्रदूषित हो गया है तीन गांवों का भूगर्भ जल

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असोहा। ब्लॉक में लोन नदी के किनारे बसे बैगांव, मंगतखेड़ा और मझखोरिया में हैंडपंप फ्लोराइड उगल रहे हैं। प्रधानों और सचिवों ने पानी की जांच कराई तो इसकी पुष्टि हुई। ब्लॉक अधिकारियों ने हैंडपंपों पर लाल निशान लगवाकर ग्रामीणों से इनका पानी न पीने की अपील की है।
टेनरियों का दूषित पानी छोड़े जाने से लोन नदी प्रदूषित हो चुकी है। इसी कारण असोहा ब्लॉक में नदी किनारे बसे गांवों में भी दूषित पानी आ रहा है। बैगांव, मंगतखेड़ा और मझखोरिया का यही हाल है। अमर उजाला ने 14 अगस्त को दूषित पानी के प्रयोग से हाथ पैर टेढ़े होने की खबर प्रकाशित की थी। इसे संज्ञान में लेकर डीएम अपूर्वा दुबे ने सीडीओ से रिपोर्ट मांगी थी।
सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने 22 अगस्त को बीडीओ असोहा डॉ. संतोष श्रीवास्तव से आख्या तलब की। बैगांव में प्रधान अनिल विमल और सचिव राकेश सिंह ने गांव में दूषित पानी की जांच कराई तो इसमें फ्लोराइड की अधिकता की पुष्टि हुई। इसी प्रकार मंगतखेड़ा में प्रधान मनोज दुबे और सचिव ओपी पटेल ने गांव में लगे 28 हैंडपंपों के पानी की जांच कराई तो छह का पानी पीने योग्य नहीं मिला। मझखोरिया में प्रधानपति विकास अवस्थी और सचिव ओपी पटेल ने गांव के 31 हैंडपंपों की जांच कराई। जिसमें आठ का पानी दूषित मिला।
ग्राम पंचायतों को दी गई टेस्टिंग किट से हैंडपंपों के पानी की जांच कराई गई है। इनका पानी पीने योग्य नहीं मिला है। फ्लोराइड की अधिकता मिली है। इससे संबंधित पत्र उच्चाधिकारियों को भेजा गया है। शुद्ध पानी के लिए गांव में गहरी बोरिंग या टंकी बनवाने के साथ टेनरियों का दूषित पानी छोड़े जाने से रोकने की मांग की गई है। सीएमओ से बीमारियों की रोकथाम के लिए टीम भेजने को कहा गया है।- डॉ. संतोष श्रीवास्तव, बीडीओ असोहा।

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असोहा। ब्लॉक में लोन नदी के किनारे बसे बैगांव, मंगतखेड़ा और मझखोरिया में हैंडपंप फ्लोराइड उगल रहे हैं। प्रधानों और सचिवों ने पानी की जांच कराई तो इसकी पुष्टि हुई। ब्लॉक अधिकारियों ने हैंडपंपों पर लाल निशान लगवाकर ग्रामीणों से इनका पानी न पीने की अपील की है।

टेनरियों का दूषित पानी छोड़े जाने से लोन नदी प्रदूषित हो चुकी है। इसी कारण असोहा ब्लॉक में नदी किनारे बसे गांवों में भी दूषित पानी आ रहा है। बैगांव, मंगतखेड़ा और मझखोरिया का यही हाल है। अमर उजाला ने 14 अगस्त को दूषित पानी के प्रयोग से हाथ पैर टेढ़े होने की खबर प्रकाशित की थी। इसे संज्ञान में लेकर डीएम अपूर्वा दुबे ने सीडीओ से रिपोर्ट मांगी थी।

सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने 22 अगस्त को बीडीओ असोहा डॉ. संतोष श्रीवास्तव से आख्या तलब की। बैगांव में प्रधान अनिल विमल और सचिव राकेश सिंह ने गांव में दूषित पानी की जांच कराई तो इसमें फ्लोराइड की अधिकता की पुष्टि हुई। इसी प्रकार मंगतखेड़ा में प्रधान मनोज दुबे और सचिव ओपी पटेल ने गांव में लगे 28 हैंडपंपों के पानी की जांच कराई तो छह का पानी पीने योग्य नहीं मिला। मझखोरिया में प्रधानपति विकास अवस्थी और सचिव ओपी पटेल ने गांव के 31 हैंडपंपों की जांच कराई। जिसमें आठ का पानी दूषित मिला।

ग्राम पंचायतों को दी गई टेस्टिंग किट से हैंडपंपों के पानी की जांच कराई गई है। इनका पानी पीने योग्य नहीं मिला है। फ्लोराइड की अधिकता मिली है। इससे संबंधित पत्र उच्चाधिकारियों को भेजा गया है। शुद्ध पानी के लिए गांव में गहरी बोरिंग या टंकी बनवाने के साथ टेनरियों का दूषित पानी छोड़े जाने से रोकने की मांग की गई है। सीएमओ से बीमारियों की रोकथाम के लिए टीम भेजने को कहा गया है।- डॉ. संतोष श्रीवास्तव, बीडीओ असोहा।

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