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दीवानी परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। अधिकारियों ने फुटेज देखी। इन्हें देखने पर सिपाही और सोनू की पोल खुल गई। सिपाही ने करीब एक घंटे बाद गैंगस्टर के भागने की सूचना दी थी। फुटेज में दिखा कि सिपाही गैंगस्टर को बड़े आराम से ले जा रहा है। वह उसे एक अधिवक्ता के चैंबर पर लेकर गया। सोनू के कंधे पर गैंगस्टर ने हाथ रखा था।
सख्ती से पूछताछ पर सोनू कुमार ने अपना नाम सोनू कुशवाहा बताया। बताया कि अधिवक्ता के चैंबर पर विनय ने उसके ही मोबाइल से बात की थी। इस दौरान विनय चैंबर से बाहर तक आ गया। इसके बाद साथियों के साथ फरार हो गया। सिपाही चैंबर में बैठा रहा, जब विनय अंदर नहीं आया तो सिपाही बाहर आया। तब तक गैंगस्टर अपने दो साथियों के साथ बाइक पर बैठकर गेट नंबर चार से बाहर जा चुका था। इसके बाद सिपाही ने बदमाश की फरारी की कहानी बनाई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सिपाही ने खुद अपने ऊपर ईंट से प्रहार किया। मगर, उसके खून नहीं निकला। इस पर उसने सोनू से कहकर ईंट से प्रहार कराया। यह बात पुलिस की पूछताछ में सोनू ने बताई है। एसपी सिटी विकास कुमार का कहना है कि कई अहम जानकारी मिली हैं। सिपाही की भूमिका संदिग्ध है। मुकदमा दर्ज किया गया है। गैंगस्टर ने सिपाही के लालच और लापरवाही का फायदा उठाया है। फरार मुल्जिम की गिरफ्तारी के लिए टीम दबिश दे रही हैं। सिपाही अनुज प्रताप जब घटना के बाद अधिकारियों के पास आया तो उसकी वर्दी पर खून लगा था।
थाना न्यू आगरा के दीवानी चौकी प्रभारी एसआई अंकुज धामा ने मुकदमा दर्ज कराया। इसमें मुख्य आरक्षी अनुज प्रताप सिंह (पुलिस लाइन), आरक्षी अनुराग राणा (तैनात सेशन हवालात, दीवानी न्यायालय), टूंडला निवासी सोनू कुशवाहा, गैंगस्टर विनय, फिरोजाबाद निवासी छोटे उर्फ रिषभ राजपूत, राहुल, मिंटा यादव, रवि यादव और अन्य अज्ञात को नामजद किया है। मुकदमा धारा 223, 224, 225, 332 में लिखा गया।
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