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श्रीमद्भागवत कथा सुनाते रामशरण शास्त्री जी। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। सिविल लाइन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक रामशरण शास्त्री ने कहा कि मानव जीवन में कर्म का विशेष महत्व है। अच्छे कर्म से ही व्यक्ति के सभी संकल्प पूर्ण होते हैं। इसलिए मनुष्य को सदैव सात्विक व अच्छे कर्म ही करने चाहिए।
उन्होंने कर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि मानव जीवन कर्म प्रधान होता है। कर्म से ही सभी प्रयोजन, अनुष्ठान और संकल्प पूर्ण होते हैं। उन्होंने भागवत उत्पत्ति की कथा भी सुनाई। नारद व व्यासजी के संवाद का वर्णन किया। कथा के दौरान मुख्य यजमान डॉ. संजय मिश्रा, उनकी पत्नी बबली मिश्रा, अरविंद मिश्रा, हेमलता मिश्रा, ज्ञान प्रकाश मिश्रा, प्रगति मिश्रा व विनीत मिश्रा ने भागवत पुराण, ठाकुरजी और व्यास पूजन और आरती की। अमित मिश्रा, शिवम मिश्रा, गणेश शंकर, गौरव यादव, तरुण त्रिपाठी, लक्ष्मीकांत, रत्नाकर त्रिपाठी मौजूद रहे।
उन्नाव। सिविल लाइन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक रामशरण शास्त्री ने कहा कि मानव जीवन में कर्म का विशेष महत्व है। अच्छे कर्म से ही व्यक्ति के सभी संकल्प पूर्ण होते हैं। इसलिए मनुष्य को सदैव सात्विक व अच्छे कर्म ही करने चाहिए।
उन्होंने कर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि मानव जीवन कर्म प्रधान होता है। कर्म से ही सभी प्रयोजन, अनुष्ठान और संकल्प पूर्ण होते हैं। उन्होंने भागवत उत्पत्ति की कथा भी सुनाई। नारद व व्यासजी के संवाद का वर्णन किया। कथा के दौरान मुख्य यजमान डॉ. संजय मिश्रा, उनकी पत्नी बबली मिश्रा, अरविंद मिश्रा, हेमलता मिश्रा, ज्ञान प्रकाश मिश्रा, प्रगति मिश्रा व विनीत मिश्रा ने भागवत पुराण, ठाकुरजी और व्यास पूजन और आरती की। अमित मिश्रा, शिवम मिश्रा, गणेश शंकर, गौरव यादव, तरुण त्रिपाठी, लक्ष्मीकांत, रत्नाकर त्रिपाठी मौजूद रहे।
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