मेरठ के नौचंदी थाना क्षेत्र के सेक्टर-13 पीर वाली गली निवासी प्रदीप (28) पुत्र देवेंद्र की बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह अपने घर में बैठा हुआ था। इसी दौरान बाइक सवार बदमाश पहुंचे और घर में घुसकर हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। बता दें कि
नौचंदी थाना क्षेत्र की अति संवेदनशील पुलिस चौकी से चंद कदमों की दूरी पर दिनदहाड़े यह सनसनीखेज वारदात हुई। घटना की सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल कर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। देर रात गमगीन माहौल में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
शास्त्रीनगर एल-ब्लॉक पुलिस चौकी से 500 मीटर दूर सेक्टर-13 में बुधवार सुबह 11:30 बजे प्रदीप शर्मा (35) की तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। प्रदीप के पिता देेवेंद्र शर्मा ने पुत्रवधू नीतू पर भाड़े के दो शूटरों से हत्या कराने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। बाइक से भागते शूटर सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए हैं। तीन दिन पहले देवेंद्र ने तीन बीघा जमीन 12 लाख में बेची थी। आरोप है कि इस जमीन पर नीतू की नजर थी।
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प्रदीप मूल रूप से खरखौदा के बवनपुरा गांव निवासी थे। बड़े भाई राहुल की दुर्घटना में मौत के बाद उनकी पत्नी नीतू से प्रदीप ने शादी कर ली थी। ये दोनों बेटे पीयूष (13), बेटी पीहू (10) के साथ शास्त्रीनगर में रहते थे। दंपती के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद रहता था।
करीब छह महीने पहले प्रदीप पर गोली चली थी। तब प्रदीप ने पत्नी नीतू और साले दीपांशु उर्फ दीपू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसके बाद से नीतू ने प्रदीप को घर में नहीं घुसने दिया। एक सप्ताह पहले ही आना-जाना शुरू हुआ।
बुधवार को प्रदीप नीतू से मिलने के लिए ड्राइवर भीष्म के साथ कार से शास्त्रीनगर पहुंचे थे। तभी घात लगाए दो बदमाशों ने हमला बोल दिया। एक बदमाश बाइक स्टार्ट किए खड़ा था, जबकि दूसरे ने गोली चलाई। प्रदीप को मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि हत्यारोपी पत्नी नीतू को गिरफ्तार कर लिया गया है। दो अन्य बदमाशों की तलाश जारी है।
मकान पर कब्जे की नीयत से दीपू ने मारी थी प्रदीप को गोली
दीपांशू उर्फ दीपू शातिर किस्म का व्यक्ति है। वह प्रदीप के मकान पर कब्जा करना चाहता था। मकान पर कब्जा करने की नीयत से ही छह माह पहले दीपू ने प्रदीप पर जानलेवा हमला किया था। इस मामले में दीपू के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, पर गिरफ्तारी नहीं हुई।