[ad_1]
अजन्मे के जन्म के दर्शन का साक्षी बनने के लिए लाखों लोगों ने मथुरा में डेरा डाल दिया है। वे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव का भरपूर आनंद ले रहे हैं। इन भक्तों को कृष्ण की लीलाओं से परिचित कराने और ब्रज के साथ आसपास के राज्यों की लोक कलाओं के प्रदर्शन की व्यवस्था इस बार भी उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने की है। बृहस्पतिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों से लोक कलाओं का प्रदर्शन करने आए। कलाकारों की झांकी ने मन मोह लिया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की परिक्रमा करते कलाकारों की प्रस्तुतियां देखते ही बन रही थीं।
हरियाणा के कलाकारों की बीन पर मधुर आवाज ने मन मोह लिया। हरियाणा के साथ ब्रज के कलाकारों द्वारा बजाए जा रहे नगाड़ा और बम नगाड़ा की आवाज दूर तक सुनाई दे रही थी। राजस्थान की कच्ची घोड़ी का नृत्य और मध्य प्रदेश का डमरू का प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र बना। राजस्थान के बहरूपिया लोगों को हंसाता रहा।
बुंदेलखंड की टोली ने रमतुला, ढोल और ब्रज के संकीर्तन मंडल ने समा बांध दिया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार से शुरू हुआ लोक कलाओं का यह प्रदर्शन पोतरा कुंड, गोविंद नगर, महाविद्या, थाना गोविंद नगर, रूपम सिनेमा, संगीत टाकीज, मिलन तिराहा, डीग गेट तिराहा होते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान तक स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आए कृष्ण भक्तों के लिए आकर्षण रहा।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव पर मथुरा के तिराहों और चौराहों पर ब्रज संस्कृति की झलक दिखाई दे रही। स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से इस दौरान समा बांध दिया है। इन्हें देखकर बाहर से आए लाखों कृष्ण भक्त आनंदित हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर 16 मंच पर स्थानीय लोक कलाओं के प्रदर्शन की व्यवस्था की है। इसका प्रदर्शन शुक्रवार को शुरू हो गया।
[ad_2]
Source link