High Court : भर व राजभर जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण तलब

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भर व राजभर जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उनसे अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि हाईकोर्ट के 11 मार्च 2022 के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने जागो राजभर जागो समिति की अवमानना याचिका को सुनकर दिया है। याची ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने 11 मार्च 2022 को प्रमुख सचिव समाज कल्याण को आदेश दिया था कि राजभर जाति को जनजाति का दर्जा दिए जाने के संबंध में उनका प्रत्यावेदन दो माह के भीतर केंद्र सरकार को अग्रसारित करें।

आरोप है कि आदेश की प्रति तामील कराने के बावजूद दो माह से अधिक का समय बीत गया, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण को नोटिस जारी करते हुए कहा कि प्रथमदृष्टया मामला जानबूझकर आदेश की अवमानना का है। इसलिए प्रमुख सचिव नौ सितंबर तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताएं कि किन कारणों से उक्त आदेश का अब तक पालन नहीं किया जा सका।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भर व राजभर जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उनसे अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि हाईकोर्ट के 11 मार्च 2022 के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने जागो राजभर जागो समिति की अवमानना याचिका को सुनकर दिया है। याची ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने 11 मार्च 2022 को प्रमुख सचिव समाज कल्याण को आदेश दिया था कि राजभर जाति को जनजाति का दर्जा दिए जाने के संबंध में उनका प्रत्यावेदन दो माह के भीतर केंद्र सरकार को अग्रसारित करें।

आरोप है कि आदेश की प्रति तामील कराने के बावजूद दो माह से अधिक का समय बीत गया, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण को नोटिस जारी करते हुए कहा कि प्रथमदृष्टया मामला जानबूझकर आदेश की अवमानना का है। इसलिए प्रमुख सचिव नौ सितंबर तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताएं कि किन कारणों से उक्त आदेश का अब तक पालन नहीं किया जा सका।

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