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उन्नाव। बांदा में तैनाती के दौरान फसल बीमा के दो करोड़ 27 लाख 10 हजार रुपये का गबन करने के मामले में नामजद इलाहाबाद बैंक (अब इंडियन बैंक) के बर्खास्त अधिकारी को मंगलवार को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान) की टीम ने घर से गिरफ्तार कर लिया। मामला वर्ष 2000 से 2004 के बीच का है। 2006 में इसका खुलासा हुआ था। ईओडब्ल्यू के एसआई अशोक सिंह ने बताया कि आरोपी को जेल भेजा जा रहा है।
शहर के मोहल्ला सिविल लाइंस निवासी विनोद कुमार बांदा के जसपुरा में इलाहाबाद बैंक में अधिकारी था। वर्ष 2018 में तत्कालीन बैंक मैनेजर संदीप नायक, बैंक अधिकारी रहे विनोद कुमार के अलावा एक अन्य बैंक कर्मी सहित पांच लोगों पर किसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर फसल बीमा की राशि गबन करने का आरोप लगा था।
जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को दी गई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद तीनों बैंक अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। सेवा भी समाप्त कर दी गई थी। मंगलवार को मुकदमे की विवेचना कर रहे अशोक सिंह टीम के साथ विनोद कुमार के घर पहुंचे और उसे गिरफ्तार कर लिया।
सदर कोतवाली में सूचना दर्ज कराने के बाद उसे लेकर लखनऊ चले गए। एसआई ने बताया कि गबन के इस मामले में अब तक दो लोगों को जेल भेजा जा चुका है। बर्खास्त हो चुके बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक व एक कर्मचारी की भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
ये था मामला
जसपुरा कस्बा स्थित इलाहाबाद बैंक में वर्ष 2000 से 2004 के बीच क्षेत्र के किसानों ने दलालों के माध्यम से केसीसी बनवाया था। वह किसानों से सादे विड्रॉल (खाली निकासी पर्ची ) पर भी हस्ताक्षर करवा लेते थे। वर्ष 2005 में 215 किसानों का फसल बीमा का रुपया आया था। बैंक कर्मियों और दलालों ने आपस में सांठगांठ कर किसानों को फसल बीमा के रूप में मिली दो करोड़ 27 लाख 10 हजार की रकम निकालकर बंदरबांट कर लिया था।
किसानों को गुमराह करते रहे
बांदा के गौरीकला गांव के किसान विक्रम सिंह ने शिकायत की थी कि बैंक अधिकारी सही जानकारी नहीं दे रहे। इसके बाद उन्होंने बैंक के मुख्य कार्यालय में खाता चेक कराया था। जिसमें उन्हें खाते में फसल बीमा के 80 हजार रुपये आने की बात पता चली थी। क्षेत्र के अन्य किसानों को जानकारी हुई तो सभी ने अपने खाते चेक कराए।
इसी गांव के शिवमोहन पाल के खाते में 50 हजार रुपये आए थे लेकिन उन्हें भी रकम नहीं मिली। गौरी कला गांव के ब्रजभान सिंह, जसपुरा कस्बे के बलबीर सिंह, कुम्हारिया डेरा के विष्णु और राजेश, रामपुर के रामगोपाल सहित अन्य किसानों की भी फसल बीमा की राशि हड़प ली गई।
उन्नाव। बांदा में तैनाती के दौरान फसल बीमा के दो करोड़ 27 लाख 10 हजार रुपये का गबन करने के मामले में नामजद इलाहाबाद बैंक (अब इंडियन बैंक) के बर्खास्त अधिकारी को मंगलवार को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान) की टीम ने घर से गिरफ्तार कर लिया। मामला वर्ष 2000 से 2004 के बीच का है। 2006 में इसका खुलासा हुआ था। ईओडब्ल्यू के एसआई अशोक सिंह ने बताया कि आरोपी को जेल भेजा जा रहा है।
शहर के मोहल्ला सिविल लाइंस निवासी विनोद कुमार बांदा के जसपुरा में इलाहाबाद बैंक में अधिकारी था। वर्ष 2018 में तत्कालीन बैंक मैनेजर संदीप नायक, बैंक अधिकारी रहे विनोद कुमार के अलावा एक अन्य बैंक कर्मी सहित पांच लोगों पर किसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर फसल बीमा की राशि गबन करने का आरोप लगा था।
जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को दी गई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद तीनों बैंक अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। सेवा भी समाप्त कर दी गई थी। मंगलवार को मुकदमे की विवेचना कर रहे अशोक सिंह टीम के साथ विनोद कुमार के घर पहुंचे और उसे गिरफ्तार कर लिया।
सदर कोतवाली में सूचना दर्ज कराने के बाद उसे लेकर लखनऊ चले गए। एसआई ने बताया कि गबन के इस मामले में अब तक दो लोगों को जेल भेजा जा चुका है। बर्खास्त हो चुके बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक व एक कर्मचारी की भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
ये था मामला
जसपुरा कस्बा स्थित इलाहाबाद बैंक में वर्ष 2000 से 2004 के बीच क्षेत्र के किसानों ने दलालों के माध्यम से केसीसी बनवाया था। वह किसानों से सादे विड्रॉल (खाली निकासी पर्ची ) पर भी हस्ताक्षर करवा लेते थे। वर्ष 2005 में 215 किसानों का फसल बीमा का रुपया आया था। बैंक कर्मियों और दलालों ने आपस में सांठगांठ कर किसानों को फसल बीमा के रूप में मिली दो करोड़ 27 लाख 10 हजार की रकम निकालकर बंदरबांट कर लिया था।
किसानों को गुमराह करते रहे
बांदा के गौरीकला गांव के किसान विक्रम सिंह ने शिकायत की थी कि बैंक अधिकारी सही जानकारी नहीं दे रहे। इसके बाद उन्होंने बैंक के मुख्य कार्यालय में खाता चेक कराया था। जिसमें उन्हें खाते में फसल बीमा के 80 हजार रुपये आने की बात पता चली थी। क्षेत्र के अन्य किसानों को जानकारी हुई तो सभी ने अपने खाते चेक कराए।
इसी गांव के शिवमोहन पाल के खाते में 50 हजार रुपये आए थे लेकिन उन्हें भी रकम नहीं मिली। गौरी कला गांव के ब्रजभान सिंह, जसपुरा कस्बे के बलबीर सिंह, कुम्हारिया डेरा के विष्णु और राजेश, रामपुर के रामगोपाल सहित अन्य किसानों की भी फसल बीमा की राशि हड़प ली गई।
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