यूपी  हाईकोर्ट ने यूपी में ओबीसी की 18 जातियों को एससी में शामिल करने की अधिसूचना को किया रद्द

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में ओबीसी की 18 जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने को चुनौती देने वाली अधिसूचना के खिलाफ याचिका आज मंजूर कर ली। प्रदेश सरकार की तरफ से महाधिवक्ता अजय मिश्रा ने सरकार का पक्ष रखा तथा कहा कि भारतीय संविधान का प्रावधान इस मामले में साफ व स्पष्ट है। कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद याचिका को मंजूर कर लिया तथा अधिसूचना को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह इस सम्बन्ध में एक विस्तृत आदेश देगी।

हाईकोर्ट ने इससे पूर्व ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर  रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से लगभग 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन याचिकाओं में जवाब दाखिल नहीं  किया गया, जबकि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पिछली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था। यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जे जे मुनीर की खंडपीठ ने डॉक्टर बीआर अंबेडकर ग्रंथालय एवं जनकल्याण द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में ओबीसी की 18 जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने को चुनौती देने वाली अधिसूचना के खिलाफ याचिका आज मंजूर कर ली। प्रदेश सरकार की तरफ से महाधिवक्ता अजय मिश्रा ने सरकार का पक्ष रखा तथा कहा कि भारतीय संविधान का प्रावधान इस मामले में साफ व स्पष्ट है। कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद याचिका को मंजूर कर लिया तथा अधिसूचना को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह इस सम्बन्ध में एक विस्तृत आदेश देगी।

हाईकोर्ट ने इससे पूर्व ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर  रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से लगभग 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन याचिकाओं में जवाब दाखिल नहीं  किया गया, जबकि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पिछली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था। यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जे जे मुनीर की खंडपीठ ने डॉक्टर बीआर अंबेडकर ग्रंथालय एवं जनकल्याण द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है।

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