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आगरा में कोरोना संक्रमण और वायरल बुखार के लक्षण इस समय एक जैसे हैं। मरीजों को सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश और बुखार की शिकायत आ रही है। पांच से सात दिन में मरीज ठीक भी हो जा रहे हैं। चिकित्सकों की सलाह है कि किसी मरीज को सांस लेने में परेशानी हो तो लापरवाही न बरतें। चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार कराएं।
एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. अजीत सिंह चाहर ने बताया कि अधिकतर मरीजों में कोरोना का ओमिक्रॉन स्वरूप ही मिल रहा है। यह घातक नहीं है। पैरासीटामॉल लेने से मरीज ठीक हो जा रहे हैं।
यदि किसी मरीज में निमोनिया की स्थिति होती है तो उसे तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस समय वायरल होने या फिर कोरोना की पुष्टि होने पर आइसोलेशन में जाने की जरूरत नहीं है। मास्क व सामाजिक दूरी का पालन करें। हाथ धोते रहें और सैनिटाइजेशन का ध्यान रखें।
लक्षण दिखने पर ये उपाय करें
– बुखार होने पर पैरासीटामॉल लें।
– बुखार फिर भी न उतरे तो गीली पट्टी रखें।
– गुनगुने पानी से गरारा कर सकते हैं।
– ठंडा पानी न पीयें। पानी गुनगुना करके पी सकते हैं।
मंगलवार को 29 नए मरीज मिले
जिले में मंगलवार को 29 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें 13 महिलाएं और 16 पुरुष हैं। ताजमहल घूमने आए छह पर्यटकों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इनके अलावा खेरिया हवाई अड्डे पर रैंडम सैंपलिंग में तीन और आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर चार यात्री में संक्रमण मिला है।
कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट सक्रिय है। जिले में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 90 हो गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पटियाला, भटिंडा, झांसी, सोनीपत, पटना के छह पर्यटक रविवार को ताजमहल घूमने आए थे। ताजमहल पर उनकी सैंपलिंग की गई। मंगलवार को रिपोर्ट पॉजिटिव है। पर्यटकों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कराई जा रही है।
विस्तार
आगरा में कोरोना संक्रमण और वायरल बुखार के लक्षण इस समय एक जैसे हैं। मरीजों को सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश और बुखार की शिकायत आ रही है। पांच से सात दिन में मरीज ठीक भी हो जा रहे हैं। चिकित्सकों की सलाह है कि किसी मरीज को सांस लेने में परेशानी हो तो लापरवाही न बरतें। चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार कराएं।
एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. अजीत सिंह चाहर ने बताया कि अधिकतर मरीजों में कोरोना का ओमिक्रॉन स्वरूप ही मिल रहा है। यह घातक नहीं है। पैरासीटामॉल लेने से मरीज ठीक हो जा रहे हैं।
यदि किसी मरीज में निमोनिया की स्थिति होती है तो उसे तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस समय वायरल होने या फिर कोरोना की पुष्टि होने पर आइसोलेशन में जाने की जरूरत नहीं है। मास्क व सामाजिक दूरी का पालन करें। हाथ धोते रहें और सैनिटाइजेशन का ध्यान रखें।
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