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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा वित्त विहीन विद्यालयों की मान्यता के लिए जारी की गईं नई शर्तों/ मानकों पर बड़ी संख्या में आपत्तियां आई हैं। अंतिम तिथि 28 अगस्त तक परिषद को आठ सौ से अधिक आपत्तियां वेबसाइट पर प्राप्त हुई हैं। इसमें सबसे अधिक आपत्तियां स्कूल भूमि के क्षेत्रफल और शुल्क को लेकर है। अब परिषद इन आपत्तियों पर विचार कर आवश्यक कार्रवाई करेगा।
वित्त विहीन विद्यालयों की मान्यता की नई शर्तें लागू करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। 23 अगस्त को यूपी बोर्ड ने परिषद की वेबसाइट पर मान्यता के लिए नए मानक/ शर्तों को अपलोड कर आपत्तियां मांगी थीं। आम लोगों को 28 अगस्त तक परिषद की वेबसाइट पर अपने सुझाव और आपत्तियां देनी थीं।
अंतिम तिथि बीतने के बाद यूपी बोर्ड को आठ सौ से अधिक आपत्तियां मिली हैं। इसमें सबसे अधिक आपत्तियां कॉलेज के लिए निर्धारित भूमि के क्षेत्रफल को लेकर आई हैं। नई मान्यता के लिए परिषद की ओर से क्षेत्रफल निर्धारित किया गया है, शहरी क्षेत्र में उतनी जमीन मिलनी मुश्किल है। ऐसे में शहरी क्षेत्र में नए कॉलेज नहीं खुल पाएंगे। भूमि के बाद सबसे आपत्तियां मान्यता शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर आई हैं।
पहले पहली बार परीक्षा के लिए 30 हजार रुपये शुल्क निर्धारित था, वहीं अब इसे हाईस्कूल के लिए बढ़ाकर 50 हजार रुपये रखा गया है। इसके अलावा अन्य शुल्क भी लगभग दो गुना तक बढ़ाए गए हैं। वहीं, अन्य शर्तों प्रभूत कोष, पंजीकरण समिति, आवेदन शुल्क आदि को लेकर भी आपत्तियां आई हैं।
आपत्तियों पर विचार के बाद मान्यता की नई शर्तों पर लगेगी अंतिम मुहर
यूपी बोर्ड अब वित्त विहीन विद्यालयों की मान्यता की नई शर्तों पर आई आपत्तियों पर विचार करेगा। इसके बाद इन शर्तों में आवश्यक संशोधन कर अंतिम मुहर लगाएगा। यूपी बोर्ड ने मान्यता के लिए जो नई शर्तें रखी हैं, वह सीबीएसई के बराबर हैं।
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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा वित्त विहीन विद्यालयों की मान्यता के लिए जारी की गईं नई शर्तों/ मानकों पर बड़ी संख्या में आपत्तियां आई हैं। अंतिम तिथि 28 अगस्त तक परिषद को आठ सौ से अधिक आपत्तियां वेबसाइट पर प्राप्त हुई हैं। इसमें सबसे अधिक आपत्तियां स्कूल भूमि के क्षेत्रफल और शुल्क को लेकर है। अब परिषद इन आपत्तियों पर विचार कर आवश्यक कार्रवाई करेगा।
वित्त विहीन विद्यालयों की मान्यता की नई शर्तें लागू करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। 23 अगस्त को यूपी बोर्ड ने परिषद की वेबसाइट पर मान्यता के लिए नए मानक/ शर्तों को अपलोड कर आपत्तियां मांगी थीं। आम लोगों को 28 अगस्त तक परिषद की वेबसाइट पर अपने सुझाव और आपत्तियां देनी थीं।
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