अविश्वास प्रस्ताव हारे ब्लाक प्रमुख, गई कुर्सी

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असोहा (उन्नाव)। असोहा ब्लाक प्रमुख बीतेंद्र प्रताप सिंह यादव अविश्वास प्रस्ताव हार गए हैं। उनके खिलाफ आए प्रस्ताव के पक्ष में 59 और विपक्ष में 16 मत पड़े। अविश्वास प्रस्ताव के पास होने की घोषणा होने के साथ ही ब्लाक प्रमुख की कुर्सी चली गई।
असोहा ब्लाक प्रमुख के खिलाफ क्षेत्र पंचायत सदस्य आनंद गुप्ता ने 62 सदस्यों के समर्थन का अविश्वास पत्र 25 जुलाई को डीएम को दिया था। डीएम के निर्देश पर डीपीआरओ ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए 18 अगस्त की तारीख निर्धारित की थी। गुरुवार को ब्लाक सभागार में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान शुरू हुआ। ब्लाक के 77 क्षेत्र पंचायत सदस्यों में 75 बीडीसी ने पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दो सदस्य हरिकेश और प्रमोद जेल में होने के चलते मतदान में शामिल नहीं हो सके। गिनती में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 59 और विपक्ष में 16 मत पड़े।
39 सदस्य होने थे जरूरी
अविश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए ब्लाक प्रमुख के पक्ष में 39 सदस्यों का होना जरूरी था, जबकि उनके पक्ष में मात्र 16 सदस्यों ने मतदान किया। अविश्वास प्रस्ताव हारते ही असोहा में नए प्रमुख के चुनाव का रास्ता साफ हो गया।
सपा का गढ़ में पहली बार भाजपा समर्थित ब्लाक प्रमुख बनने की उम्मीद
असोहा ब्लाक प्रमुख पद पर पिछले 25 सालों में 23 साल तक सपा का कब्जा रहा है। बीच में वर्ष 2010 में बसपा सरकार में अरविंद बाजपेई निर्विरोध चुने गए थे, लेकिन वर्ष 2012 में सपा की सरकार आते ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद सपा के राजकुमार रावत पुन: ब्लाक प्रमुख बने थे। वर्ष 2015 में भी राजकुमार रावत निर्विरोध चुने गए थे। वर्ष 2017 में प्रदेश की भाजपा सरकार बनते ही ब्लाक प्रमुख राजकुमार के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था लेकिन दो मतों से खारिज हो गया था। वहीं ब्लाक प्रमुख बीतेंद्र यादव के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव भारी बहुमत से पास होने पर भाजपाइयों में खुशी की लहर फैल गई। अब पहली बार भाजपा का प्रमुख बनाने की उम्मीद भाजपाइयों में जगी हैं।
सुबह से शाम चार बजे तक बंद रहा असोहा-कालूखेड़ा मार्ग
ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के चलते गुरुवार सुबह से शाम चार बजे तक असोहा-कालूखेड़ा मार्ग पर आवागमन बंद रखा गया। इससे आम लोगों को कई किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाकर आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ब्लाक के आसपास के बाजार बंद रहे।
ब्लाक प्रमुख चुनाव में 14 मतों से जीते थे बीतेंद्र
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 10 जुलाई 2021 को ब्लाक प्रमुख पद के लिए मतदान हुआ था। उस दौरान सपा समर्थन से बीतेंद्र यादव और भाजपा से आनंद गुप्ता मैदान में थे। कुल 77 बीडीसी ने चुनाव में वोटिंग की थी। मतगणना के दौरान एक मत अमान्य घोषित हुआ था। शेष में बीतेंद्र को 45 और आनंद को 31 मत मिले थे। इस प्रकार बीतेंद्र को असोहा ब्लाक प्रमुख घोषित किया गया था।
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 59 और विपक्ष में 16 वोट पड़े हैं। इसकी पूरी जानकारी राज्य चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। आयोग से मिले निर्देशों और जारी तारीख पर प्रमुख पद पर चुनाव कराया जाएगा। तब तक हो सकता है प्रमुख पद पर प्रशासक की तैनाती कर दी जाए।
डॉ. निरीश चंद्र साहू, डीपीआरओ।
सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल रहा तैनात
मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए एडीएम (वित्त/राजस्व) नरेंद्र कुमार और एएसपी शशि शेखर सिंह गुरुवार सुबह से ही ब्लाक में मौजूद रहे। किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो इसके लिए बीघापुर, बांगरमऊ और पुरवा क्षेत्राधिकारी सहित 7 निरीक्षक, एक कंपनी पीएसी और स्वाट टीम तैनात थी। ब्लाक सभागार के दोनों ओर 100 मीटर तक प्रवेश बंद कर दिया गया था। सिर्फ सदस्यों को ही गहन जांच के बाद अंदर जाने दिया जा रहा था। बीडीओ संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी डीएम को दी जाएगी। उनके आदेश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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असोहा (उन्नाव)। असोहा ब्लाक प्रमुख बीतेंद्र प्रताप सिंह यादव अविश्वास प्रस्ताव हार गए हैं। उनके खिलाफ आए प्रस्ताव के पक्ष में 59 और विपक्ष में 16 मत पड़े। अविश्वास प्रस्ताव के पास होने की घोषणा होने के साथ ही ब्लाक प्रमुख की कुर्सी चली गई।

