अमर उजाला संवाद : कान से नहीं, ध्यान से सुनने की डालें आदत, प्रो. एचसी वर्मा ने फिजिक्स के शिक्षकों को दिए टिप्स

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जरूरी नहीं कि कान के परदे से जब ध्वनि की तरंगे टकराएं तो हमें हर चीज सुनाई भी दे और आंखों पर रोशनी की किरण पड़े तो हर वस्तु दिखाई दे। हम जो सुनना या देखना चाहते हैं, वही सुनते और देखते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि हमारा ध्यान किस पर है। भौतिक विज्ञान को बेहद रुचिकर और आसान तरीके से समझाने के लिए विख्यात पद्मश्री प्रो. एचसी वर्मा ने इन्हीं दो लाइनों में भौतिक विज्ञान के शिक्षकों को जिंदगी का फलसफा भी समझा दिया। मौका था मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रीतम दास मेहता प्रेक्षागृह में आयोजित अमर उजाला संवाद कार्यक्रम का, जिसमें प्रो. वर्मा ने जिले के विभिन्न इंटर कॉलेजों के दो सौ से अधिक भौतिक विज्ञान के शिक्षकों से संवाद किया। 

यह ध्यान का ही नतीजा है कि शोर के बीच हम रेलवे स्टेशन में अपने मतलब की एनाउंसमेंट सुन लेते हैं और कभी आखों के सामने रखे पेन पर भी हमारी नजर नहीं पड़ती। ध्यान यानी मेडिटेशन, जिसे सिखाने वाले बताते हैं कि अगर पांच मिनट भी ध्यान लगा लिया तो यह जीवन की बड़ी उपलब्धि होगी। प्रो. वर्मा ने शिक्षकों से सवाल किया कि वे कैसे अपेक्षा करते हैं कि बच्चे उनकी क्लास में लगातार 40 मिनट तक ध्यान लगाकर सुनेंगे और देखेंगे। इस सवाल का जवाब भी उनकी अगली लाइनों में था। कहा कि किसी भी वक्त क्लास में मौजूद आधे बच्चों का ध्यान शिक्षक पर नहीं होता। बेहतर है कि जो पढ़ाएं, उसे बार-बार दोहराएं।

यह जानने की कोशिश भी करें कि क्या हर बच्चे तक उनकी बात पहुंची। हो सके तो एक दिन पहले जो पढ़ाया, उसके बारे में भी बच्चों से पूछें। उन्होंने कहा कि विज्ञान शिक्षक कभी खाली हाथ नहीं जाता। उसके बैग में हमेशा पुस्तक और प्रयोग होते हैं। ऐसे में ‘साल दर साल वही वेग और वही चाल’ की परिपाटी को बदलने की जरूरत है। क

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हा, किसी का पसंदीदा भोजन अगर खिचड़ी है तो रोज-रोज उसे भी नहीं खाया जा सकता। मसाला तो नया डालना ही होगा। ठीक इसी तरह शिक्षकों को भी कुछ न कुछ नया करने की जरूरत है। बच्चों के सामने डेमो करें और विज्ञान को जीवन के साथ जोड़ें। इस मौके पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स (एआईपीटी) के सचिव प्रो. पीपी त्यागी, प्रो. अमित बाजपेयी आदि मौजूद रहे। 

घर बैठे करें एक्सपेरिमेंट, बनें वैज्ञानिक

नेस्ट-2022 के तहत माध्यमिक और उच्च शिक्षा के विद्यार्थी घर बैठे एक्सपेरिमेंट करें और वैज्ञानिक बनें। इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स (एआईपीटी) की ओर से आयोजित होने जा रही ऑनलाइन परीक्षा ‘नेशनल कंपटीशन ऑफ एक्सपेरिमेंट’ के लिए इन दिनों आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। आवेदन की अंतिम तिथि 29 जुलाई है। कक्षा नौ से लेकर एमएससी तक के विद्यार्थी इसे बारे में अधिक जानकारी के लिए ईमेल आईडी ‘[email protected]’ या व्हाट्सएप नंबर ‘9506611484’ पर संपर्क कर सकते हैं। विज्ञान शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए परीक्षा से संबंधित सभी प्रक्रिया पूरी तरह से नि:शुल्क है और इसमें किसी प्रकार का कोई शुल्क लागू नहीं है।

दो कैटेगरी में होगी परीक्षा

परीक्षा दो कैटेगरी में होगी। कक्षा नौ से 12 तक की एक और बीएससी एवं एमएससी के विद्यार्थियों की दूसरी कैटेगरी होगी। हालांकि सभी को एक ही एक्सपेरिमेंट मिलेंगे। प्रो. एचसी वर्मा ने बताया कि यह परीक्षा कल्पनाओं की उड़ान नापने की कोशिश है। प्रतिभागी इसे उत्सव की तरह लें और घर में अपने परिवार के सदस्यों को भी भागीदारी बनाएं। परीक्षा 100 अंकों की होगी। 70 अंक उन एक्सपेरिमेंट के लिए होंगे जो हमने करने के लिए कहा और 30 अंक उन कार्यों के लिए जो हमने नहीं किए और आपने ने किए।

अमर उजाला संवाद में उपस्थित शिक्षक। 

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