[ad_1]
ख़बर सुनें
विस्तार
संयुक्त अरब अमीरात के साथ केंद्र सरकार के हाल में हुए करार और शारजाह एयरपोर्ट इंटरनेशनल फ्री जोन होने के कारण आगरा से होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी हो सकेगी। ताजनगरी के फुटवियर, हैंडीक्राफ्ट और कालीन निर्यात को इसका फायदा मिल सकता है। सोमवार को एसोचैम, शारजाह एयरपोर्ट इंटरनेशनल फ्री जोन टीम व यूएई के प्रतिनिधिमंडल ने ताजनगरी में आयोजित व्यापार सम्मेलन में फ्री ट्रेड जोन की जानकारी दी।
ताज रोड स्थित होटल क्लार्क शिराज में सम्मेलन का शुभारंभ शारजाह सैफ जोन (सैफ) के सेल्स मैनेजर अली अल मुतावा, एमएसएमई के सहायक निदेशक डा. मुकेश शर्मा ने किया। मुतावा ने बताया कि आगरा के उद्यमी अफ्रीका, यूरोप में पुनर्निर्यात आधार के रूप में शारजाह का लाभ उठा सकते हैं। सीमा शुल्क के बिना 100 फीसदी स्वामित्व के साथ वह फ्री ट्रेड जोन में व्यापार कर सकते हैं।
महिला उद्यमियों को मिलेगा प्रोत्साहन
सैफ जोन से जुड़े अनूप वारियर ने बताया कि 60 फीसदी निवेशक भारत से हैं। दो लाख रुपये प्रति वर्ष देकर कोई भी कंपनी सैफ जोन में ऑफिस खोल सकती है। महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन है। एमएसएमई मंत्रालय के सहायक निदेशक डॉ. मुकेश शर्मा ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार चालू वित्त वर्ष में बढ़ने की उम्मीद है।
आयात शुल्क में आएगी कमी
नेशनल चैंबर अध्यक्ष शलभ शर्मा ने कहा कि यूएई के साथ करार से आयात शुल्क में कमी आएगी। लेदर फुटवियर, खेल का सामान, इंजीनियरिंग आदि का निर्यात बढ़ेगा। एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि यूएई में चमड़े के जूतों की मांग अच्छी है। चमड़ा उत्पाद पर 5 फीसदी शुल्क नहीं लगेगा। निर्यातक रजत अस्थाना ने कहा कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से निर्यात बढ़ेगा। मध्य पूर्व में यूएई समेत 2485 करोड़ का हस्तशिल्प निर्यात होता है। कार्यक्रम का संचालन उपनिदेशक इरफान आलम ने किया। इस दौरान लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल भी मौजूद रहे।
[ad_2]
Source link