Agra IT Park: मंत्री जी, पूरा होता आईटी पार्क तो 15 हजार युवाओं को मिलता रोजगार, कब खत्म होगा इंतजार

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आगरा के शास्त्रीपुरम में निर्माणाधीन आईटी पार्क 24 साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर लखनऊ पहुंचे योगेंद्र उपाध्याय को इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बने तो युवाओं को लगा कि अब उनका सपना जल्द ही पूरा होगा। उनको मंत्री बने 100 दिन हो चुके हैं। ऐसे में अब आगरा के युवा पूछ रहे हैं कि मंत्री जी उनका रोजगार का ख्वाब कब पूरा होगा। आईटी पार्क बनने से करीब 15 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 1996 में आगरा को पर्यावरण दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया था। यहां प्रदूषणकारी उद्योग नहीं लग सकते, इसलिए 1998 में पहली बार आगरा में आईटी पार्क का प्रस्ताव बना। तब यह 12 एकड़ में बनना था। बाद में जमीन सात एकड़ और फिर घट कर पांच एकड़ हो गई।

इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रौद्योगिकी मंत्री से बंधी आस 

2015 में तत्कालीन मंत्री अरिदमन सिंह ने एमओयू साइन किया, लेकिन आईटी पार्क धरातल पर नहीं उतर सका। 2018 में भाजपा सरकार में काम शुरू हुआ, लेकिन चार साल में चार बार समय सीमा बढ़ने के बावजूद पार्क आकार नहीं ले सका है। अब सूबे में इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रौद्योगिकी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय हैं। उनसे आगरावासियों की आस बंधी है।

उधर, शास्त्रीपुरम में सुनारी गांव के पास करीब 23000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में आईटी पार्क की बिल्डिंग निर्माणाधीन है। जिसका नाम अब सॉफ्टवेयर एंड टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपीआई) हो गया है।

मार्च 2021 में होना था पूरा

जनवरी 2021 में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने शास्त्रीपुरम में निर्माणाधीन आईटी पार्क का निरीक्षण किया था। तब उन्होंने दावा किया था कि मार्च 2021 यानी तीन महीने में निर्माण पूरा हो जाएगा। 16 महीने बाद भी काम अधूरा है।

पलायन कर रहे आईटी पेशेवर

आगरा के आईटी पेशेवर रोजगार के अभाव में पलायन को मजबूर हैं। रोजगार के लिए दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद के अलावा बेंगलुरू, मुंबई जा रहे हैं। यहां करीब 15 हजार लोगों को रोजगार मिलता। सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर की 25 कंपनियां स्टार्ट अप शुरू करतीं, लेकिन जनप्रतिनिधियों व अफसरों के गैर जिम्मेदार रवैया का खामियाजा आईटी पेशेवर युवाओं को भुगतना पड़ रहा है।

ये मिलनी थीं सुविधाएं

  • आईटी पार्क में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम होना था। 
  • कंपनियों के लिए रेडी टू यूज स्पेस उपलब्ध कराना था।
  • हाई स्पीड डाटा एवं इलेक्ट्रॉनिक सेंटर बनाया जाना था।
  • ऑप्टिकल फाइबर से पार्क में सभी कंपनियां जोड़ना था।
  • कस्टम विभाग से सीधा समन्वय के लिए डेस्क बननी थी।
  • 10 से 15 हजार लोगों को आईटी क्षेत्र में रोजगार मिलता।
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जल्द पूरा होगा पार्क का निर्माण

प्रदेश के उच्च शिक्षा, आईटी एवं प्रौद्योगिक मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आईटी पार्क का निर्माण हो रहा है। इसे जल्द पूरा कराया जाएगा। यहां आईटी पार्क में आईटी एकेडमी भी बनेगी। जिसमें आईटी प्रोफेशनल्स काम के साथ आईटी की पढ़ाई भी कर सकेंगे। डीएम को पत्र भेज रहा हूं। आगरा आते ही इसका निरीक्षण करूंगा। 

हवाहवाई न हो आईटी पार्क

आईटी विशेषज्ञ अभिषेक गुप्ता ने कहा कि आईटी पार्क हवाहवाई न हो। सिर्फ बिल्डिंग बन कर न रह जाए। आईटी से जुड़े लोगों की सक्रिय भूमिका हो। तभी शहर को फायदा होगा। 24 साल से आईटी पार्क के नाम पर रस्म अदायगी हो रही है। 

जल्द काम पूरा कराया जाए

नेशनल चैंबर के अध्यक्ष शलभ शर्मा ने कहा कि आईटी पार्क का काम जल्द पूरा किया जाए। पुणे, नोएडा, गुरुग्राम, बेंगलुरू जैसे शहरों में हमारे युवा बीटेक डिग्री लेकर जा रहे हैं। यह पलायन रुकेगा। हमारी अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी होगी। 

साकार होने वाला है सपना

नेशनल चैंबर के पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि इतने साल से जिसका इंतजार था वो सपना साकार होने वाला है। अगले महीने तक निर्माण पूरा हो जाएगा। आईटी कंपनियों के आवेदन शुरू हो जाएंगे। निर्माणाधीन पार्क को लेकर अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं। 

विस्तार

आगरा के शास्त्रीपुरम में निर्माणाधीन आईटी पार्क 24 साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर लखनऊ पहुंचे योगेंद्र उपाध्याय को इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बने तो युवाओं को लगा कि अब उनका सपना जल्द ही पूरा होगा। उनको मंत्री बने 100 दिन हो चुके हैं। ऐसे में अब आगरा के युवा पूछ रहे हैं कि मंत्री जी उनका रोजगार का ख्वाब कब पूरा होगा। आईटी पार्क बनने से करीब 15 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 1996 में आगरा को पर्यावरण दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया था। यहां प्रदूषणकारी उद्योग नहीं लग सकते, इसलिए 1998 में पहली बार आगरा में आईटी पार्क का प्रस्ताव बना। तब यह 12 एकड़ में बनना था। बाद में जमीन सात एकड़ और फिर घट कर पांच एकड़ हो गई।

इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रौद्योगिकी मंत्री से बंधी आस 

2015 में तत्कालीन मंत्री अरिदमन सिंह ने एमओयू साइन किया, लेकिन आईटी पार्क धरातल पर नहीं उतर सका। 2018 में भाजपा सरकार में काम शुरू हुआ, लेकिन चार साल में चार बार समय सीमा बढ़ने के बावजूद पार्क आकार नहीं ले सका है। अब सूबे में इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रौद्योगिकी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय हैं। उनसे आगरावासियों की आस बंधी है।

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