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जमीयत सद्भावना मंच के बैनर तले देश के विभिन्न राज्यों में आज से सौ से अधिक स्थानों पर सद्भावना संसद का आयोजन किया जा रहा है। सद्भावना संसद के संबंध में जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का कहना है कि यह देश की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है जिसका स्पष्ट संदेश देश के सभी वर्गों को जोड़ना है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि धार्मिक घृणा और सांप्रदायिकता को समाप्त करने के लिए बीते दिनों सद्भावना मंच के नाम से प्रस्ताव पारित किया गया था। जिसमें देश में एक हजार सद्भावना संसदों को आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। इसी के तहत 28 अगस्त को देश के विभिन्न राज्यों में सौ से अधिक सद्भावना संसद का आयोजन किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियां किसी से छिपी नहीं हैं। ऐसे में देश से प्यार करने वाले वफादार नागरिक और संगठन विशेषकर जमीयत जैसे संगठन चुप नहीं रह सकते। मुल्क में पनप रही नफरत और घृणा के माहौल को समाप्त करने के लिए सभी का एक मंच पर आना बेहद जरुरी है।
वहीं, जमीयत के सचिव मौलाना नियाज अहमद फारुकी ने बताया कि जमीयत सद्भावना मंच के संयोजक मौलाना जावेद सिद्दीकी कासमी के कासमी के नेतृत्व में होने वाली सद्भावना संसद में सभी धर्मों के महत्वपूर्ण नेता भाग लेंगे।
इन स्थानों पर होंगी सद्भावना संसद
जमीयत सद्भावना संसद के संयोजक मौलाना जावेद सिद्दीकी ने बताया कि आज आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, चेन्नई, बिहार, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और पंजाब, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, झारखंड, गोवा आदि राज्यों समेत विभिन्न स्थानों पर सद्भावना संसद का आयोजन किया जा रहा है।
विस्तार
जमीयत सद्भावना मंच के बैनर तले देश के विभिन्न राज्यों में आज से सौ से अधिक स्थानों पर सद्भावना संसद का आयोजन किया जा रहा है। सद्भावना संसद के संबंध में जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का कहना है कि यह देश की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है जिसका स्पष्ट संदेश देश के सभी वर्गों को जोड़ना है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि धार्मिक घृणा और सांप्रदायिकता को समाप्त करने के लिए बीते दिनों सद्भावना मंच के नाम से प्रस्ताव पारित किया गया था। जिसमें देश में एक हजार सद्भावना संसदों को आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। इसी के तहत 28 अगस्त को देश के विभिन्न राज्यों में सौ से अधिक सद्भावना संसद का आयोजन किया जा रहा है।
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