नगर पालिका अध्यक्ष को पदमुक्त किए जाने की चर्चा से हड़कंप

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उन्नाव। नगर पालिकाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर करीब एक साल से चल रही सत्तादल और विपक्षी दल में खींचतान का मुद्दा शुक्रवार शाम को फिर सुर्खियों में आ गया। सोशल मीडिया पर शासन द्वारा अध्यक्ष को पदमुक्त करने की पोस्ट शेयर होने लगी। डीएम ने बताया कि पूर्व में हुई जांच के आधार पर मामला शासन स्तर पर विचाराधीन था। कार्रवाई संबंधी कोई पत्र अभी नहीं मिला है।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष अनुराग अवस्थी ने फरवरी 2021 में नगर पालिकाध्यक्ष ऊषा कटियार पर एक करोड़ से अधिक के घालमेल का आरोप लगाया था। इसमें वाहन किराया, निराला प्रेक्षागृह की साज-सज्जा, सामुदायिक व पिंक शौचालय निर्माण, जीआईसी मैदान में फुटपाथ और डीलक्स शौचालय का निर्माण और कोरोना काल में हुई खरीद सहित अन्य विकास व निर्माण कार्य शामिल थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। इसके बाद शासन के निर्देश पर डीएम रवींद्र कुमार ने अगस्त 2021 में तत्कालीन एडीएम (वित्त एवं राजस्व) के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर जांच कराई तो वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ था। इसमें 10.34 लाख का वाहन किराया भुगतान, बिना डीपीआर प्रेक्षागृह की साज-सज्जा पर 5.10 लाख, शौचालय निर्माण में 44.46 लाख रुपये और शासनादेश की अनदेखी कर कोरोना काल में की गई खरीद में 21.99 लाख के घालमेल की पुष्टि हुई थी। तब से मामला शासन स्तर पर लंबित है। शुक्रवार शाम पालिकाध्यक्ष ऊषा कटियार को शासन द्वारा पदमुक्त करने की चर्चा से हलचल मच गई। अध्यक्ष ने बताया कि चार जुलाई को प्रमुख सचिव के यहां जाकर पक्ष रखा था। किसी प्रकार की कार्रवाई की जानकारी नहीं है। डीएम रवींद्र कुमार ने बताया कि प्रकरण शासन स्तर पर लंबित था। अध्यक्ष पर कोई कार्रवाई हुई है या नहीं इसका कोई पत्र अभी नहीं मिला है।

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उन्नाव। नगर पालिकाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर करीब एक साल से चल रही सत्तादल और विपक्षी दल में खींचतान का मुद्दा शुक्रवार शाम को फिर सुर्खियों में आ गया। सोशल मीडिया पर शासन द्वारा अध्यक्ष को पदमुक्त करने की पोस्ट शेयर होने लगी। डीएम ने बताया कि पूर्व में हुई जांच के आधार पर मामला शासन स्तर पर विचाराधीन था। कार्रवाई संबंधी कोई पत्र अभी नहीं मिला है।

भाजपा जिला उपाध्यक्ष अनुराग अवस्थी ने फरवरी 2021 में नगर पालिकाध्यक्ष ऊषा कटियार पर एक करोड़ से अधिक के घालमेल का आरोप लगाया था। इसमें वाहन किराया, निराला प्रेक्षागृह की साज-सज्जा, सामुदायिक व पिंक शौचालय निर्माण, जीआईसी मैदान में फुटपाथ और डीलक्स शौचालय का निर्माण और कोरोना काल में हुई खरीद सहित अन्य विकास व निर्माण कार्य शामिल थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। इसके बाद शासन के निर्देश पर डीएम रवींद्र कुमार ने अगस्त 2021 में तत्कालीन एडीएम (वित्त एवं राजस्व) के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर जांच कराई तो वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ था। इसमें 10.34 लाख का वाहन किराया भुगतान, बिना डीपीआर प्रेक्षागृह की साज-सज्जा पर 5.10 लाख, शौचालय निर्माण में 44.46 लाख रुपये और शासनादेश की अनदेखी कर कोरोना काल में की गई खरीद में 21.99 लाख के घालमेल की पुष्टि हुई थी। तब से मामला शासन स्तर पर लंबित है। शुक्रवार शाम पालिकाध्यक्ष ऊषा कटियार को शासन द्वारा पदमुक्त करने की चर्चा से हलचल मच गई। अध्यक्ष ने बताया कि चार जुलाई को प्रमुख सचिव के यहां जाकर पक्ष रखा था। किसी प्रकार की कार्रवाई की जानकारी नहीं है। डीएम रवींद्र कुमार ने बताया कि प्रकरण शासन स्तर पर लंबित था। अध्यक्ष पर कोई कार्रवाई हुई है या नहीं इसका कोई पत्र अभी नहीं मिला है।

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