आस्था : बांकेबिहारी मंदिर से गुम हुए महिला श्रद्धालु के बालगोपाल, खोजने वाले को मिलेगा 10 हजार का इनाम

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कहते हैं भगवान अपने भक्त के भाव के वशीभूत होते हैं। इसी अटूट आस्था और भक्ति की कहानी आपने सुनी होंगी, लेकिन वृंदावन में बालगोपाल की भक्ति और भाव का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर लोग हैरान रह गए। तीर्थनगरी में दर्शन को आई एक महिला श्रद्धालु के बाल गोपाल गुम हो गए, जिनकी खोज में महिला अपनी सुध-बुध खो बैठी है। महिला श्रद्धालु ने इश्तिहार देकर बालगोपाल को खोजने वाले को 10 हजार रुपये तक का इनाम देने की घोषणा की है। मंदिर के बाहर बैनर भी लगवाए हैं। 

फिरोजाबाद के टूंडला के गांव बाघई की रहने वाली शशि सिंह ने 21 जुलाई को ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में फूल बंगला सजवाया था। उस दिन दोपहर में राजभोग आरती हुई। उन्होंने बालगोपाल को वहां बने एक आले में विराजमान कर दिया। इसके बाद वह प्रसाद लेने चली गईं। जब वह वापस आईं तो उनको बालगोपाल वहां नहीं मिले। 

करीब आठ वर्षों से पति और बेटे के साथ वृंदावन में निवास कर रहीं शशि सिंह ने बताया कि वह बालगोपाल को 27 साल पहले अपने घर लेकर आईं और मंदिर में विराजमान किया। उसी दिन के बाद उन्होंने अपने बालगोपाल को एक पल के लिए भी अपने से दूर नहीं किया।

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शशि ने बताया फूल बंगले में विराजे ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन के लिए अपने बालगोपाल को भी मंदिर ले गईं। गुम होने के बाद बालगोपाल को उन्होंने मंदिर में कई जगह खोजा, लेकिन नहीं मिले। जब भी कोई फ्लैट का दरवाजा खटखटाता है तो ऐसा लगता है शायद उनके बालगोपाल आ गए। शशि के पति श्याम वीर सिंह ने बालगोपाल के गुम होने की सूचना इश्तिहार के माध्यम से दी है। 

पिछले साल भी इसी तरह का मामला सामने आया था। बरेली निवासी संगीता एकादशी पर श्रीबांकेबिहारी के दर्शन करने आई थीं। उसी दौरान किसी महिला ने उन्हें ठाकुरजी को पकड़ने के लिए दिया था। भीड़ इतनी थी कि इसके बाद उस महिला का कोई पता नहीं चल सका। 

संगीता नौ दिन वृंदावन रहीं, लेकिन वह महिला नहीं मिली। एक अप्रैल को वह बरेली लौट गईं। अमर उजाला में यह खबर प्रकाशित हुई तो पता चला कि लड्डू गोपाल तो दिल्ली की भव्या के हैं, जिन्हें उन्होंने वापस कर दिया था।

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