सावधान! जा सकती है मेहनत की कमाई: आठ महीनों में 15 बने साइबर ठगी का शिकार, एक्सपर्ट के अनुसार बरतें ये सावधानी

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डिजिटल के इस दौर में साइबर के जरिए ठगी करने वाले आपको केवाईसी, इनाम या सस्ते सामान का लालच देकर आपकी मेहनत की कमाई उड़ा सकते हैं। जिले में साइबर ठगी की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है।  इस साल के आठ महीने में साइबर ठगी के 15 मामले साइबर सेल में दर्ज हुए। इन 15 लोगों से 6, 40, 794 रुपये की ठगी हुई।
हालांकि समय पर सूचना मिलने से सक्रिय हुई साइबर सेल ने 4, 26, 171 रुपये वापस दिलाए। साइबर ठगी के मामलों की जांच में साइबर सेल टीम भी हैरत में है। आए दिन ठगी का नया तरीका सामने आ रहा है। किसी को फोन करके इनाम का लालच देकर मैसेज भेजते हैं। बहाने से ओटीपी ले लेते हैं और लिंक भेजकर, क्यूआर कोड स्कैन कराकर ऑनलाइन ठगी करते हैं।

इनामी लकी ड्रा में नंबर आने, लाखों कीमत का सामान हजारों में देने का झांसा, बैंक अधिकारी बताकर एटीएम या बैंक खाते की जानकारी के बहाने एटीएम कोड लेकर यूपीआई कोड की जानकारी लेकर, या फिर गूगल पे के माध्यम से भी जालसाजी कर रकम उड़ा रहे हैं। साइबर सेल एक्सपर्ट कुमुदेश कुमार ने बताया कि लोग लालच या झांसे में न आएं और अपने बैंक, एटीएम कार्ड व अन्य जानकारी अनजान को न दें तो वह साइबर ठगी से बच सकते हैं।

बरतें ये सावधानी
अनचाहे मेल को तुरंत डिलीट करें। सोशल मीडिया का सावधानी से प्रयोग करें। फेसबुक पर किसी अनजान की फ्रैंड रिक्वेस्ट को अनदेखा करें। इंटरनेट पर निजी जानकारी साझा न करें। लॉटरी जीतने वाली कॉल, एसएमएस या ईमेल का जवाब न दें। अपने ओटीपी, यूपीआई पिन, एटीएम कार्ड की जानकारी न दें। एटीएम से रुपये निकालते समय ध्यान रखें कि कोई दूसरे व्यक्ति आपका कार्ड बदल न ले। एटीएम कार्ड लगाने से पहले जांच लें कि मशीन में स्कीमर या कैमरा तो नहीं लगा है।

ठगी होते ही ये करें
हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं या फिर साइबर सेल की अधिकारिक वेबसाइट पर भी अपनी शिकायत कर सकते हैं। साइबर सेल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में प्रार्थनापत्र के साथ पासबुक की फोटो कॉपी दें। जिस ऐप के माध्यम से ठगी हुई है उसका स्क्रीन शॉट भेजें। एटीएम कार्ड का नंबर पुलिस को ही दें। संबंधित बैंक प्रबंधन को भी प्रार्थनापत्र दें।

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केस-1
सफीपुर के उलरापुर गांव निवासी सतीश कुमार को 23 जून को फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि आप की पत्नी को जननी सुरक्षा योजना के तहत दस हजार रुपये जारी हुए हैं। झांसे में आकर अपना बैंक खाता नंबर व अन्य जानकारी साझा कर दीं। इसके बाद खाते से 85 हजार रुपये निकल गए।

केस-2
मौरावां थानाक्षेत्र के हिलौली निवासी अजय कुमार से साइबर ठगों ने 70 हजार रुपये उड़ा दिए। पीड़ित के अनुसार 24 अप्रैल को सस्ते मेडिकल उपकरणों का व्यापार का झांसा देकर डिलीवरी के नाम पर 70 हजार रुपये ले लिए। माल न मिलने पर उसे ठगी की जानकारी हुई। साइबर सेल ने प्रयास कर 37, 500 रुपये वापस कराएं हैं।

विस्तार

डिजिटल के इस दौर में साइबर के जरिए ठगी करने वाले आपको केवाईसी, इनाम या सस्ते सामान का लालच देकर आपकी मेहनत की कमाई उड़ा सकते हैं। जिले में साइबर ठगी की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है।  इस साल के आठ महीने में साइबर ठगी के 15 मामले साइबर सेल में दर्ज हुए। इन 15 लोगों से 6, 40, 794 रुपये की ठगी हुई।

हालांकि समय पर सूचना मिलने से सक्रिय हुई साइबर सेल ने 4, 26, 171 रुपये वापस दिलाए। साइबर ठगी के मामलों की जांच में साइबर सेल टीम भी हैरत में है। आए दिन ठगी का नया तरीका सामने आ रहा है। किसी को फोन करके इनाम का लालच देकर मैसेज भेजते हैं। बहाने से ओटीपी ले लेते हैं और लिंक भेजकर, क्यूआर कोड स्कैन कराकर ऑनलाइन ठगी करते हैं।

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