उन्नाव: जिला अस्पताल की सीबीसी मशीन फिर खराब, जांच के लिए भटके मरीज

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उन्नाव। जिला अस्पताल में चार दिन पहले ही सही हुई सीबीसी मशीन सोमवार को फिर खराब हो गई। बुखार, फेफड़ों में पानी भरने, खून की कमी वाले मरीजों ने घंटों लाइन में लगकर पर्चा बनवाया लेकिन जब सीबीसी जांच की बारी आई तो उन्हें लौटा दिया गया। इसके कारण मरीज परेशान रहे।
सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़ रहती है। सुबह 675 पर्चे बने। डॉक्टरों ने 25 मरीजों को सीसीबी जांच लिखी। मरीज जांच कराने पहुंचे तो स्वास्थ्य कर्मी ने मशीन खराब होने की बात कहकर पर्चे लौट दिए।
इस पर स्वास्थ्य कर्मियों से नोकझोंक हुई। मरीजों को निजी पैथोलॉजी से जांच कराने में 500 से 800 रुपये खर्च करने पड़े। पैथोलॉजिस्ट डॉ. विनीत कुमार वर्मा ने बताया कि मशीन ब्लड सेल्स काउंटिंग ठीक नहीं दिखा रही है। इससे रिपोर्ट सही नहीं आती। मशीन ठीक करने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया है।
इसके पहले पांच जुलाई को भी सीबीसी मशीन खराब हुई थी। इससे मरीजों को दो दिन परेशानी उठानी पड़ी थी। लखनऊ से आए इंजीनियर ने मशीन सही की थी और सात जुलाई से सैंपल लेना शुरू हुए थे।
मरीजों से कहा, अगले दिन आओ
पैथोलॉजी में खड़े मकूर निवासी शिवबहादुर ने बताया कि बच्चे के पैर में इंफेक्शन है। डॉक्टर ने खून की कुछ जांचें लिखी थीं। वह जांच कराने के लिए लाइन में लगे थे लेकिन अब मशीन खराब होने की बात कहकर अगले दिन आने के लिए बोला गया है।
मियागंज के अटिया गांव निवासी अंशु ने बताया कि बुखार के साथ आंतों में भी दिक्कत है। डॉक्टर ने खून की जांच लिखी लेकिन मशीन खराब होने से लौटा दिया गया।

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उन्नाव। जिला अस्पताल में चार दिन पहले ही सही हुई सीबीसी मशीन सोमवार को फिर खराब हो गई। बुखार, फेफड़ों में पानी भरने, खून की कमी वाले मरीजों ने घंटों लाइन में लगकर पर्चा बनवाया लेकिन जब सीबीसी जांच की बारी आई तो उन्हें लौटा दिया गया। इसके कारण मरीज परेशान रहे।

सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़ रहती है। सुबह 675 पर्चे बने। डॉक्टरों ने 25 मरीजों को सीसीबी जांच लिखी। मरीज जांच कराने पहुंचे तो स्वास्थ्य कर्मी ने मशीन खराब होने की बात कहकर पर्चे लौट दिए।

इस पर स्वास्थ्य कर्मियों से नोकझोंक हुई। मरीजों को निजी पैथोलॉजी से जांच कराने में 500 से 800 रुपये खर्च करने पड़े। पैथोलॉजिस्ट डॉ. विनीत कुमार वर्मा ने बताया कि मशीन ब्लड सेल्स काउंटिंग ठीक नहीं दिखा रही है। इससे रिपोर्ट सही नहीं आती। मशीन ठीक करने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया है।

इसके पहले पांच जुलाई को भी सीबीसी मशीन खराब हुई थी। इससे मरीजों को दो दिन परेशानी उठानी पड़ी थी। लखनऊ से आए इंजीनियर ने मशीन सही की थी और सात जुलाई से सैंपल लेना शुरू हुए थे।

मरीजों से कहा, अगले दिन आओ

पैथोलॉजी में खड़े मकूर निवासी शिवबहादुर ने बताया कि बच्चे के पैर में इंफेक्शन है। डॉक्टर ने खून की कुछ जांचें लिखी थीं। वह जांच कराने के लिए लाइन में लगे थे लेकिन अब मशीन खराब होने की बात कहकर अगले दिन आने के लिए बोला गया है।

मियागंज के अटिया गांव निवासी अंशु ने बताया कि बुखार के साथ आंतों में भी दिक्कत है। डॉक्टर ने खून की जांच लिखी लेकिन मशीन खराब होने से लौटा दिया गया।

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