रजिस्ट्रार कानूनगो दस महीने से दबाए है किसान बीमा की फाइल

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बांगरमऊ। तहसील क्षेत्र के चोरहा के मजरा बड़ी मेढ़ निवासी संगीता ने पति के निधन पर किसान दुर्घटना बीमा के लिए फाइल दाखिल की थी। आरोप लगाया कि रजिस्ट्रार कानूनगो दस माह से फाइल दबाए हैं। शनिवार को तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में संगीता ने डीएम अपूर्वा दुबे से मामले की शिकायत की। डीएम ने कानूनगो पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
डीएम और एसपी दिनेश त्रिपाठी के पास 137 प्रार्थनापत्र पहुंचे। इनमें 11 का मौके पर निस्तारण किया गया। अलौलापुर निवासी सियाराम ने बताया कि 30 साल पहले उसके पिता जगन्नाथ के नाम भूमि पट्टा हुआ था, जो अब तक नहीं दिया गया। गोलुहापुर निवासी आजाद ने बताया कि 2014 में एक बीघा भूमि का उसे और पत्नी के नाम पट्टा हुआ था लेकिन अब तक कब्जा नहीं मिला। मदारपुर निवासी वसीम ने बताया कि उसे आवासीय पट्टा 2016 में हुआ था। गांव के एक व्यक्ति ने मिट्टी खोदकर बेच डाली है।
आसायस निवासी रामप्रकाश ने बताया कि उसके पुत्र पुष्पेंद्र सिंह की मृत्यु 13 दिसंबर 2021 को मार्ग दुर्घटना में हो गई थी। कृषक दुर्घटना पत्रावली लेखपाल ने जिला मुख्यालय नहीं भेजी है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की निराश्रित शांति देवी ने डीएम प्रार्थनापत्र देकर बताया कि उसके खेत में हेड कांस्टेबल ने गांव के ही सजातीय लोगों का पक्ष लेकर जमीन पर कब्जा करा दिया है। डीएम ने सभी शिकायतों का सात दिन में गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और राजस्व टीम मौके पर जाएं और शिकायत निस्तारित कर रिपोर्ट दें।
पति की गई जान पर दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं
संगीता ने डीएम को बताया कि उसके पति की एक अक्तूबर 2021 को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे में मौत हो गई थी। दुर्घटना बीमा के लिए पोस्टमार्टम व अन्य कागजात की फाइल जमा की थी लेकिन आज तक उसे लाभ नहीं मिला। डीएम ने रजिस्ट्रार कानूनगो लक्ष्मण प्रसाद की लापरवाही सामने आने पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
खुद को जीवित साबित करने को भटक रहा गंगादीन
बांगरमऊ तहसील के बरुआघाट गांव निवासी गंगादीन ने डीएम को बताया कि उसके भाई ने कागजों पर मृतक दर्शाकर फर्जी प्रपत्र लगाकर राजस्व निरीक्षक, लेखपाल व पूर्व प्रधान की मिलीभगत से छह फरवरी 2021 को अपने नाम वरासत दर्ज करा ली। पीड़ित ने बताया कि शिकायत करने पर अधिकारी जीवित होने का प्रमाण मांगते हैं। कई गवाह और अभिलेख दिए लेकिन हल नहीं निकला। डीएम ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
डेढ़ माह बाद भी नहीं बदले गए ट्रांसफार्मर
गंजमुरादाबाद ब्लॉक के गांव कमलापुर निवासी गयालाल, लज्जाराम, रोशन लाल, उत्तम कुमार, मानसिंह, सुजीत, नन्हक्के, सुरेंद्र कुमार, महेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार, अंकित, राम सिंह आदि ने डीएम को बताया कि डेढ़ माह पहले दो ट्रांसफार्मर खराब हो गए थे। अब तक बदले नहीं गए। डीएम ने एसडीओ राम इकबाल को फटकार लगाई और ट्रांसफार्मर लगाने के निर्देश दिए।
158 में 12 शिकायतें ही निस्तारित
सफीपुर। एसडीएम शिवेंद्र कुमार वर्मा के पास 34 प्रार्थनापत्र पहुंचे। मौके पर दो निस्तारित हो सके। खंड विकास अधिकारी गुलाबचंद्र भी मौजूद रहे।
वहीं बीघापुर में एसडीएम दयाशंकर पाठक ने शिकायतें सुनीं। 65 शिकायतों में मात्र सात का ही निस्तारण हो सका। क्षेत्राधिकारी डीपी सिंह, बीडीओ बीघापुर दिनेश यादव आदि मौजूद रहे। हसनगंज में एसडीएम देवेंद्र कुमार सिंह ने शिकायतें सुनीं। 33 प्रार्थनापत्रों में एक भी का निस्तारण मौके पर नहीं हो सका। सीओ राजकुमार शुक्ला, तहसीलदार जितेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे। पुरवा में एडीएम नरेंद्र सिंह व एएसपी शशिशेखर सिंह के पास 26 शिकायतें पहुंचीं। मात्र तीन निस्तारित हो सकीं। एसडीएम अजीत कुमार जायसवाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। (संवाद)

