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काशी पुराधिपति का नव्य धाम ने सावन के महीने में शिवभक्तों के जलाभिषेक का नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। सावन के महीने में बाबा के दरबार में एक करोड़ से अधिक शिवभक्तों ने हाजिरी लगाई। 30 दिन में श्रद्धालुओं की इस संख्या से मंदिर प्रशासन गदगद है तो वहीं दूसरी तरफ भीड़ प्रबंधन की यह तकनीक भी काफी असरदार मानी जा रही है। मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार रोजाना औसतन तीन लाख श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पहले सावन में अब तक दर्शनार्थियों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। सावन के पहले ही दिन ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया था।सावन के शुरुआती 16 दिनों में श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 लाख तक पहुंच गया था। सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या साढ़े पांच लाख से अधिक रही। इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे सोमवार को श्रद्धालुओं का आंकड़ा साढ़े सात लाख को भी पार कर गया था।
चारों सोमवार का भक्तों के आंकड़ों की बात करें तो यह लगभग 28 लाख से अधिक था। सावन के सोमवार के अलावा किसी ने तीन, किसी दिन साढ़े तीन तो किसी दिन चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन, पूजन, अभिषेक किया।
मंदिर क्षेत्र के व्यापारी भी हुए गदगद
श्री काशी विश्वनाथ धाम परिक्षेत्र के आसपास के दुकानदारों की तो खूब चांदी रही। कोरोना संक्रमण काल के दो सालों में ध्वस्त हुई दुकानदारी की रौनक सावन के महीने में लौट आई। होटल, रेस्टोरेंट, साड़ी, पूजन सामग्री और स्थानीय उत्पाद की दुकानों पर काफी भीड़ रही।
गंगा के तट से 22 मीटर ऊंचाई पर है धाम का प्रवेश द्वार
श्री काशी विश्वनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गंगा द्वार आकर्षण का केंद्र है। गंगा के तट से 22 मीटर की ऊंचाई पर बने प्रवेश द्वार से श्रद्धालु धाम में प्रवेश कर सकते हैं। गंगा स्नान के बाद धाम के चौक तक पहुंचने के लिए 80 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए एस्कलेटर और लिफ्ट का इंतजाम किया गया है। हालांकि गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण पहले सोमवार के बाद गंगा द्वार बंद कर दिया गया था।
ये हैं सुविधाएं
श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए म्यूजियम, स्प्रिचुअल बुक सेंटर, आभासी म्यूजियम, गंगा व्यू गैलरी, धरोहर केंद्र, फूड कोर्ट, वैदिक केंद्र, सांस्कृतिक केंद्र, भोगशाला, ओडीओपी प्रोडक्ट शॉप और मुमुक्षु भवन की सुविधाएं हैं।
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