चियों को गोद देने में गुरेज नहीं करेगा।
 
प्रकाश नगर निवासी मनोज कुमार ने बताया कि पत्नी खुशबू ने सोमवार को चार बच्चों को जन्म दिया। उनके पहले से तीन बेटियां खुशी (10), मानसी (सात) और महक (तीन) हैं। ऑटो चलाकर महीने में बमुश्किल 10-12 हजार रुपये कमा पाता हूं। किराये पर रहता हूं, जिसका हर महीने 2500 रुपये जाता है। इस कारण परिवार चलाना मुश्किल होता है। ईश्वर ने चार बच्चे और दे दिए हैं, मुफलिसी में कंधों पर भार बढ़ गया, लेकिन वह इनका लालन-पालन करेंगे। 

कई लोगों ने गोद लेने की जताई इच्छा 

कई लोगों ने उनको फोन कर निसंतान होने का हवाला देते हुए बच्चियों को गोद लेने की इच्छा जताई है। अगर मेरी बच्चियों का भविष्य बने और किसी को खुशी मिले तो वह अपनी बच्चियां उनके आंचल में डाल देंगे। अभी किसी से आर्थिक मदद नहीं मिली है, अस्पताल संचालक ने जरूर ऑपरेशन में रियायत कर दी है। 

तीन बच्चियां एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती 

ऑटो चालक मनोज कुमार ने तीन बच्चियों को एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में भर्ती कराया है। यहां इनको नवजात सघन चिकित्सा कक्ष में रखा है। बाल रोग विभाग के डॉ. नीरज यादव ने बताया कि समयपूर्व प्रसव के कारण इनका पूर्ण विकास नहीं हुआ और इनका वजन 900 ग्राम, 700 ग्राम और 600 ग्राम है। बालक अभी भी यमुनापार के निजी अस्पताल में भर्ती है।

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आगरा के यमुनापार निवासी ऑटो चालक को एक साथ चार संतानों की सौगात मिली। उसकी पत्नी ने चार बेटियों को जन्म दिया है। उसकी आर्थिक तंगी देख कई लोगों ने उसकी नन्ही परियों को गोद लेने के लिए कदम बढ़ाए हैं। पिता बोला, उसकी बच्चियां किसी की खुशी की वजह बन सकती है तो वह बच्चियों को गोद देने में गुरेज नहीं करेगा।

 

प्रकाश नगर निवासी मनोज कुमार ने बताया कि पत्नी खुशबू ने सोमवार को चार बच्चों को जन्म दिया। उनके पहले से तीन बेटियां खुशी (10), मानसी (सात) और महक (तीन) हैं। ऑटो चलाकर महीने में बमुश्किल 10-12 हजार रुपये कमा पाता हूं। किराये पर रहता हूं, जिसका हर महीने 2500 रुपये जाता है। इस कारण परिवार चलाना मुश्किल होता है। ईश्वर ने चार बच्चे और दे दिए हैं, मुफलिसी में कंधों पर भार बढ़ गया, लेकिन वह इनका लालन-पालन करेंगे। 

कई लोगों ने गोद लेने की जताई इच्छा 

कई लोगों ने उनको फोन कर निसंतान होने का हवाला देते हुए बच्चियों को गोद लेने की इच्छा जताई है। अगर मेरी बच्चियों का भविष्य बने और किसी को खुशी मिले तो वह अपनी बच्चियां उनके आंचल में डाल देंगे। अभी किसी से आर्थिक मदद नहीं मिली है, अस्पताल संचालक ने जरूर ऑपरेशन में रियायत कर दी है। 

तीन बच्चियां एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती 

ऑटो चालक मनोज कुमार ने तीन बच्चियों को एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में भर्ती कराया है। यहां इनको नवजात सघन चिकित्सा कक्ष में रखा है। बाल रोग विभाग के डॉ. नीरज यादव ने बताया कि समयपूर्व प्रसव के कारण इनका पूर्ण विकास नहीं हुआ और इनका वजन 900 ग्राम, 700 ग्राम और 600 ग्राम है। बालक अभी भी यमुनापार के निजी अस्पताल में भर्ती है।

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