Allahabad High Court :  कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन को नहीं मिली राहत, अभी रहना होगा जले में

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धमकी देने, उकसाने और विश्वासघात के मामले में कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने विधायक की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जमानत मिलने पर वह मुकदमे से जुड़े तथ्यों, रिकॉर्डों और गवाहों को धमका सकता है। इस वजह से उसकी जमानत अर्जी स्वीकार किए जाने के योग्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति समिति गोपाल ने नाहिद हसन की याचिका की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।

मामले में सपा विधायक और सह अभियुक्त नवाब के खिलाफ शाहजहां ने 26 सितंबर 2019 को कैराना थाने पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि नवाब ने उसकी बोलेरो गाड़ी संविदा के आधार पर ली थी। उसने जब महीने में तय की गई राशि का भुगतान नहीं किया तो पूछने पर उसने पूरी रकम एकसाथ देने की बात कह कर वापस कर दिया।

बाद में वह डेढ़ लाख रुपये दे रहा था, जिसे लेने से उसने इनकार कर दिया। पता चला कि उसकी बोलेरो गाड़ी सपा विधायक के यहां है। वह देखने गई तो विधायक ने उसे फोन पर मारने की धमकी दी और वापस चले जाने को कहा। इसके बाद उसके पति को दिल का दौरा भी पड़ गया। वह भर्ती हो गया। उसने बाद में प्राथमिकी दर्ज कराई। 

याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अपराध छोटा है। याची का उससे कोई मतलब नहीं है। शिकायत करने वाले की बोलेरो सह अभियुक्त ने किराये पर ली थी। वह मासिक किराये के भुगतान का जिम्मेदार नहीं है। सियासी व्यक्ति होने की वजह से उसके खिलाफ 17 मामलों में आपराधिक इतिहास बताया गया है, लेकिन सभी मामले छोटे हैं। अपराधों का विचारणीय मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाना है।

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पक्षकारों ने आपसी समझौता भी किया था। याची जेल में है। जबकि सरकारी अधिवक्ता ऋषि चड्ढा ने इसका विरोध किया। तर्क दिया कि याची ने शिकायतकर्ता के पति को फोन पर धमकी दी। इसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग है। पक्षकारों को सुनने के बाद कोर्ट ने याची की जमानत अर्जी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। 

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धमकी देने, उकसाने और विश्वासघात के मामले में कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने विधायक की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जमानत मिलने पर वह मुकदमे से जुड़े तथ्यों, रिकॉर्डों और गवाहों को धमका सकता है। इस वजह से उसकी जमानत अर्जी स्वीकार किए जाने के योग्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति समिति गोपाल ने नाहिद हसन की याचिका की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।

मामले में सपा विधायक और सह अभियुक्त नवाब के खिलाफ शाहजहां ने 26 सितंबर 2019 को कैराना थाने पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि नवाब ने उसकी बोलेरो गाड़ी संविदा के आधार पर ली थी। उसने जब महीने में तय की गई राशि का भुगतान नहीं किया तो पूछने पर उसने पूरी रकम एकसाथ देने की बात कह कर वापस कर दिया।

बाद में वह डेढ़ लाख रुपये दे रहा था, जिसे लेने से उसने इनकार कर दिया। पता चला कि उसकी बोलेरो गाड़ी सपा विधायक के यहां है। वह देखने गई तो विधायक ने उसे फोन पर मारने की धमकी दी और वापस चले जाने को कहा। इसके बाद उसके पति को दिल का दौरा भी पड़ गया। वह भर्ती हो गया। उसने बाद में प्राथमिकी दर्ज कराई। 

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