उन्नाव: मॉडल गांव में चयनित मलांव में गड़बड़झाला, जांच शुरू

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उन्नाव। मॉडल गांव के लिए चयनित नवाबगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत मलांव में कई कार्यों में गड़बड़झाला सामने आया है। पंचायतीराज के नियमों को दरकिनार करके प्रधान ने परिवार की ही फर्मों से निर्माण सामग्री ले ली और भुगतान कर दिया गया। वहीं गांव में संचालित गोशाला के केयरटेकर को मनरेगा से मजदूरी भी दी गई। सके नाम से बनी फर्म पर भुगतान भी किया गया। सीडीओ के निर्देश पर बीडीओ ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
पंचायतीराज अधिनियम के मुताबिक प्रधान या अन्य कोई जनप्रतिनिधि परिवार और नजदीकी रिश्तेदारों द्वारा स्थापित फर्म को वेंडर के रूप में रजिस्टर नहीं किया जाएगा। न ही किसी प्रकार का कोई काम लेकर भुगतान किया जाएगा। मलांव ग्राम प्रधान पर आरोप है कि परिवार की ही फर्मों से निर्माण सामग्री लेकर भुगतान किया गया।
गांव की क्षेत्र पंचायत सदस्य सीमा मिश्रा ने सीडीओ दिव्यांशु पटेल को दिए गए शिकायतीपत्र में बताया कि गांव की गोशाला में केयरटेकर के रूप में कन्हैयालाल की तैनाती है। उसे 10 हजार रुपये मानदेय के रूप में भी दिया जा रहा है। इसके अलावा कन्हैयालाल के नाम मनरेगा जॉबकार्ड भी बना है और उसके खाते में मनरेगा मजदूरी का भी भुगतान किया गया है।
कन्हैयालाल के नाम एक फर्म भी संचालित है। विकास कार्यों के लिए जो निर्माण सामग्री खरीदी गई, उसका भुगतान कन्हैया की फर्म को किया गया। सीडीओ से मिले आदेश के बाद बीडीओ नवाबगंज मुनेश कुमार ने मामले की जांच शुरू कर दी। उन्होंने सचिव दिलीप मिश्रा से शिकायतों से संबंधित सारे अभिलेख तलब किए।
मलांव गांव में केयरटेकर के अलावा पारिवारिक फर्मों को भुगतान किए जाने की शिकायत की जांच के लिए अभी अभिलेख मांगे गए हैं। इसके बाद स्थलीय निरीक्षण करके रिपोर्ट सीडीओ को भेजी जाएगी। – मुनेश कुमार, बीडीओ नवाबगंज।

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उन्नाव। मॉडल गांव के लिए चयनित नवाबगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत मलांव में कई कार्यों में गड़बड़झाला सामने आया है। पंचायतीराज के नियमों को दरकिनार करके प्रधान ने परिवार की ही फर्मों से निर्माण सामग्री ले ली और भुगतान कर दिया गया। वहीं गांव में संचालित गोशाला के केयरटेकर को मनरेगा से मजदूरी भी दी गई। सके नाम से बनी फर्म पर भुगतान भी किया गया। सीडीओ के निर्देश पर बीडीओ ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

पंचायतीराज अधिनियम के मुताबिक प्रधान या अन्य कोई जनप्रतिनिधि परिवार और नजदीकी रिश्तेदारों द्वारा स्थापित फर्म को वेंडर के रूप में रजिस्टर नहीं किया जाएगा। न ही किसी प्रकार का कोई काम लेकर भुगतान किया जाएगा। मलांव ग्राम प्रधान पर आरोप है कि परिवार की ही फर्मों से निर्माण सामग्री लेकर भुगतान किया गया।

गांव की क्षेत्र पंचायत सदस्य सीमा मिश्रा ने सीडीओ दिव्यांशु पटेल को दिए गए शिकायतीपत्र में बताया कि गांव की गोशाला में केयरटेकर के रूप में कन्हैयालाल की तैनाती है। उसे 10 हजार रुपये मानदेय के रूप में भी दिया जा रहा है। इसके अलावा कन्हैयालाल के नाम मनरेगा जॉबकार्ड भी बना है और उसके खाते में मनरेगा मजदूरी का भी भुगतान किया गया है।

कन्हैयालाल के नाम एक फर्म भी संचालित है। विकास कार्यों के लिए जो निर्माण सामग्री खरीदी गई, उसका भुगतान कन्हैया की फर्म को किया गया। सीडीओ से मिले आदेश के बाद बीडीओ नवाबगंज मुनेश कुमार ने मामले की जांच शुरू कर दी। उन्होंने सचिव दिलीप मिश्रा से शिकायतों से संबंधित सारे अभिलेख तलब किए।

मलांव गांव में केयरटेकर के अलावा पारिवारिक फर्मों को भुगतान किए जाने की शिकायत की जांच के लिए अभी अभिलेख मांगे गए हैं। इसके बाद स्थलीय निरीक्षण करके रिपोर्ट सीडीओ को भेजी जाएगी। – मुनेश कुमार, बीडीओ नवाबगंज।

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