राहत: निर्मल होगी गंगा, मिलेगी चमड़ा उद्योग को संजीवनी

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उन्नाव। पांच साल पहले एनजीटी के मानकों पर फेल हुए जिले के दोनों कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) में सुधार करने की तैयारी है। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के तहत केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे गंगा निर्मल होंगी ओर पाबंदियां झेल रहे चर्म उद्योग और टेनरियों को भी राहत मिलेगी।
दोनों सीईटीपी के सुधार पर 218 करोड़ रुपये खर्च आएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद बंथर सीईटीपी में काम शुरू हो गया है। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज के आधार पर तैयार करने का काम दो साल में पूरा हो जाएगा। गंगा नदी और पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एनजीटी की सख्ती पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मानकों में बदलाव किए थे। वर्ष 2017 में औद्योगिक क्षेत्र बंथर और दही चौकी के सीईटीपी को अपग्रेड करने की योजना तैयार की गई थी। बंथर औद्योगिक क्षेत्र की सीईटीपी पर 111 करोड़ और दही चौकी क्षेत्र के प्लांट पर 107 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इस तरह कम होगा प्रदूषण
अत्याधुनिक तकनीक के उपकरण लगने के बाद सीईटीपी से निकलने वाले पानी में क्रोमियम, फ्लोराइड, सीओडी (केमिकल ऑक्सीजन डिमांड), पीएचबी, बीओडी और एसएस (सब स्टैंड सॉलिड) पानी से अलग किया जा सकेगा। इससे गंगा नदी में प्रदूषण कम होगा। सुधार में खर्च होने वाली लागत की 25 फीसदी धनराशि उन उद्यमियों देनी होगी, जो इन कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट में अपनी इकाई का पानी साफ करते हैं।
उत्प्रवाह में 50 फीसदी की कमी
प्रदूषण के कारण प्रतिबंध झेल रहीं 41 टेनरियों से पांच साल से आधा उत्प्रवाह और उत्पादन हो रहा है। दही चौकी सीईटीपी में प्रतिदिन 20 लाख लीटर (दो एमएलडी) पानी आता था लेकिन वर्तमान में 10-11 लाख लीटर पानी आ रहा है। वहीं बंथर सीईटीपी में औसतन 30 लाख लीटर (3 एमएलडी) के स्थान पर 15-16 लाख लीटर पानी आ रहा है।
सीईटीपी के सलाहकार आशुतोष टंडन ने बताया कि एनएमसीजी से स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद बंथर सीईटीपी को अपग्रेड करने की शुरुआत हो गई है। वाटर ट्रीटमेंट और प्यूरीफायर यूनिट में अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे।
चर्म उद्योग संघ के उन्नाव चैप्टर के अध्यक्ष मो. ताज आलम ने बताया कि एनजीटी की सख्ती पर वर्ष 2017 से टेनरियों पर आधा उत्प्रवाह करने की पाबंदी लगी है। इससे उत्पादन भी आधा करना पड़ा। बताया कि कोविड के बाद से चर्म उद्योग की हालत खराब है। सीईटीपी अपग्रेड होने के बाद टेनरियों का संचालन पूरी क्षमता से होने से राहत मिलेगी।

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उन्नाव। पांच साल पहले एनजीटी के मानकों पर फेल हुए जिले के दोनों कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) में सुधार करने की तैयारी है। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के तहत केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे गंगा निर्मल होंगी ओर पाबंदियां झेल रहे चर्म उद्योग और टेनरियों को भी राहत मिलेगी।

दोनों सीईटीपी के सुधार पर 218 करोड़ रुपये खर्च आएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद बंथर सीईटीपी में काम शुरू हो गया है। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज के आधार पर तैयार करने का काम दो साल में पूरा हो जाएगा। गंगा नदी और पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एनजीटी की सख्ती पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मानकों में बदलाव किए थे। वर्ष 2017 में औद्योगिक क्षेत्र बंथर और दही चौकी के सीईटीपी को अपग्रेड करने की योजना तैयार की गई थी। बंथर औद्योगिक क्षेत्र की सीईटीपी पर 111 करोड़ और दही चौकी क्षेत्र के प्लांट पर 107 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इस तरह कम होगा प्रदूषण

अत्याधुनिक तकनीक के उपकरण लगने के बाद सीईटीपी से निकलने वाले पानी में क्रोमियम, फ्लोराइड, सीओडी (केमिकल ऑक्सीजन डिमांड), पीएचबी, बीओडी और एसएस (सब स्टैंड सॉलिड) पानी से अलग किया जा सकेगा। इससे गंगा नदी में प्रदूषण कम होगा। सुधार में खर्च होने वाली लागत की 25 फीसदी धनराशि उन उद्यमियों देनी होगी, जो इन कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट में अपनी इकाई का पानी साफ करते हैं।

उत्प्रवाह में 50 फीसदी की कमी

प्रदूषण के कारण प्रतिबंध झेल रहीं 41 टेनरियों से पांच साल से आधा उत्प्रवाह और उत्पादन हो रहा है। दही चौकी सीईटीपी में प्रतिदिन 20 लाख लीटर (दो एमएलडी) पानी आता था लेकिन वर्तमान में 10-11 लाख लीटर पानी आ रहा है। वहीं बंथर सीईटीपी में औसतन 30 लाख लीटर (3 एमएलडी) के स्थान पर 15-16 लाख लीटर पानी आ रहा है।

सीईटीपी के सलाहकार आशुतोष टंडन ने बताया कि एनएमसीजी से स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद बंथर सीईटीपी को अपग्रेड करने की शुरुआत हो गई है। वाटर ट्रीटमेंट और प्यूरीफायर यूनिट में अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे।

चर्म उद्योग संघ के उन्नाव चैप्टर के अध्यक्ष मो. ताज आलम ने बताया कि एनजीटी की सख्ती पर वर्ष 2017 से टेनरियों पर आधा उत्प्रवाह करने की पाबंदी लगी है। इससे उत्पादन भी आधा करना पड़ा। बताया कि कोविड के बाद से चर्म उद्योग की हालत खराब है। सीईटीपी अपग्रेड होने के बाद टेनरियों का संचालन पूरी क्षमता से होने से राहत मिलेगी।

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