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बांगरमऊ। तहसील क्षेत्र के चोरहा के मजरा बड़ी मेढ़ निवासी संगीता ने पति के निधन पर किसान दुर्घटना बीमा के लिए फाइल दाखिल की थी। आरोप लगाया कि रजिस्ट्रार कानूनगो दस माह से फाइल दबाए हैं। शनिवार को तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में संगीता ने डीएम अपूर्वा दुबे से मामले की शिकायत की। डीएम ने कानूनगो पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

डीएम और एसपी दिनेश त्रिपाठी के पास 137 प्रार्थनापत्र पहुंचे। इनमें 11 का मौके पर निस्तारण किया गया। अलौलापुर निवासी सियाराम ने बताया कि 30 साल पहले उसके पिता जगन्नाथ के नाम भूमि पट्टा हुआ था, जो अब तक नहीं दिया गया। गोलुहापुर निवासी आजाद ने बताया कि 2014 में एक बीघा भूमि का उसे और पत्नी के नाम पट्टा हुआ था लेकिन अब तक कब्जा नहीं मिला। मदारपुर निवासी वसीम ने बताया कि उसे आवासीय पट्टा 2016 में हुआ था। गांव के एक व्यक्ति ने मिट्टी खोदकर बेच डाली है।

आसायस निवासी रामप्रकाश ने बताया कि उसके पुत्र पुष्पेंद्र सिंह की मृत्यु 13 दिसंबर 2021 को मार्ग दुर्घटना में हो गई थी। कृषक दुर्घटना पत्रावली लेखपाल ने जिला मुख्यालय नहीं भेजी है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की निराश्रित शांति देवी ने डीएम प्रार्थनापत्र देकर बताया कि उसके खेत में हेड कांस्टेबल ने गांव के ही सजातीय लोगों का पक्ष लेकर जमीन पर कब्जा करा दिया है। डीएम ने सभी शिकायतों का सात दिन में गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और राजस्व टीम मौके पर जाएं और शिकायत निस्तारित कर रिपोर्ट दें।

पति की गई जान पर दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं

संगीता ने डीएम को बताया कि उसके पति की एक अक्तूबर 2021 को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे में मौत हो गई थी। दुर्घटना बीमा के लिए पोस्टमार्टम व अन्य कागजात की फाइल जमा की थी लेकिन आज तक उसे लाभ नहीं मिला। डीएम ने रजिस्ट्रार कानूनगो लक्ष्मण प्रसाद की लापरवाही सामने आने पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

खुद को जीवित साबित करने को भटक रहा गंगादीन

बांगरमऊ तहसील के बरुआघाट गांव निवासी गंगादीन ने डीएम को बताया कि उसके भाई ने कागजों पर मृतक दर्शाकर फर्जी प्रपत्र लगाकर राजस्व निरीक्षक, लेखपाल व पूर्व प्रधान की मिलीभगत से छह फरवरी 2021 को अपने नाम वरासत दर्ज करा ली। पीड़ित ने बताया कि शिकायत करने पर अधिकारी जीवित होने का प्रमाण मांगते हैं। कई गवाह और अभिलेख दिए लेकिन हल नहीं निकला। डीएम ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

डेढ़ माह बाद भी नहीं बदले गए ट्रांसफार्मर

गंजमुरादाबाद ब्लॉक के गांव कमलापुर निवासी गयालाल, लज्जाराम, रोशन लाल, उत्तम कुमार, मानसिंह, सुजीत, नन्हक्के, सुरेंद्र कुमार, महेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार, अंकित, राम सिंह आदि ने डीएम को बताया कि डेढ़ माह पहले दो ट्रांसफार्मर खराब हो गए थे। अब तक बदले नहीं गए। डीएम ने एसडीओ राम इकबाल को फटकार लगाई और ट्रांसफार्मर लगाने के निर्देश दिए।

158 में 12 शिकायतें ही निस्तारित

सफीपुर। एसडीएम शिवेंद्र कुमार वर्मा के पास 34 प्रार्थनापत्र पहुंचे। मौके पर दो निस्तारित हो सके। खंड विकास अधिकारी गुलाबचंद्र भी मौजूद रहे।

वहीं बीघापुर में एसडीएम दयाशंकर पाठक ने शिकायतें सुनीं। 65 शिकायतों में मात्र सात का ही निस्तारण हो सका। क्षेत्राधिकारी डीपी सिंह, बीडीओ बीघापुर दिनेश यादव आदि मौजूद रहे। हसनगंज में एसडीएम देवेंद्र कुमार सिंह ने शिकायतें सुनीं। 33 प्रार्थनापत्रों में एक भी का निस्तारण मौके पर नहीं हो सका। सीओ राजकुमार शुक्ला, तहसीलदार जितेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे। पुरवा में एडीएम नरेंद्र सिंह व एएसपी शशिशेखर सिंह के पास 26 शिकायतें पहुंचीं। मात्र तीन निस्तारित हो सकीं। एसडीएम अजीत कुमार जायसवाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। (संवाद)

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