उन्नाः कथित प्रतिनिधियों के लिए ब्लाक के दरवाजे बंद

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उन्नाव। ब्लाक कार्यालय में कथित प्रतिनिधियों द्वारा प्रमुख कक्ष में बैठने और काम करने की शिकायतों पर सीडीओ ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सभी बीडीओ को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि जनप्रतिनिधि का कक्ष केवल ब्लाक प्रमुख व अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए ही खोला जाए।
त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था में किसी भी जनप्रतिनिधि (प्रधान, बीडीसी, ब्लाक प्रमुख आदि) के प्रतिनिधि पद की कोई मान्यता नहीं है। इसके बाद भी जिले में तथाकथित प्रतिनिधि बने हैं। कई गांवों और ब्लाकों में प्रतिनिधि ही काम कर रहे हैं। पूर्व में नवाबगंज प्रमुख के कथित प्रतिनिधि द्वारा कृषि विभाग के एक कार्यालय का निरीक्षण करना भी काफी सुर्खियों में रहा था। अब सभी खंड विकास अधिकारियों को भेजे पत्र में सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने कहा है कि विकासखंड परिसर में ब्लाक प्रमुख की व्यक्तिगत उपस्थिति में ही कक्ष खोला जाएगा। तथाकथित प्रतिनिधि के लिए ब्लाक प्रमुख कक्ष नहीं खोला जाएगा। ब्लाक प्रमुख के अतिरिक्त विधायक, एमएलसी, सांसद अथवा जिला पंचायत अध्यक्ष के उपस्थित होने पर ब्लाक प्रमुख कक्ष खोला जा सकेगा।
सीडीओ ने 19 जुलाई को विकासखंड नवाबगंज में डीएम द्वारा कराई गई जांच के विरोध में कुछ लोगों के प्रदर्शन पर बीडीओ से जवाब मांगा है। निर्देश दिए हैं कि तुरंत अपना स्पष्टीकरण दें। समय से संतोषजनक जवाब न मिलने पर विशेष मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। इससे पहले सिकंदरपुर कर्ण ब्लाक कार्यालय में भी विरोध प्रदर्शन हो चुका है।
सुमेरपुर, बीघापुर बीडीओ के माथे पर चिंता की लकीरें
पाटन। सुमेरपुर और बीघापुर खंड विकास अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। इन दोनों ब्लाकों में ब्लाक प्रमुख के बजाय कथित प्रतिनिधि ही जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सुमेरपुर ब्लाक में प्रमुख सीमा बाजपेई का दूसरा कार्यकाल है और उनके देवर योगेश बाजपेई ही कार्यालय से क्षेत्र तक की जिम्मेदारी का निर्वहन करते आ रहे हैं। (संवाद)

यह भी पढ़ें -  Unnao News: चौकीदार की हत्या और लूट का आरोपी सात साल बाद गिरफ्तार

उन्नाव। ब्लाक कार्यालय में कथित प्रतिनिधियों द्वारा प्रमुख कक्ष में बैठने और काम करने की शिकायतों पर सीडीओ ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सभी बीडीओ को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि जनप्रतिनिधि का कक्ष केवल ब्लाक प्रमुख व अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए ही खोला जाए।

त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था में किसी भी जनप्रतिनिधि (प्रधान, बीडीसी, ब्लाक प्रमुख आदि) के प्रतिनिधि पद की कोई मान्यता नहीं है। इसके बाद भी जिले में तथाकथित प्रतिनिधि बने हैं। कई गांवों और ब्लाकों में प्रतिनिधि ही काम कर रहे हैं। पूर्व में नवाबगंज प्रमुख के कथित प्रतिनिधि द्वारा कृषि विभाग के एक कार्यालय का निरीक्षण करना भी काफी सुर्खियों में रहा था। अब सभी खंड विकास अधिकारियों को भेजे पत्र में सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने कहा है कि विकासखंड परिसर में ब्लाक प्रमुख की व्यक्तिगत उपस्थिति में ही कक्ष खोला जाएगा। तथाकथित प्रतिनिधि के लिए ब्लाक प्रमुख कक्ष नहीं खोला जाएगा। ब्लाक प्रमुख के अतिरिक्त विधायक, एमएलसी, सांसद अथवा जिला पंचायत अध्यक्ष के उपस्थित होने पर ब्लाक प्रमुख कक्ष खोला जा सकेगा।

सीडीओ ने 19 जुलाई को विकासखंड नवाबगंज में डीएम द्वारा कराई गई जांच के विरोध में कुछ लोगों के प्रदर्शन पर बीडीओ से जवाब मांगा है। निर्देश दिए हैं कि तुरंत अपना स्पष्टीकरण दें। समय से संतोषजनक जवाब न मिलने पर विशेष मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। इससे पहले सिकंदरपुर कर्ण ब्लाक कार्यालय में भी विरोध प्रदर्शन हो चुका है।

सुमेरपुर, बीघापुर बीडीओ के माथे पर चिंता की लकीरें

पाटन। सुमेरपुर और बीघापुर खंड विकास अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। इन दोनों ब्लाकों में ब्लाक प्रमुख के बजाय कथित प्रतिनिधि ही जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सुमेरपुर ब्लाक में प्रमुख सीमा बाजपेई का दूसरा कार्यकाल है और उनके देवर योगेश बाजपेई ही कार्यालय से क्षेत्र तक की जिम्मेदारी का निर्वहन करते आ रहे हैं। (संवाद)

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