न्यायालय के आदेश पर भी पुलिस नहीं लौटा रही 17 भैंस

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उन्नाव। एक माह पहले हाईवे पर वाहन चेकिंग के दौरान डीसीएम में लदे मिले 18 मवेशियों को पुलिस ने जब्त किया था। ललऊखेड़ा चौकी प्रभारी ने चालक और क्लीनर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मवेशी ग्रामीणों के सुपुर्द किए थे लेकिन न्यायालय के आदेश पर भी पुलिस मवेशी नहीं लौटा रही। फतेहपुर का व्यापारी पुलिस के चक्कर लगा रहा है। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने सुपुर्दगी की आड़ में मवेशी स्लाटर हाउस में बेच दिए।
फतेपुर जिले के पीरनपुर निवासी पशु व्यापारी शमीम ने मुख्यमंत्री व अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर उन्नाव कोतवाली पुलिस पर उसके छह लाख कीमत के 18 मवेशी न लौटाने का आरोप लगाया है। पीड़ित के अनुसार छह जून 2022 को बांदा की नरैनी पशु बाजार से 17 भैंस और एक भैंसा खरीदकर डीसीएम से मेरठ बेचने जा रहा था।
लखनऊ-कानपुर हाईवे पर गदनखेड़ा चौराहा के पास कुछ लोगों ने उसे रोका और पांच हजार रुपये मांग। उनसे बचने के लिए पुलिस को फोन किया तो ललऊखेड़ा पुलिस चौकी पुलिस पहुंची और मवेशियों की खरीद की रसीद और रवन्ना दिखाने के बाद भी चालक फिरोज व क्लीनर फारुख के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की रिपोर्ट दर्ज कर ली। सभी मवेशियों को संजय और अजमेरी नाम के युवकों की सुपुर्दगी में दे दिया।
व्यापारी का आरोप है कि दोनों के माध्यम से उसके मवेशियों को एक स्लाटर हाउस में बेच दिया गया है। दो लोडरों की स्लाटर हाउस में इंट्री का प्रमाण भी उसके पास है। मवेशी वापस लेने के लिए व्यापारी ने न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में गुहार लगाई। 14 जुलाई को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कोतवाली पुलिस को सभी मवेशी व्यापारी को लौटाने का आदेश दिया लेकिन पुलिस टालमटोल करती रही। 21 जुलाई को फिर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया तो न्यायाधीश ने 28 जुलाई को फिर आदेश दिया कि सभी मवेशी बिना देरी किए लौटाएं।
ऐसा न करने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। कोतवाली प्रभारी राजेश पाठक ने बताया कि ग्रामीणों को सुपुर्द किए गए मवेशियों में चार मर गए हैं। शेष 14 मवेशी न्यायालय के आदेशानुसार एक सप्ताह में लौटा दिए जाएंगे।

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उन्नाव। एक माह पहले हाईवे पर वाहन चेकिंग के दौरान डीसीएम में लदे मिले 18 मवेशियों को पुलिस ने जब्त किया था। ललऊखेड़ा चौकी प्रभारी ने चालक और क्लीनर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मवेशी ग्रामीणों के सुपुर्द किए थे लेकिन न्यायालय के आदेश पर भी पुलिस मवेशी नहीं लौटा रही। फतेहपुर का व्यापारी पुलिस के चक्कर लगा रहा है। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने सुपुर्दगी की आड़ में मवेशी स्लाटर हाउस में बेच दिए।

फतेपुर जिले के पीरनपुर निवासी पशु व्यापारी शमीम ने मुख्यमंत्री व अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर उन्नाव कोतवाली पुलिस पर उसके छह लाख कीमत के 18 मवेशी न लौटाने का आरोप लगाया है। पीड़ित के अनुसार छह जून 2022 को बांदा की नरैनी पशु बाजार से 17 भैंस और एक भैंसा खरीदकर डीसीएम से मेरठ बेचने जा रहा था।

लखनऊ-कानपुर हाईवे पर गदनखेड़ा चौराहा के पास कुछ लोगों ने उसे रोका और पांच हजार रुपये मांग। उनसे बचने के लिए पुलिस को फोन किया तो ललऊखेड़ा पुलिस चौकी पुलिस पहुंची और मवेशियों की खरीद की रसीद और रवन्ना दिखाने के बाद भी चालक फिरोज व क्लीनर फारुख के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की रिपोर्ट दर्ज कर ली। सभी मवेशियों को संजय और अजमेरी नाम के युवकों की सुपुर्दगी में दे दिया।

व्यापारी का आरोप है कि दोनों के माध्यम से उसके मवेशियों को एक स्लाटर हाउस में बेच दिया गया है। दो लोडरों की स्लाटर हाउस में इंट्री का प्रमाण भी उसके पास है। मवेशी वापस लेने के लिए व्यापारी ने न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में गुहार लगाई। 14 जुलाई को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कोतवाली पुलिस को सभी मवेशी व्यापारी को लौटाने का आदेश दिया लेकिन पुलिस टालमटोल करती रही। 21 जुलाई को फिर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया तो न्यायाधीश ने 28 जुलाई को फिर आदेश दिया कि सभी मवेशी बिना देरी किए लौटाएं।

ऐसा न करने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। कोतवाली प्रभारी राजेश पाठक ने बताया कि ग्रामीणों को सुपुर्द किए गए मवेशियों में चार मर गए हैं। शेष 14 मवेशी न्यायालय के आदेशानुसार एक सप्ताह में लौटा दिए जाएंगे।

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