असोहा ब्लाक प्रमुख के खिलाफ क्षेत्र पंचायत सदस्य आनंद गुप्ता ने 62 सदस्यों के समर्थन का अविश्वास पत्र 25 जुलाई को डीएम को दिया था। डीएम के निर्देश पर डीपीआरओ ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए 18 अगस्त की तारीख निर्धारित की थी। गुरुवार को ब्लाक सभागार में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान शुरू हुआ। ब्लाक के 77 क्षेत्र पंचायत सदस्यों में 75 बीडीसी ने पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दो सदस्य हरिकेश और प्रमोद जेल में होने के चलते मतदान में शामिल नहीं हो सके। गिनती में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 59 और विपक्ष में 16 मत पड़े।

39 सदस्य होने थे जरूरी

अविश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए ब्लाक प्रमुख के पक्ष में 39 सदस्यों का होना जरूरी था, जबकि उनके पक्ष में मात्र 16 सदस्यों ने मतदान किया। अविश्वास प्रस्ताव हारते ही असोहा में नए प्रमुख के चुनाव का रास्ता साफ हो गया।

सपा का गढ़ में पहली बार भाजपा समर्थित ब्लाक प्रमुख बनने की उम्मीद

असोहा ब्लाक प्रमुख पद पर पिछले 25 सालों में 23 साल तक सपा का कब्जा रहा है। बीच में वर्ष 2010 में बसपा सरकार में अरविंद बाजपेई निर्विरोध चुने गए थे, लेकिन वर्ष 2012 में सपा की सरकार आते ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद सपा के राजकुमार रावत पुन: ब्लाक प्रमुख बने थे। वर्ष 2015 में भी राजकुमार रावत निर्विरोध चुने गए थे। वर्ष 2017 में प्रदेश की भाजपा सरकार बनते ही ब्लाक प्रमुख राजकुमार के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था लेकिन दो मतों से खारिज हो गया था। वहीं ब्लाक प्रमुख बीतेंद्र यादव के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव भारी बहुमत से पास होने पर भाजपाइयों में खुशी की लहर फैल गई। अब पहली बार भाजपा का प्रमुख बनाने की उम्मीद भाजपाइयों में जगी हैं।

सुबह से शाम चार बजे तक बंद रहा असोहा-कालूखेड़ा मार्ग

ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के चलते गुरुवार सुबह से शाम चार बजे तक असोहा-कालूखेड़ा मार्ग पर आवागमन बंद रखा गया। इससे आम लोगों को कई किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाकर आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ब्लाक के आसपास के बाजार बंद रहे।

ब्लाक प्रमुख चुनाव में 14 मतों से जीते थे बीतेंद्र

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 10 जुलाई 2021 को ब्लाक प्रमुख पद के लिए मतदान हुआ था। उस दौरान सपा समर्थन से बीतेंद्र यादव और भाजपा से आनंद गुप्ता मैदान में थे। कुल 77 बीडीसी ने चुनाव में वोटिंग की थी। मतगणना के दौरान एक मत अमान्य घोषित हुआ था। शेष में बीतेंद्र को 45 और आनंद को 31 मत मिले थे। इस प्रकार बीतेंद्र को असोहा ब्लाक प्रमुख घोषित किया गया था।

अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 59 और विपक्ष में 16 वोट पड़े हैं। इसकी पूरी जानकारी राज्य चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। आयोग से मिले निर्देशों और जारी तारीख पर प्रमुख पद पर चुनाव कराया जाएगा। तब तक हो सकता है प्रमुख पद पर प्रशासक की तैनाती कर दी जाए।

डॉ. निरीश चंद्र साहू, डीपीआरओ।

सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल रहा तैनात

मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए एडीएम (वित्त/राजस्व) नरेंद्र कुमार और एएसपी शशि शेखर सिंह गुरुवार सुबह से ही ब्लाक में मौजूद रहे। किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो इसके लिए बीघापुर, बांगरमऊ और पुरवा क्षेत्राधिकारी सहित 7 निरीक्षक, एक कंपनी पीएसी और स्वाट टीम तैनात थी। ब्लाक सभागार के दोनों ओर 100 मीटर तक प्रवेश बंद कर दिया गया था। सिर्फ सदस्यों को ही गहन जांच के बाद अंदर जाने दिया जा रहा था। बीडीओ संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी डीएम को दी जाएगी। उनके आदेश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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