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उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (अनुगम) की स्वरोजगार योजनाओं का लाभ लेने के लिए अधिकतम आय सीमा की शर्त को खत्म कर दिया गया है। अनुसूचित जाति का कोई भी व्यक्ति इन योजनाओं का लाभ ले सकेगा, लेकिन ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
स्वरोजगार की इकाई समूह में स्थापित करनी होगी और अनुदान की सीमा भी प्रति लाभार्थी 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई है। उत्तर प्रदेश अनुगम की योजनाओं में पात्रता के लिए अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 47,080 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये वार्षिक आय सीमा थी।
जुलाई 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आय और अनुदान सीमा में वृद्धि के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया था। इसी के तहत केंद्र सरकार ने पात्रता के लिए आय सीमा और अनुदान राशि में बड़ा बदलाव किया है।
योजना का नाम भी बदला
अनुगम के चेयरमैन डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि उप्र. अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाएं अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के नाम से जानी जाएंगी। केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार ने दलित दंश समाप्त करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाकर दलितों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए बड़ा कदम उठाया है।
डॉ. निर्मल ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति बहुल गांवों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित होगी। इसके तहत व्यक्तिपरक परियोजनाओं की जगह दलितों के समूहों को उद्यमी बनाया जाएगा। लाभार्थियों के प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण दिलाने व उनके उद्यम पर निगरानी की व्यवस्था की गई है। लाभार्थियों के उत्पादों को बाजार मुहैया कराने की व्यवस्था भी की गई है। प्रदेश में 6171 अनुसूचित जाति बहुल गावों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किए जाने की योजना बनाई गई है।
विस्तार
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (अनुगम) की स्वरोजगार योजनाओं का लाभ लेने के लिए अधिकतम आय सीमा की शर्त को खत्म कर दिया गया है। अनुसूचित जाति का कोई भी व्यक्ति इन योजनाओं का लाभ ले सकेगा, लेकिन ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
स्वरोजगार की इकाई समूह में स्थापित करनी होगी और अनुदान की सीमा भी प्रति लाभार्थी 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई है। उत्तर प्रदेश अनुगम की योजनाओं में पात्रता के लिए अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 47,080 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये वार्षिक आय सीमा थी।
जुलाई 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आय और अनुदान सीमा में वृद्धि के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया था। इसी के तहत केंद्र सरकार ने पात्रता के लिए आय सीमा और अनुदान राशि में बड़ा बदलाव किया है।
योजना का नाम भी बदला
अनुगम के चेयरमैन डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि उप्र. अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाएं अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के नाम से जानी जाएंगी। केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार ने दलित दंश समाप्त करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाकर दलितों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए बड़ा कदम उठाया है।
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