[ad_1]
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। चिंताजनक बात यह है कि नदी किनारे तेजी से जमीन का कटान हो रहा है। नदी किनारे बसे पांच हजार आबादी वाले गांव बरौना के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। बुधवार को सैकड़ों ग्रामीण गांव को कटान से बचाने के लिए जद्दोजहद करते रहे।
गांव के सहबाजपुर मार्ग पर गंगा के कटान का तेज प्रभाव था, क्योंकि यह सड़क ही अभी तक गांव की आबादी को बचाने का सहारा बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर सड़क कटी तो गंगा की धारा बरौना में पहुंच जाएगी। आसपास के गांव घबरा, म्यूनी, छितैरा, बगवास, कालीगढईया, समसपुर, नगरिया, नगला डामर आदि गांवों में भी बाढ़ का पानी पहुंच जाएगा।
गंगा में नरौरा से जो डिस्चार्ज मंगलवार को था, यही डिस्चार्ज बुधवार को बना रहा। जिसके कारण कछला गंगाघाट पर सड़क तक पानी पहुंच गया। हरिद्वार और बिजनौर से डिस्चार्ज नहीं बढ़ा तो नरौरा का डिस्चार्ज कम होगा। जिससे जलस्तर में कमी आ सकती है, लेकिन जिन तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी एकत्रित हो गया है, वह पानी अभी वापस नहीं लौट पाएगा। जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें त्योहार पर बरकरार रहेंगी।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि हरिद्वार और बिजनौर बैराजों से डिस्चार्ज घटा है। जिससे नरौरा से डिस्चार्ज कम होगा। नरौरा का डिस्चार्ज कम होने पर जलस्तर में कमी आएगी और लोगों को राहत मिलेगी। सिंचाई विभाग की टीमें कटाने रोकने के प्रयास कर रही हैं।
[ad_2]
Source link