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मदिया कटरा में कैलाशपुरी, हलवाई की बगीची और भावना क्लार्क्स होटल के पास फ्लाईओवर शुरू होते ही तिराहे पर पानी भरा रहा, वहीं नेशनल हाइवे पर गुरूद्वारा गुरू के ताल के सामने जलभराव हो गया। भगवान टॉकीज से न्यू आगरा के सर्विस लेन पर एक से डेढ़ फुट तक पानी भरा रहा, जिससे वाहन जाम में फंस गए। यहां कोचिंग संस्थान होने के कारण छात्रों को जलभराव से निकलना पड़ा।
सुभाष पार्क के गेट के सामने दो फुट तक लबालब पानी जमा हो गया। इन सभी जगहों पर नाले की सफाई न होने और लो-लाइन एरिया होने के कारण जलभराव की समस्या झेलनी पड़ी, जबकि रिमझिम बारिश ही रिकार्ड की गई। झमाझम बारिश की कल्पना भर से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग सहम गए। मदिया कटरा रोड पर जगह जगह जलभराव हुआ, दरअसल, यहां नाले की सफाई हुई ही नहीं। केवल प्लास्टिक, पॉलिथीन निकाली गई। यह नाला जून की गर्मी में लबालब भरा हुआ था। इस नाले का जुड़ाव दिल्ली गेट से सोलिटेयर होटल वाले नाले से है, जिसकी सफाई अतिक्रमण के कारण नहीं हुई।
मदिया कटरा से दिल्ली गेट होते हुए सॉलिटेयर होटल तक 38 अवैध निर्माण बने हुए हैं, जिनके कारण नाले की सफाई हो नहीं पाई। यहां मशीनें नहीं पहुंच पातीं, जिस वजह से नाले में पांच से आठ फुट तक सिल्ट भरी हुई है, इस वजह से मदिया कटरा से आने वाला पानी आगे नहीं निकल पाता और कैलाशपुरी से हलवाई की बगीची रोड पर जलभराव होता है।
नगर निगम के अधिकारियों ने कागजों पर नाला सफाई के दावे किए, पर हकीकत में नालों की सफाई पूरी हुई ही नहीं। पश्चिमपुरी, अरविंद पुरम्, अलबतिया रोड, कलाकुंज पर नगर निगम ने सोमवार को सिल्ट निकालकर सड़क पर रख दी, जिसे बुधवार को उठाने के लिए निर्देश भी दिए गए, लेकिन सेनेटरी इंस्पेक्टरों की लापरवाही के कारण नालों से निकली सिल्ट बारिश के कारण वापस नाले में ही चली गई। बृहस्पतिवार सुबह से ही बारिश शुरू हो गई, जिससे सिल्ट और प्लास्टिक कचरा फिर से नालों में समा गया। इन क्षेत्रों में सिल्ट के बहने के कारण सड़कों पर फिसलन भी हो गई।
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